जयपुर. राजधानी के झालाना स्थित प्रादेशिक परिवहन विभाग में शुक्रवार को कुछ विकलांग अपना लाइसेंस बनवाने पहुंचे तो उनके मेडिकल सर्टिफिकेट पर ये लिख कर लौटा दिया गया कि उन्हें कोरोना होने की संभावना है, इसकी जांच कराएं. पीड़ित विकलांगों ने अपनी समस्या ईटीवी भारत को बताई.
पीड़ितों ने बताया कि वह पिछले 4 दिनों से लाइसेंस बनवाने के लिए झालाना कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.रोजाना कोई नया बहाना बनाकर उनका लाइसेंस नहीं बनाया जाता है. शुक्रवार को जब विकलांग अपना मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर RTO पहुंचे तो कोरोना वायरस का बहाना बनाकर अधिकारी ने उनका लाइसेंस नही बनाया.
पीड़ितों ने जब उच्च स्तर के अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की तो उन्होंने 4 दिव्यांगों में से एक का लाइसेंस बनाया और बाद में उसे फेल कर दिया. वहीं बाकी बचे 3 और दिव्यांगों के कागज पर लिख दिया कि वह पहले कोरोना वायरस की जांच कराएं. उन्हें कोरोना होने की संभावना भी है. जिसके बाद विकलांग झालाना आरटीओ कार्यालय के बाहर आए और इंस्पेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
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वहीं विकलांगों ने परिवहन आयुक्त रवि जैन के नाम एक ज्ञापन भी दिया गया है. ज्ञापन में लिखा है कि जल्द ही परिवहन विभाग में लगे लाइसेंस के इंस्पेक्टर राजेश चौधरी पर कानूनी कार्रवाई की जाए. वहीं दूसरे विकलांग ने भी अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि जब वह लाइसेंस बनवाने गया तो इंस्पेक्टर ने उनसे कहा कि आपको कोरोना है. पहले आप अपनी जांच करवाएं, उसके बाद ही अपना लाइसेंस बनवाने के लिए यहां पर आएं.
मामले को लेकर जब परिवहन विभाग के अधिकारियों से इस बारे में जानने की कोशिश की तो परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर से लेकर उच्च स्तर के अधिकारी तक इस मामले पर किसी भी तरह का बयान देने से कतरा रहे हैं.