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जयपुर: वुमनिया बैंड की धमाकेदार प्रस्तुति के साथ ‘डिवाइन कॉर्ड्स' म्यूजिक फेस्टिवल का आगाज - जयपुर म्यूजिक फेस्टिवल खबर

जयपुर में वुमनिया बैंड की धमाकेदार प्रस्तुति के साथ 'डिवाइन कॉर्ड्स' म्यूजिक फेस्टिवल की शुरुआत हुई. फेस्टिवल में सोमवार को अनुपमा भागवत का सितार वादन होगा और मंगलवार को इनडिवा बैंड वादन. साथ ही बुधवार को स्त्री शक्ति बैंड की खास प्रस्तुति होगी.

डिवाइन कॉर्ड्स म्यूजिक फेस्टिवल, Divine Cards music festival
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Published : Nov 24, 2019, 11:46 PM IST

जयपुर. जवाहर कला केंद्र में चार दिवसीय म्यूजिक फेस्टिवल ‘डिवाइन कॉर्ड्स' की रविवार को शानदार शुरुआत हुई. फेस्टिवल में प्रथम दिन उत्तराखंड के ‘वुमनिया बैंड' की ओर से बॉलीवुड, गढ़वाली लोक गीत और सूफी गीतों में वेस्टर्न म्यूजिक के शानदार फ्यूजन पर संगीत प्रेमी झूम उठे. महिला सशक्तिकरण, प्रेम और आध्यात्म से परिपूर्ण मधुर गीत सुन सभी श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों की भरपूर सराहना की.

‘डिवाइन कॉर्ड्स' म्यूजिक फेस्टिवल का आगाज

कार्यक्रम की शुरुआत बैंड की ओर से रचित गीत ‘‘ऐ खुदा तु गुम है कहां" से हुई. इसके बाद कलाकारों ने बॉलीवुड फिल्म ‘डोर‘ का गीत ‘‘ये हौसला कैसे झुके" पेश कर देश में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया. बैंड की एक और कम्पोजिशन ‘बेसब्र मंजिलें हमारे इंतजार में हैं' गीत के माध्यम से बैंड ने महिलाओं का हौसला बढ़ाया गया.

पढ़ें: राजस्थान की न्यायिक परीक्षा में टॉपर बने 21 वर्ष के मयंक, देखें खास इंटरव्यू

उन्होंने हाल ही में रिलीज फिल्म ‘सांड की आंख' का टाईटल गीत ‘तेरे लिए दूनिया छोड़ दी' भी सुनाया. वहीं बैंड द्वारा सूफी प्रस्तुति में कबीर की गजल ‘हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या?' के अतिरिक्त फरीदा खान की ओर से गाई गजल ‘आज जाने की जिद ना करो' गा कर सभी का दिल जीत लिया.

गौरतलब है कि बैंड गीतों के जरिए महिलाओं के प्रति समाज के रवैये में परिवर्तन लाने का इस बैंड का प्रयास है. इसका उद्देश्य ऐसा माहौल बनाना है, जहां महिलाओं की आवाज को सुना जाए और इस पर ध्यान दिया जाए. बता दें कि फेस्टिवल में सोमवार को अनुपमा भागवत का सितार वादन होगा और मंगलवार को इनडिवा बैंड वादन. जबकि बुधवार को स्त्री शक्ति बैंड की खास प्रस्तुति होगी.

जयपुर. जवाहर कला केंद्र में चार दिवसीय म्यूजिक फेस्टिवल ‘डिवाइन कॉर्ड्स' की रविवार को शानदार शुरुआत हुई. फेस्टिवल में प्रथम दिन उत्तराखंड के ‘वुमनिया बैंड' की ओर से बॉलीवुड, गढ़वाली लोक गीत और सूफी गीतों में वेस्टर्न म्यूजिक के शानदार फ्यूजन पर संगीत प्रेमी झूम उठे. महिला सशक्तिकरण, प्रेम और आध्यात्म से परिपूर्ण मधुर गीत सुन सभी श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों की भरपूर सराहना की.

‘डिवाइन कॉर्ड्स' म्यूजिक फेस्टिवल का आगाज

कार्यक्रम की शुरुआत बैंड की ओर से रचित गीत ‘‘ऐ खुदा तु गुम है कहां" से हुई. इसके बाद कलाकारों ने बॉलीवुड फिल्म ‘डोर‘ का गीत ‘‘ये हौसला कैसे झुके" पेश कर देश में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया. बैंड की एक और कम्पोजिशन ‘बेसब्र मंजिलें हमारे इंतजार में हैं' गीत के माध्यम से बैंड ने महिलाओं का हौसला बढ़ाया गया.

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उन्होंने हाल ही में रिलीज फिल्म ‘सांड की आंख' का टाईटल गीत ‘तेरे लिए दूनिया छोड़ दी' भी सुनाया. वहीं बैंड द्वारा सूफी प्रस्तुति में कबीर की गजल ‘हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या?' के अतिरिक्त फरीदा खान की ओर से गाई गजल ‘आज जाने की जिद ना करो' गा कर सभी का दिल जीत लिया.

गौरतलब है कि बैंड गीतों के जरिए महिलाओं के प्रति समाज के रवैये में परिवर्तन लाने का इस बैंड का प्रयास है. इसका उद्देश्य ऐसा माहौल बनाना है, जहां महिलाओं की आवाज को सुना जाए और इस पर ध्यान दिया जाए. बता दें कि फेस्टिवल में सोमवार को अनुपमा भागवत का सितार वादन होगा और मंगलवार को इनडिवा बैंड वादन. जबकि बुधवार को स्त्री शक्ति बैंड की खास प्रस्तुति होगी.

Intro:वुमनिया बैंड की धमाकेदार प्रस्तुति के साथ 'डिवाइन कॉर्ड्स‘ म्यूजिक फेस्टिवल की शुरूआत हुई. फेस्टिवल में सोमवार को अनुपमा भागवत का सितार वादन होगा और मंगलवार को इनडिवा बैंड वादन. साथ ही बुधवार को स्त्री शक्ति बैंड की खास प्रस्तुति होगी.Body:जयपुर : जवाहर कला केंद्र में मध्यवर्ती में चार दिवसीय म्यूजिक फेस्टिवल ‘डिवाइन कॉर्ड्स‘ की रविवार को शानदार शुरूआत हुई. फेस्टिवल में प्रथम दिन उत्तराखंड के ‘वुमनिया बैंड‘ द्वारा बॉलीवुड, गढ़वाली लोक गीत एवं सूफी गानों में वेस्टर्न म्यूजिक के शानदार फ्यूजन पर संगीतप्रेमी झूम उठे. महिला सशक्तिकरण, प्रेम और आध्यात्म से परिपूर्ण मधुर गीत सुन सभी श्रोताओं ने तालियों से कलाकारों की भरपूर सराहना की.

कार्यक्रम का आरम्भ बैंड द्वारा रचित गीत ‘‘ऐ खुदा तु गुम है कहां‘ से हुई. इसके बाद कलाकारों ने बॉलीवुड फिल्म ‘डोर‘ का गीत ‘‘ये हौसला कैसे झुके‘‘ पेश कर देश में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया. बैंड की एक और कम्पोजिशन ‘बेसब्र मंजिलें हमारे इंतजार में हैं‘ गीत के माध्यम से बैंड ने महिलाओं का हौसला बढ़ाया. उन्होंने हाल ही में रिलीज फिल्म ‘सांड की आंख‘ का टाईटल गीत ‘तेरे लिए दूनिया छोड दी‘ भी सुनाया. वही बैंड द्वारा सूफी प्रस्तुति में कबीर के कलाम ‘हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या?‘ के अतिरिक्त फरीदा खान द्वारा गायी गज़ल ‘आज जाने की जिद ना करो‘ गा कर सभी का दिल जीत लिया.

गौरतलब है, कि बैंड गीतों के जरिए महिलाओं के प्रति समाज के रवैये में परिवर्तन लाने का बैंड का प्रयास है. इसका उद्देश्य ऐसा माहौल बनाना है, जहां महिलाओं की आवाज को सुना जाए और इस पर ध्यान दिया जाए.Conclusion:...
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