जयपुर. प्रदेश भाजपा का हरावल दस्ता माने जाने वाला युवा मोर्चा इन दिनों राजस्थान में अपनी सक्रियता के लिए काफी चर्चित है, लेकिन संगठनात्मक 10 जिले हैं जहां मोर्चे को अपने जिला अध्यक्ष के लिए उपयुक्त चेहरा नहीं मिल पा रहा. या यूं कहे की चेहरे तो बहुत है लेकिन उनमें से एक ही का चयन पार्टी संगठन के लिए मुश्किलों भरा काम साबित हो रहा है.
दरअसल युवा मोर्चा राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के 10 जिलों में अपना जिला अध्यक्ष घोषित नहीं कर पाया. जयपुर में तो स्थिति बिल्कुल अलग है क्योंकि यहां मोर्चा जिला अध्यक्ष पद के कई दावेदार हैं और मौजूदा विधायक से लेकर जयपुर शहर अध्यक्ष तक मोर्चे में अपने मनमाफिक कार्यकर्ता को जिला अध्यक्ष बनाना चाहते है.
वहीं, कुछ मामलों में उम्र का मापदंड भी आड़े आ रहा है. जिसके चलते जयपुर में युवा मोर्चा के धरने प्रदर्शन में तो भीड़ जुट रही है, लेकिन मोर्चा के जिला अध्यक्ष के नाम का ऐलान करने से पार्टी फिलहाल बच रही है.
युवा मोर्चा ने पिछले दिनों 34 जिलों में मोर्चा अध्यक्षों की घोषणा कर दी थी जिनमें विवाद केवल करौली भाजयुमो जिला अध्यक्ष के नाम पर हुआ और यह विवाद करौली से जयपुर तक आ पहुंचा. विवाद का कारण था करौली मोर्चा नवनियुक्त जिलाध्यक्ष अंकित शर्मा का कांग्रेस से पुराना नाता.
स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने अंकित शर्मा को कांग्रेस कार्यकर्ता बताकर उसकी नियुक्ति पर विरोध जाहिर किया था. हालांकि संगठन के स्तर पर इस विरोध पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन माना जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद भाजपा संगठन बचे हुए 10 जिलों में मोर्चा अध्यक्ष का नाम सोच समझकर और पूरी जांच परख करने के बाद ही घोषित करेगा, ताकि भविष्य में उससे जुड़ा कोई विवाद ना हो.
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मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा के अनुसार जिन 10 जिलों में अब तक जिला अध्यक्षों की घोषणा नहीं हुई. वहां इस पद के लिए कई दावेदार हैं. जिनके चयन का काम करना अभी बाकी है जल्द ही आम सहमति से इन जिलों में भी घोषणा कर दी जाएगी.