जयपुर. प्रदेश में 20 और 21 सितंबर को जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इस सम्मेलन में प्रदेशभर के शिक्षक संगठन शिक्षा में गुणवत्ता, शैक्षिणक कार्यों पर मंथन करेंगे. शैक्षिक सम्मेलन को लेकर शिक्षा विभाग ने दो दिवसीय अवकाश भी घोषित किया है. जिसके चलते अब शैक्षिक सम्मेलन से शिक्षकों का रुझान कम होता जा रहा है.इसका शिक्षक संगठनों ने विरोध भी जताया है. शिक्षक संगठनों ने कहा कि दो दिवसीय अवकाश घोषित करके सरकार संगठनों की कमर तोड़ने में लगी है.
इस मौके पर राजस्थान माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शशि भूषण शर्मा ने बताया कि दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन के लिए राज्य सरकार ने अवकाश घोषित किया है लेकिन 80 प्रतिशत शिक्षक सम्मेलन में भाग नहीं लेते हैं और घर पर छुट्टियां मनाने निकल जाते हैं. वहीं, विभाग में ज्यादातर महिला शिक्षिकाएं काम कर रही हैं. वे अपने घर को संभालने चली जाती हैं. उन्होंने कहा कि संगठन में शिक्षक की उपस्थिति नहीं होने से संगठन को अपनी बात सरकार तक रखने में परेशानी होती है क्योंकि संख्याबल ही अपनी आवाज मजबूती से रख सकता है.
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शिक्षक संघ ने सरकार से मांग की है कि शैक्षिक सम्मेलन के अवकाश को बंद किया जाना चाहिए साथ ही उन्हीं शिक्षकों को अवकाश दिया जाना चाहिए जो सम्मेलन में मौजूद हों, जिससे स्कूल में पढ़ाई भी बाधित ना हो. शिविरा पंचांग के अनुसार साल में दो बार शैक्षिक सम्मेलन हुआ करता है जिसमें इस बार सिंतबर में जिला स्तरीय और नवंबर में राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन होना है.