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राजस्थान विधानसभा में किसानों की ऋण माफी पर हुई चर्चा, कटारिया ने कांग्रेस पर किए कटाक्ष

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को किसानों की ऋण माफी पर चर्चा हुई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि 10 दिन में किसानों के ऋण माफी की बात की थी, वादा पूरा नहीं हुआ तो जनता ने लोकसभा चुनाव में सबक सिखाया है. इसके बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कटारिया के आरोपों पर जवाब दिया.

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया
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Published : Jun 29, 2019, 1:14 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को किसानों की ऋण माफी को लेकर चर्चा हुई. चर्चा में बड़ी संख्या में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भाग लिया. इस चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 10 दिन में ऋण माफी की जो बात लिखी थी, वह संभव नहीं थी. क्योंकि 10 दिन में तो यह भी पता नहीं लग सकता कि किसके नाम पर लोन है और कितना लोन है.

कटारिया ने कटाक्ष करते हुए कहा कि घोषणापत्र में केवल शब्दों का जाल बनाकर राजनीति को रसातल पर ले जाने का काम हुआ है. वहीं, उन्होंने गंगानगर के किसान की आत्महत्या को लेकर कहा कि सुसाइड नोट ही एक तरीके से इतना पुख्ता एविडेंस है, जिसे कानून भी मानता है. अन्य राज्यों से तुलना करते हुए किसान सम्मान निधि में राजस्थान के इसलिए पीछे होने की बात कही, क्योंकि राजस्थान सरकार किसानों का डाटा नहीं दे रही है. कटारिया ने कहा कि प्रदेश में 2800000 किसान हैं, उनमें से 1493000 किसानों को ही किसान सम्मान निधि की राशि मिली है. शेष की राशि बाकी है. वहीं दूसरी किस्त तो केवल 49000 किसानों को ही मिली है. यह सरकार की लापरवाही से हुआ.

राजस्थान विधानसभा में किसानों की ऋण माफी पर हुई चर्चा

इसके बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कटारिया के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जो 10 दिन में कर्ज माफी की घोषणा थी, वह राहुल गांधी ने पूरे देश के किसानों की हालत देखकर की थी, ऐसी घोषणा कर्नाटक में भी सरकार बनने के बाद पूरी हुई, उसके बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी सरकार बनने के बाद में की गई. वहीं, मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि गंगानगर से आने वाले किसान के बारे में जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सिंडीकेट बैंक से उनका लोन था. वहीं उन्होंने सुसाइड नोट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी जांच हो रही है कि यह सुसाइड नोट बाद में क्यों मिला.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को किसानों की ऋण माफी को लेकर चर्चा हुई. चर्चा में बड़ी संख्या में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भाग लिया. इस चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 10 दिन में ऋण माफी की जो बात लिखी थी, वह संभव नहीं थी. क्योंकि 10 दिन में तो यह भी पता नहीं लग सकता कि किसके नाम पर लोन है और कितना लोन है.

कटारिया ने कटाक्ष करते हुए कहा कि घोषणापत्र में केवल शब्दों का जाल बनाकर राजनीति को रसातल पर ले जाने का काम हुआ है. वहीं, उन्होंने गंगानगर के किसान की आत्महत्या को लेकर कहा कि सुसाइड नोट ही एक तरीके से इतना पुख्ता एविडेंस है, जिसे कानून भी मानता है. अन्य राज्यों से तुलना करते हुए किसान सम्मान निधि में राजस्थान के इसलिए पीछे होने की बात कही, क्योंकि राजस्थान सरकार किसानों का डाटा नहीं दे रही है. कटारिया ने कहा कि प्रदेश में 2800000 किसान हैं, उनमें से 1493000 किसानों को ही किसान सम्मान निधि की राशि मिली है. शेष की राशि बाकी है. वहीं दूसरी किस्त तो केवल 49000 किसानों को ही मिली है. यह सरकार की लापरवाही से हुआ.

राजस्थान विधानसभा में किसानों की ऋण माफी पर हुई चर्चा

इसके बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कटारिया के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जो 10 दिन में कर्ज माफी की घोषणा थी, वह राहुल गांधी ने पूरे देश के किसानों की हालत देखकर की थी, ऐसी घोषणा कर्नाटक में भी सरकार बनने के बाद पूरी हुई, उसके बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी सरकार बनने के बाद में की गई. वहीं, मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि गंगानगर से आने वाले किसान के बारे में जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सिंडीकेट बैंक से उनका लोन था. वहीं उन्होंने सुसाइड नोट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी जांच हो रही है कि यह सुसाइड नोट बाद में क्यों मिला.

Intro:राजस्थान विधानसभा में आज किसानों की ऋण माफी पर हुई चर्चा नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया बोले 10 दिन में किसानों के ऋण माफी की बात की थी वादा पूरा नहीं हुआ तो जनता ने लोकसभा चुनाव में सिखाया सबक अब कम से कम सरकार यह बता दे कि कितने किसानों को कितना लोन दिया है मंत्री बोले वादा निभाया लिस्ट डाल दी ऑनलाइन कोई भी देख ले विधान सभा हुई 8 जुलाई को सुबह 11:00 बजे तक स्थगित


Body:राजस्थान विधानसभा में आज किसानों की ऋण माफी को लेकर चर्चा हुई चर्चा में बड़ी संख्या में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भाग लिया इस चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 10 दिन में ऋण देने की जो बात लिखी थी वह संभव नहीं थी क्योंकि 10 दिन में तो यह भी पता नहीं लग सकता कि किसके नाम पर लोन है और कितना लोन है कटारिया ने कटाक्ष करते हुए कहा कि घोषणापत्र में केवल शब्दों का जाल बनाकर राजनीति को रसातल पर ले जाने का काम हुआ है वहीं उन्होंने गंगानगर के किसान की आत्महत्या को लेकर कहा कि सुसाइड नोट ही एक तरीके से इतना पुख्ता एविडेंस है जिसे कानून भी मानता है अन्य राज्यों से तुलना करते हुए किसान सम्मान निधि मैं राजस्थान के इसलिए पीछे होने की बात कही क्योंकि राजस्थान सरकार किसानों का डाटा नहीं दे रही है कटारिया ने कहा कि प्रदेश में 2800000 किसान हैं उनमें से 1493000 किसानों को ही किसान सम्मान निधि की राशि मिली है शेष को बाकी है तो वहीं दूसरी किस तो केवल 49000 किसानों को ही मिली है यह सरकार की लापरवाही से हुई मंत्री ने भी कटारिया के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जो 10 दिन में कर्ज माफी की घोषणा थी वह राहुल गांधी ने पूरे देश के किसानों की हालत देखकर की थी ऐसी घोषणा कर्नाटक में भी सरकार बनने के बाद पूरी हुई उसके बाद में राजस्थान छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी सरकार बनने के बाद में की गई वही मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि गंगानगर से आने वाले किसान के बारे में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार सिंडीकेट बैंक से उनका लोन था लेकिन उसको किसी ने अब तक कोई नहीं दिया था वहीं उन्होंने सुसाइड नोट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी जांच हो रही है कि यह सुसाइड नोट बाद में क्यों मिला
गुलाबचंद कटारिया नेता प्रतिपक्ष
प्रताप सिंह खाचरियावास परिवहन मंत्री


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