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विधानसभा में दिल्ली सरकार के कामकाज की चर्चा, कांग्रेस विधायक अमीन खां ने कहा- केजरीवाल से लेनी चाहिए सीख

राजस्थान विधानसभा में भी केजरीवाल और उनकी सरकार के कामकाज की चर्चा दिखी. कांग्रेस विधायक अमीन खां ने कहा कि केजरीवाल से सीख लेनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों के बजाए गरीब लोगों की सहूलियत और सुविधा पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए.

राजस्थान विधानसभा न्यूज , Rajasthan Vidhan Sabha News
विधानसभा में केजरीवाल के कामकाज की चर्चा
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Published : Feb 12, 2020, 8:35 PM IST

जयपुर. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की लगातार दूसरी बड़ी जीत के बाद हर तरफ केजरीवाल और उनके विकास मॉडल की चर्चा हो रही है. राजस्थान विधानसभा में भी केजरीवाल और उनकी सरकार के कामकाज की चर्चा दिखी. बाड़मेर के शिव से विधायक और पूर्व में मंत्री रहे अमीन खां ने अपनी ही सरकार को इस मुद्दे पर नसीहत दे डाली.

राजस्थान विधानसभा में केजरीवाल के कामकाज की चर्चा

राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलने के दौरान अमीन खां ने केजरीवाल के कामकाज का गुणगान किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल की सरकार ने आम जनता की सहूलियत का ध्यान रखा. उन्होंने केजरीवाल के शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था के मॉडल को सराहा. खां ने कहा कि केजरीवाल ने गरीब आदमियों के बच्चों के लिए स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था की. इसके साथ ही बीमारी के समय लोगों को समय पर उचित इलाज मिल जाए इसके लिए भी मेडिकल व्यवस्थाओं पर पूरा ध्यान दिया गया.

पढ़ें- विश्वविद्यालयों ने भर्तियों के जरिए बेरोजगारों से वसूले 1 करोड़ से अधिक रुपए, मंत्री ने कही ये बड़ी बात...

अमीन खां ने अपनी ही सरकार को चेताते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था पर राजस्थान में भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा ऐसा ना हो कि गरीब के बच्चे अनपढ़ रह जाएं और उसका ठीकरा भी सरकार के माथे आए. उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि सभी को इस बात पर मंथन करना चाहिए कि आखिर केजरीवाल ने क्या काम किया जो बड़ी जीत के साथ फिर से सत्ता में आए हैं.

पूर्व मंत्री ने अपनी ही सरकार को खरी-खरी सुनाते हुए कहा, कि उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को खुश करने की कोशिश होती दिखाई देती है, जिससे गरीब आदमी उनसे दूर हो रहा है. उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों के बजाए गरीब लोगों की सहूलियत और सुविधा पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए. दूरदराज के इलाकों में चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था में कमजोरी का कारण बताते हुए कहा कि कई बार डॉक्टर, टीचर और दूसरे कर्मचारी बाड़मेर-जैसलमेर जैसे इलाकों में नहीं जाते हैं.

पढ़ें- विधानसभा में गूंजा बाल श्रम और मानव तस्करी का मामला, श्रम मंत्री ने जताई यह मजबूरी!

अमीन खां ने सरकार को उसकी ताकत का याद दिलाते हुए कहा कि जो सरकारी नौकर है और सरकार से हर एक तारीख को तनख्वाह लेता है, उसे राज्य का आदेश मानना ही पड़ेगा. इसके साथ ही विकल्प सुझाते हुए उन्होंने कहा कि अगर बड़े डॉक्टर नहीं जाते हैं, तब भी उप स्वास्थ्य केंद्रों पर नर्स और कंपाउंडर की तो बढ़िया व्यवस्था होनी ही चाहिए. खां ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं समय पर होनी चाहिए.

जयपुर. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की लगातार दूसरी बड़ी जीत के बाद हर तरफ केजरीवाल और उनके विकास मॉडल की चर्चा हो रही है. राजस्थान विधानसभा में भी केजरीवाल और उनकी सरकार के कामकाज की चर्चा दिखी. बाड़मेर के शिव से विधायक और पूर्व में मंत्री रहे अमीन खां ने अपनी ही सरकार को इस मुद्दे पर नसीहत दे डाली.

राजस्थान विधानसभा में केजरीवाल के कामकाज की चर्चा

राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलने के दौरान अमीन खां ने केजरीवाल के कामकाज का गुणगान किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल की सरकार ने आम जनता की सहूलियत का ध्यान रखा. उन्होंने केजरीवाल के शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था के मॉडल को सराहा. खां ने कहा कि केजरीवाल ने गरीब आदमियों के बच्चों के लिए स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था की. इसके साथ ही बीमारी के समय लोगों को समय पर उचित इलाज मिल जाए इसके लिए भी मेडिकल व्यवस्थाओं पर पूरा ध्यान दिया गया.

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अमीन खां ने अपनी ही सरकार को चेताते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था पर राजस्थान में भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा ऐसा ना हो कि गरीब के बच्चे अनपढ़ रह जाएं और उसका ठीकरा भी सरकार के माथे आए. उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि सभी को इस बात पर मंथन करना चाहिए कि आखिर केजरीवाल ने क्या काम किया जो बड़ी जीत के साथ फिर से सत्ता में आए हैं.

पूर्व मंत्री ने अपनी ही सरकार को खरी-खरी सुनाते हुए कहा, कि उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को खुश करने की कोशिश होती दिखाई देती है, जिससे गरीब आदमी उनसे दूर हो रहा है. उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों के बजाए गरीब लोगों की सहूलियत और सुविधा पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए. दूरदराज के इलाकों में चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था में कमजोरी का कारण बताते हुए कहा कि कई बार डॉक्टर, टीचर और दूसरे कर्मचारी बाड़मेर-जैसलमेर जैसे इलाकों में नहीं जाते हैं.

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अमीन खां ने सरकार को उसकी ताकत का याद दिलाते हुए कहा कि जो सरकारी नौकर है और सरकार से हर एक तारीख को तनख्वाह लेता है, उसे राज्य का आदेश मानना ही पड़ेगा. इसके साथ ही विकल्प सुझाते हुए उन्होंने कहा कि अगर बड़े डॉक्टर नहीं जाते हैं, तब भी उप स्वास्थ्य केंद्रों पर नर्स और कंपाउंडर की तो बढ़िया व्यवस्था होनी ही चाहिए. खां ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं समय पर होनी चाहिए.

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