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सदन में बवाल उठने से पहले सरकार का एक्शन, दलित युवक की पुलिस कस्टडी में मौत पर चर्चा आज

बाड़मेर में पुलिस कस्टडी में हुई दलित युवक की मौत के मामले में शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा रखी गई है. जिसमें सरकार अपना जवाब देते हुए घटना की जानकारी सदन में देगी. लेकिन इस मामले में सरकार की ओर से एसपी को गुरुवार देर रात एपीओ कर दिया गया. ऐसे में अब विपक्ष सदन में केवल कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा कर पाएगा.

discussion in the assembly regarding barmer incident, पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत के मामले में विधानसभा में चर्चा
पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत के मामले में विधानसभा में चर्चा आज
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Published : Feb 28, 2020, 10:34 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 12:27 PM IST

जयपुर. बाड़मेर के ग्रामीण पुलिस थाने में दलित युवक जितेंद्र को बिना किसी अपराध और बिना मुकदमे के 24 घंटे पुलिस हिरासत में रखना और कस्टडी में उसकी मौत हो जाने के मामले में शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में चर्चा रखी गई है. जिसमें सरकार अपना जवाब देते हुए घटना की जानकारी सदन में देगी.

पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत के मामले में विधानसभा में चर्चा आज

इस चर्चा में यह तय था कि विपक्ष हंगामा करता और इस मामले में एसपी को हटाने की मांग करता. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर एक रात पहले ही निर्णय लेते हुए ना केवल बाड़मेर ग्रामीण के थानाधिकारी दीप सिंह और पूरे थाने को लाइन हाजिर किया है, बल्कि बाड़मेर एसपी शरद चौधरी को भी एपीओ कर दिया है.

पढ़ें- पुलिस हिरासत में दलित युवक मौत प्रकरण, बाड़मेर SP शरद चौधरी और DSP को किया APO

ऐसे में शुक्रवार को सदन में विपक्ष के पास केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने के अलावा कोई अन्य मांग करना मुश्किल ही दिखाई दे रहा है. बाड़मेर मामले में सरकार ने राजनीतिक सूझबूझ दिखाई है और इसी के चलते इस मामले में सदन में नागौर में दलित युवक की पिटाई के मामले की तरह सरकार नहीं घिरेगी.

पढ़ेंः बाड़मेर: युवक की संदिग्ध हालत में मौत पर SHO निलंबित, पूरा थाना लाइन हाजिर

जिसमें पूरे विपक्ष ने पुलिस पर कार्रवाई करने की मांग की थी. सदन में हुए हंगामे और थाना अधिकारी पर कार्रवाई के बाद भी विपक्ष की मांग थी कि नागौर एसपी पर भी कार्रवाई की जाए. लेकिन बाड़मेर मामले में सरकार अब विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं देना चाहती थी. ऐसे में सदन में सवाल उठने से पहले ही इस कार्रवाई से सरकार ने अपना बचाव कर लिया है. हालांकि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सदन में सरकार को विपक्ष के आरोप झेलने पड़ेंगे.

जयपुर. बाड़मेर के ग्रामीण पुलिस थाने में दलित युवक जितेंद्र को बिना किसी अपराध और बिना मुकदमे के 24 घंटे पुलिस हिरासत में रखना और कस्टडी में उसकी मौत हो जाने के मामले में शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में चर्चा रखी गई है. जिसमें सरकार अपना जवाब देते हुए घटना की जानकारी सदन में देगी.

पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत के मामले में विधानसभा में चर्चा आज

इस चर्चा में यह तय था कि विपक्ष हंगामा करता और इस मामले में एसपी को हटाने की मांग करता. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर एक रात पहले ही निर्णय लेते हुए ना केवल बाड़मेर ग्रामीण के थानाधिकारी दीप सिंह और पूरे थाने को लाइन हाजिर किया है, बल्कि बाड़मेर एसपी शरद चौधरी को भी एपीओ कर दिया है.

पढ़ें- पुलिस हिरासत में दलित युवक मौत प्रकरण, बाड़मेर SP शरद चौधरी और DSP को किया APO

ऐसे में शुक्रवार को सदन में विपक्ष के पास केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने के अलावा कोई अन्य मांग करना मुश्किल ही दिखाई दे रहा है. बाड़मेर मामले में सरकार ने राजनीतिक सूझबूझ दिखाई है और इसी के चलते इस मामले में सदन में नागौर में दलित युवक की पिटाई के मामले की तरह सरकार नहीं घिरेगी.

पढ़ेंः बाड़मेर: युवक की संदिग्ध हालत में मौत पर SHO निलंबित, पूरा थाना लाइन हाजिर

जिसमें पूरे विपक्ष ने पुलिस पर कार्रवाई करने की मांग की थी. सदन में हुए हंगामे और थाना अधिकारी पर कार्रवाई के बाद भी विपक्ष की मांग थी कि नागौर एसपी पर भी कार्रवाई की जाए. लेकिन बाड़मेर मामले में सरकार अब विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं देना चाहती थी. ऐसे में सदन में सवाल उठने से पहले ही इस कार्रवाई से सरकार ने अपना बचाव कर लिया है. हालांकि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सदन में सरकार को विपक्ष के आरोप झेलने पड़ेंगे.

Last Updated : Feb 28, 2020, 12:27 PM IST
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