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कोरोना का खौफ: मीटर रीडिंग लेने से डर रहे डिस्कॉमकर्मी, एमडी ने कहा- औसत के आधार पर बिल बनाने का विचार - मीटर रीडिंग लेने से डर रहे कर्मचारी

वैश्विक महामारी कोरोना वारयस के संक्रमण के कारण डिस्कॉम कर्मचारी घर-घर जाकर मीटर रिडिंग लेने से कतरा रहे हैं. कर्मचारी एक बार में 2 महीने का रिडिंग लेने की बात कर रहे हैं. इसको लेकर डिस्कॉम प्रबंधन ने 6 मार्च तक कर्मचारियों को फील्ड में नहीं भेजने का निर्णय लिया है. साथ ही प्रबंधन औसत के आधार पर बिल भेजने को लेकर विचार कर रहा है.

मीटर रीडिंग लेने से डर रहे कर्मचारी, afraid of take meter reading, Jaipur Discom
संंक्रमण के डर से मीटर रीडिंग लेने से कतरा रहें क्रमचारी
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Published : Mar 29, 2020, 8:04 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के बीच अब घर-घर जाकर बिजली की रीडिंग करने और बिल देने वाले कर्मचारियों कि मन में भी संक्रमण का भय हो गया है. यही कारण है कि कर्मचारी हर महीने बिलिंग के जगह 2 महीने में एक बार बिलिंग की मांग कर रहे हैं. हालांकि इस बीच अब डिस्कॉम प्रबंधन ने आगामी 6 अप्रैल तक रीडिंग के लिए कर्मचारियों को फील्ड में नहीं भेजने का फैसला लिया है, साथ ही अगला बिल औसत के आधार पर भेजे जाने पर भी विचार कर रही है.

संंक्रमण के डर से मीटर रीडिंग लेने से कतरा रहे कर्मचारी

जयपुर डिस्कॉम एमडी एके गुप्ता के अनुसार कर्मचारी संगठनों की मांग पर आगामी 6 अप्रैल को समीक्षा के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा. लेकिन जो भी फैसला होगा वह कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा. गुप्ता के अनुसार आगामी 6 अप्रैल तक फील्ड में मीटर रीडिंग के लिए जाने वाले कर्मचारियों को आदेश दिया गया है कि, वे फिलहाल रीडिंग के लिए नहीं जाएं.

गुप्ता ने बताया कि यथासंभव औसत के आधार पर ही बिल बनाए जाने का विचार चल रहा है और बिल का डिस्ट्रीब्यूशन भी यदि सुरक्षित नहीं हुआ तो बिजली उपभोक्ताओं को एसएमएस और ईमेल के जरिए ही बिल भेजा जाएगा. एके गुप्ता ने डिस्कॉम कर्मचारियों को कहा है, कि वह सुरक्षा के प्रति निश्चिंत रहें क्योंकि कर्मचारियों की सुरक्षा और आमजन की सेवा डिस्कॉम की प्राथमिकता है.

ये पढ़ेंः हारेगा कोरोना: CM गहलोत का PM मोदी को पत्र, 'सभी राज्यों को एकमुश्त 1 लाख करोड़ अनुदान उपलब्ध कराने का अनुरोध'

विद्युत विनियामक आयोग का है आदेश

कर्मचारी संगठन और कर्मचारी नेताओं की मांग कोरोना के संक्रमण के कारण व्याप्त हुआ भय है. लेकिन डिस्कॉम प्रबंधन के समक्ष राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के आदेशों की पालना कराना भी एक बड़ी चुनौती है. दरअसल, हर महीने बिजली के बिल जारी करने के आदेश राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के थे, जिसकी पालना में ही जयपुर डिस्कॉम ने 2 महीने के बजाय प्रत्येक महीने बिजली बिल जारी कराने शुरू किए थे. अब यदि इस व्यवस्था में फेरबदल करना है तो आयोग से आदेश लेनी होगी.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के बीच अब घर-घर जाकर बिजली की रीडिंग करने और बिल देने वाले कर्मचारियों कि मन में भी संक्रमण का भय हो गया है. यही कारण है कि कर्मचारी हर महीने बिलिंग के जगह 2 महीने में एक बार बिलिंग की मांग कर रहे हैं. हालांकि इस बीच अब डिस्कॉम प्रबंधन ने आगामी 6 अप्रैल तक रीडिंग के लिए कर्मचारियों को फील्ड में नहीं भेजने का फैसला लिया है, साथ ही अगला बिल औसत के आधार पर भेजे जाने पर भी विचार कर रही है.

संंक्रमण के डर से मीटर रीडिंग लेने से कतरा रहे कर्मचारी

जयपुर डिस्कॉम एमडी एके गुप्ता के अनुसार कर्मचारी संगठनों की मांग पर आगामी 6 अप्रैल को समीक्षा के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा. लेकिन जो भी फैसला होगा वह कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा. गुप्ता के अनुसार आगामी 6 अप्रैल तक फील्ड में मीटर रीडिंग के लिए जाने वाले कर्मचारियों को आदेश दिया गया है कि, वे फिलहाल रीडिंग के लिए नहीं जाएं.

गुप्ता ने बताया कि यथासंभव औसत के आधार पर ही बिल बनाए जाने का विचार चल रहा है और बिल का डिस्ट्रीब्यूशन भी यदि सुरक्षित नहीं हुआ तो बिजली उपभोक्ताओं को एसएमएस और ईमेल के जरिए ही बिल भेजा जाएगा. एके गुप्ता ने डिस्कॉम कर्मचारियों को कहा है, कि वह सुरक्षा के प्रति निश्चिंत रहें क्योंकि कर्मचारियों की सुरक्षा और आमजन की सेवा डिस्कॉम की प्राथमिकता है.

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विद्युत विनियामक आयोग का है आदेश

कर्मचारी संगठन और कर्मचारी नेताओं की मांग कोरोना के संक्रमण के कारण व्याप्त हुआ भय है. लेकिन डिस्कॉम प्रबंधन के समक्ष राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के आदेशों की पालना कराना भी एक बड़ी चुनौती है. दरअसल, हर महीने बिजली के बिल जारी करने के आदेश राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के थे, जिसकी पालना में ही जयपुर डिस्कॉम ने 2 महीने के बजाय प्रत्येक महीने बिजली बिल जारी कराने शुरू किए थे. अब यदि इस व्यवस्था में फेरबदल करना है तो आयोग से आदेश लेनी होगी.

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