जयपुर. राजधानी के लिए रिंग रोड भले ही बड़ी सौगात हो, लेकिन इस रिंग रोड के लिए जिन किसानों की जमीन जेडीए ने अवाप्त की थी. उनमें कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिसमें जेडीए ने जरूरत से ज्यादा जमीन अवाप्त कर ली. वो किसान आज भी सचिवालय और जेडीए के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
ऐसा ही एक मामला बस्सी के गांव कानड़वास का है. जहां जेडीए प्रशासन ने साल 2008 में एक किसान परिवार की 18 बीघा 10 बिस्वा जमीन ज्यादा अवाप्त कर ली. बीते साल सरकार ने अतिरिक्त जमीन लौटाने का नीतिगत निर्णय भी लिया. लेकिन ये फाइल अब तक जेडीए के दफ्तर में घूम रही है. जबकि इस परिवार के तीन काश्तकारों की तो मौत भी हो चुकी है. अब अकेला दिव्यांग किसान न्याय की लड़ाई लड़ रहा है.
यह भी पढ़ें: स्पेशल : आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं...राजस्थान में आंकड़े चौंकाने वाले
बीते 12 साल से हर महीने 4 से 8 बार जेडीए में चक्कर काटने वाले दिव्यांग हैं काश्तकार रामनारायण शर्मा. बस्सी तहसील में बूरथल पंचायत के कानड़वास गांव में रहने वाले रामनारायण के परिवार की 18 बीघा 14 बिस्वा जमीन जेडीए ने साल 2008 में रिंग रोड के लिए अवाप्त की थी. जबकि रिंग रोड परियोजना में इस खसरा की मात्र 4 बिस्वा जमीन ही आई. ऐसे में 18 बीघा 10 बिस्वा जमीन अवाप्ति से मुक्त कराने के लिए रामनारायण का परिवार कई साल से जेडीए और सचिवालय के चक्कर काट रहा है. विडंबना ये है कि जेडीए ने जिस परिवार की जमीन अवाप्त की, उस परिवार के चार सदस्य तो न्याय की आस में अब इस दुनिया में ही नहीं रहे.
यह भी पढ़ें: SPECIAL : देश के साथ गद्दारी करने वाले जासूसों को इस तरह से दबोचती है राजस्थान पुलिस...2 साल में 11 जासूस गिरफ्तार
मामले की तह में गए तो सामने आया कि बीते साल 29 जनवरी को जेडीए के तत्कालीन सचिव ने नगरीय विकास विभाग को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि इस जमीन को अवाप्ति से मुक्त किए जाने में जेडीए को कोई आपत्ति नहीं है. इस पर 19 मार्च को नगरीय विकास विभाग के संयुक्त शासन सचिव (तृतीय) के कार्यालय से जेडीए को पत्र आया, जिसमें धारा 24 (2) के तहत जमीन अवाप्ति से मुक्त समझे जाने का जिक्र किया गया. बावजूद इसके अब तक जमीन लौटाई नहीं गई. अब वर्तमान जेडीए सचिव ने नगरीय विकास विभाग को पत्र लिखकर नियमों का हवाला देते हुए दोबारा मार्गदर्शन मांगा है.
यह भी पढ़ें: स्पेशल: विलक्षण प्रतिभा की 'तेजस्विनी' न School गई न Tuition, फिर भी कंठस्थ हैं GK के सैकड़ों प्रश्नों के उत्तर
अजमेर रोड, टोंक रोड और आगरा रोड को जोड़ने वाली दक्षिणी रिंग रोड पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है. सरकार दूसरे फेस उत्तरी रिंग रोड बनाने की तैयारी में जुट गई है. लेकिन जेडीए ने दक्षिणी रिंग रोड बनाने के समय, जिन किसानों से जमीन ली थी. उनमें जरूरत से ज्यादा जमीन अवाप्ति करने का मामला भी सामने आया है, जिस पर जेडीए प्रशासन ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है.