जयपुर. मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने के अभियान में राजस्थान 2 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है. प्रदेश में धौलपुर जिला 71.35 प्रतिशत आंकड़े के साथ पहले पायदान पर (Dholpur tops in linking Aadhaar to Voter ID) है. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से शुरू किए गए इस अभियान में सर्वाधिक आवेदन गरुड़ा एप के माध्यम से प्राप्त हो रहे हैं. यह अभियान मतदाता के नाम का दोहराव और अन्य गड़बड़ियों को रोकने के लिए शुरू किया गया है.
2 करोड़ के पार हुआ आंकड़ा: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में 1 अगस्त से चल रहे मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने के अभियान में राजस्थान ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 2 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया (2 crore voter IDs linked to Aadhaar) है. उन्होंने बताया कि अब तक कुल 2 करोड़ 6 लाख 17 हजार 320 फॉर्म 6 बी के अंतर्गत प्राप्त हुए हैं. गुप्ता ने बताया कि 37 विधानसभा क्षेत्रों में 1.30 लाख से ज्यादा आधार जोड़े गए हैं. वहीं 7 विधानसभा क्षेत्रों में यह आंकड़ा 1.5 लाख को पार कर गया है. आधार जोड़ने में धौलपुर 71.35 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है. सवाईमाधोपुर 57.84 प्रतिशत, गंगानगर 53.56 प्रतिशत, अलवर 51.73 प्रतिशत, प्रतापगढ़ 51.58 प्रतिशत के साथ प्रदेश के अग्रणी जिले हैं. उन्होंने बताया कि राज्य का औसत प्रतिशत 40.58 है. वहीं सभी विधानसभा क्षेत्रों का औसत 1 लाख 3056 है.
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इन दस्तावेज से किया जा सकता आवेदन: प्रवीण गुप्ता ने कहा कि आवेदन ऑनलाइन वोटर हेल्पलाइन ऐप, नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल के माध्यम से भी कर सकते हैं. इसके लिए एक नया फॉर्म 6 बी भरा जाएगा. उन्होंने बताया कि जो मतदाता पहली बार अपना नाम जुड़वा रहे हैं, उनके पास आधार कार्ड नहीं है, तो वे मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेंशन दस्तावेज, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, शासकीय या अर्ध शासकीय सार्वजनिक क्षेत्र की ओर से जारी परिचय पत्र, सांसद, विधायक या विधान परिषद सदस्य का परिचय पत्र, सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से जारी परिचय पत्र भी प्रस्तुत कर सकते हैं. मतदाता परिचय पत्र स्पीड पोस्ट से घर पहुंचाए जाएंगे.
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मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण 9 नवंबर से: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण 9 नवंबर से किया जाएगा. मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन करके नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन करने या फिर स्थानांतरण के आवेदन लिए जाएंगे. 5 जनवरी 2023 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा. इससे पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नेतृत्व में सीईओ कार्यालय से लेकर बीएलओ तक इस अभियान की शानदार शुरुआत हुई.