जयपुर. भाजपा से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाहा के निष्कासन की जानकारी अब राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष को भी दे दी गई है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने (Gulab Chand Kataria Wrote a Letter to Rajasthan Assembly Speaker) इस संबंध में मंगलवार को स्पीकर सीपी जोशी को पत्र लिखकर यह जानकारी दी और विधानसभा में अंकित शोभारानी कुशवाहा के नाम के आगे से भाजपा विधायक शब्द हटाने का आग्रह किया.
ईटीवी भारत ने 17 जून को ही 'भाजपा से निष्कासित शोभारानी पर अब भी विधानसभा में भाजपा का ठप्पा, इस प्रक्रिया से होगा बदलाव' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर यह जानकारी दी थी कि शोभारानी के बीजेपी से निष्कासन के बाद भी राजस्थान विधानसभा में भाजपा विधायकों की सूची में शोभारानी कुशवाहा का नाम चल रहा है. कुशवाहा के नाम के आगे भाजपा विधायक भी लिखा है.
![Gulab Chand Kataria Wrote a Letter to Rajasthan Assembly Speaker](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-08-katarialetter-photonews-7201261_21062022201201_2106f_1655822521_922.jpg)
खबर के जरिए यह भी जानकारी दी गई थी कि भाजपा ने क्रॉस वोटिंग के मामले में शोभारानी को पार्टी से निलंबित और निष्कासित (Dholpur BJP MLA Shobha Rani Expulsion Case) तो कर दिया, लेकिन राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष को लिखित में इसकी जानकारी नहीं दी. जिसके चलते भाजपा विधायक को की सूची में से शोभारानी कुशवाहा के नाम के आगे से बीजेपी विधायक शब्द नहीं हटाया गया.
मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र लिखा और यह आग्रह किया. पत्र के साथ केंद्रीय अनुशासन समिति भाजपा का वह पत्र भी संलग्न किया गया, जिसमें धौलपुर से विधायक शोभारानी कुशवाहा को भाजपा से निलंबित करने के आदेश थे. अब कटारिया के इस पत्र के बाद विधानसभा की वेबसाइट व अन्य स्थानों पर जहां शोभारानी कुशवाहा के नाम के आगे भाजपा विधायक अंकित है, उसे हटाया जाएगा. साथ ही सदन में भी शोभारानी कुशवाहा के बैठने के स्थान में परिवर्तन किया जाएगा. शोभारानी कुशवाहा के भाजपा से निष्कासन के बाद सदन में भाजपा विधायकों की संख्या 70 रह गई है. शोभारानी कुशवाहा विधायक के तौर पर विधानसभा और सदन की कार्यवाही में तो शामिल होंगी, लेकिन बीजेपी से उसका संबद्धता नहीं रहेगी.
गौरतलब है कि 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में शोभारानी कुशवाहा ने भाजपा के निर्णय के खिलाफ जाकर कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के पक्ष में मतदान किया था. जिसके चलते 10 जून को ही कुशवाहा को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया और 14 जून को शोभारानी कुशवाहा को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था.