जयपुर. राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने मंगलवार को राजस्थान पुलिस एकेडमी में प्रदेश भर के विभिन्न जिलों से आए पुलिसकर्मियों के साथ लंच किया. इस मौके पर डीजीपी ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस दौरान डीजीपी सहित सभी पुलिस अधिकारियों ने पुलिस कर्मियों की हौसला अफजाई कर पीठ थपथपाई.
राजधानी के झोटवाड़ा थाने में तैनात एएसआई पदम सिंह को डीजीपी ने सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया. इसी तरह प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में सराहनीय कार्य करने वाले 16 पुलिसकर्मियों को डीजीपी ने लंच पर आमंत्रित किया था. डीजीपी ने सभी पुलिसकर्मियों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया.
एएसआई पदम सिंह ने 300 से ज्यादा गुमशुदा बेटियों को तलाश कर उनके परिवारों की खुशियां लौटाने का काम किया है. कई बार नाबालिग बच्चियां अगवा होकर अपने परिवार से बिछड़ जाती हैं. ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों सामने आया था जिसमें 14 वर्षीय स्कूली छात्रा को एएसआई ने नेपाल से बरामद किया. जिसे एक नेपाली व्यक्ति अगवा कर ले गया था.
जिसकी जांच एएसआई पदम सिंह को सौंपी गई. उन्होंने इस काम को महत्वता के साथ करते हुए नेपाल में एक नदी के किनारे मजदूरी करते हुए बच्ची को बरामद किया. झोटवाड़ा थाने में जब भी किसी बच्ची के गुमशुदा होने का मामला सामने आता है तो परिजन भी एएसआई पदम सिंह का नाम सुनकर उन्हें ही जांच सौपने की गुहार लगाते हैं.
पढ़ें- बहरोड़ जेल में बनेगी 150 कैदियों की क्षमता वाली बिल्डिंग, जेल डीआईजी ने किया निरीक्षण
ऐसा ही मामला करीब 2 सप्ताह पहले झोटवाड़ा थाने में दर्ज हुआ था. जिसको लेकर परिजनों ने एएसआई पदम सिंह से जांच करवाने की बात कही तो एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रथम अशोक गुप्ता ने एएसआई को पुलिस लाइन से थाने पर भेजा और मामले की जांच सौंपी. केवल 2 दिनों के अंदर ही एएसआई पदम सिंह ने एडिशनल पुलिस कमिश्नर अशोक गुप्ता को जानकारी देते हुए कहा कि सर लड़की को सकुशल बरामद कर लिया गया है. इसके लिए एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने एएसआई को शाबाशी दी.