जयपुर: राजधानी जयपुर की विद्याधर नगर थाना पुलिस ने सरकारी नौकरी करने वाली लड़कियों को फंसाकर ठगी करने वाले शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है. रविवार को पुलिस ने आरोपी सर्वेश कुमावत को गिरफ्तार किया है. आरोपी खुद को आईआरएस अधिकारी बताकर युवतियों से दोस्ती करता था. अपना बैंक अकाउंट ब्लॉक होने का झांसा देकर ठगी करता था. आरोपी ने करीब 25 से ज्यादा युवतियों से दोस्ती करके लाखों रुपए की ठगी की है. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से मिनिस्ट्री आफ फाइनेंस डिपार्टमेंट का डिप्टी मैनेजर का परिचय पत्र बरामद किया है.
डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा के मुताबिक 9 नवंबर को सब इंस्पेक्टर कृतिका गोयल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो केंद्रीय सदन सेक्टर 10 विद्याधर नगर जयपुर में पोस्टेड है. 6 नवंबर को मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप के जरिए उनके भाई ने एक व्हाट्सएप स्टेटस का स्क्रीनशॉट भेजा और बताया कि आपके नए जोनल डायरेक्टर आ रहे हैं. जिनका नाम सर्वेश कुमावत बताया गया.
स्पेशल टीम का किया गठन: सर्वेश कुमावत को 2020 बैच का आईआरएस अधिकारी बताया गया. स्क्रीनशॉट भेजे हुए आदेश पर विभाग का लोगो और सील लगी हुई थी. सर्वेश कुमावत ने फर्जी अधिकारी बनकर फर्जी आदेश जारी करके कई युवतियों से ठगी की है. पुलिस ने रिपोर्ट पर मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू की. काफी लोगों से फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल डीसीपी नॉर्थ बजरंग शेखावत और एसीपी शास्त्री नगर शिवरतन गोदारा के निर्देशन में विद्याधर नगर थाना अधिकारी राकेश ख्यालिया के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन किया गया.
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मोबाइल में कई फर्जी सर्टिफिकेट: पुलिस ने अथक प्रयास करते हुए मध्य प्रदेश, उज्जैन निवासी सर्वेश कुमार को गिरफ्तार किया. जांच में सामने आया कि आरोपी नारकोटिक्स विभाग जयपुर में जोनल डायरेक्टर पद पर कार्यरत बताकर सोशल मीडिया के माध्यम से सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं के साथ दोस्ती करता था. फिर अपने अकाउंट ब्लॉक होना बताकर लाखों रुपए की ठगी करता था. आरोपी के कब्जे से भारत सरकार राजस्व विभाग वित्त मंत्रालय का फर्जी परिचय पत्र, फर्जी प्रेस नोट और मोबाइल जब्त किया गया है. आरोपी के मोबाइल में कई फर्जी सर्टिफिकेट दस्तावेज हैं. कई हाई प्रोफाइल लोगों के साथ फोटो मिले हैं.
एडिट कर बनाए फर्जी सर्टिफिकेट: आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि फर्जी दस्तावेजों को विभिन्न एप के माध्यम से एडिट करके बनाया था. विभिन्न हाई प्रोफाइल लोगों के साथ भी फोटो एडिट करके प्रोफाइल पर लगाए थे. मोबाइल के विश्लेषण के आधार पर फर्जी आईआरएस कई लड़कियों को आईआरएस अधिकारी बताकर दोस्ती कर चुका है. अलग-अलग परिस्थितियों बताकर एयर टिकट, होटल बुकिंग समेत नगद राशि प्राप्त कर चुका है. पुलिस पीड़ितों से संपर्क करके मामले की जांच पड़ताल कर रही है.