जयपुर. शरद पूर्णिमा के बाद कार्तिक मास की शुरुआत 31 अक्टूबर से होने जा रही है. ऐसे में छोटी काशी के मंदिरों में इष्टदेव की सेवा पूजा में भी बदलाव होना शुरू हो जाएगा. वहीं, कोरोना को देखते हुए भक्तों को मंदिरों में प्रवेश नहीं मिलेगा. ऐसे में इस बार दर्शन की व्यवस्था भी ऑनलाइन ही रहेगी.
दरअसल दीपदान, दान पुण्य और भगवान विष्णु की आराधना का प्रिय महीना कार्तिक मास का शुभारंभ शनिवार से हो रहा है. जयपुर की स्थापना के बाद पहली बार ऐसा होगा जब श्रद्धालु कार्तिक मास में सुबह साक्षात ठाकुरजी के दर्शन नहीं कर सकेंगे. इसकी जगह सभी भक्त झांकियों के सोशल मीडिया के जरिए से दर्शन करेंगे. वहीं, मंदिरों में सभी धार्मिक कार्यक्रम बिना भक्तों के मंदिर महंत और सेवकों के सानिध्य में आयोजित होंगे.
आराध्य देव गोविंददेव जी मंदिर में भी 31 अक्टूबर से झांकियों के समय में बदलाव होगा. इसको लेकर मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि, कोरोना महामारी को देखते हुए 30 नवंबर तक भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे. ऐसे में सिर्फ मंदिर की वेबसाइट पर झांकियों के दर्शन भक्त कर सकेंगे. इसके साथ ही रमा एकादशी उत्सव 11 नवंबर और 26 नवंबर को देवउठनी एकादशी उत्सव बिना भक्तों की आवाजाही के होगा. वहीं, अन्नकूट दर्शन 15 नवंबर को दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक होंगे.
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इसके अलावा गोविंददेव जी मंदिर में मंगला झांकी अलसुबह 4.45 बजे से सुबह 5.15 बजे, धूप आरती सुबह 7.45 बजे से सुबह 9 बजे, श्रृंगार आरती सुबह 9.30 बजे से 10.15 बजे, राजभोग झांकी सुबह 11 बजे से 11.30 बजे, ग्वाल झांकी शाम 5.15 बजे से 5.45 बजे, संध्या झांकी शाम 6.15 बजे से 7.30 बजे, शयन झांकी रात 8.30 बजे से 9 बजे तक होगी.