जयपुर. यूपीए सरकार के समय केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से साल 2010 में केंद्र और राज्यों के मंत्रियों के लिए आचार संहिता तय की गई थी. इसके तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों को हर साल अपना और अपने परिवार के सदस्यों की संपत्ति, देनदारी और व्यापारिक हितों की जानकारी 31 अगस्त तक देना अनिवार्य किया गया था.
पिछली गहलोत सरकार के समय जब यह नियम बना तो गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों ने अपनी संपत्ति की घोषणा की, लेकिन उसके बाद बनी वसुंधरा सरकार में इस नियम के तहत मंत्रियों ने कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद अपनी संपत्ति का ब्यौरा अपनी सरकार के अंतिम साल में दिया. इसके बाद वह सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर कभी अपलोड नहीं हो सका.
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अब यही हाल गहलोत सरकार के समय में भी है. प्रदेश सरकार 17 दिसंबर को अपने 2 साल पूरे करने जा रही है, लेकिन अब तक एक बार भी मंत्रियों की संपत्ति का ब्यौरा सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुआ है. जबकि मंत्रियों को हर साल 31 अगस्त तक यह ब्यौरा सार्वजनिक करना होता है.
यह ब्योरा देना होता है मंत्रियों को...
मंत्री को अपने परिवार के सदस्यों की परिसंपत्तियों, लायबिलिटी और व्यापारिक हितों की जानकारी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को देनी होती है. इस ब्यौरे में सभी अचल संपत्ति, शेयर डिबेंचर, नकदी, आभूषण की कुल अनुमानित कीमत बतानी होती है. मंत्री बनने के बाद मंत्री और उसकी पत्नी को व्यापार और कार्यों के प्रबंधन स्वामित्व छोड़ने की जानकारी शामिल होती है.
हम दे चुके संपत्ति का ब्यौरा, वेबसाइट पर क्यों नहीं है इसकी जानकारी लेगें: खाचरियावास
पिछली गहलोत सरकार के समय मंत्रियों की संपत्ति वेबसाइट पर डाली गई थी, लेकिन इस बार 2 साल होने के बावजूद भी मंत्रियों की संपत्ति के बारे में जानकारी सामान्य प्रशासनिक विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है. इसको लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मंत्रियों की संपत्ति घोषित करने का कानून पिछली बार गहलोत सरकार के समय ही आया था और आज वही गहलोत सरकार प्रदेश में है.
खाचरियावास ने कहा कि हमने हमारी संपत्ति की सूचना चुनाव आयोग को भी दी है और सरकार को भी, यदि किसी मंत्री के पेपर्स में कोई कमी है तो सामान्य प्रशासन विभाग में बात कर लेंगे. हमने हमारी संपत्ति की घोषणा कर दी है और वह संपत्ति का ब्यौरा विभाग को जारी भी कर चुके हैं. अगर किसी ने जानकारी नहीं दी है तो वह भी दे देगा. मंत्रियों की संपत्ति का ब्यौरा वेबसाइट पर नहीं होने पर उन्होंने कहा कि वो जानकारी लेंगे कि हमारी संपत्ति का ब्यौरा क्यों नहीं डाला गया है.
चुनाव के समय राजस्थान के मंत्रियों ने यह बताई थी अपनी संपत्तियां:
अशोक गहलोत- मुख्यमंत्री
- चल संपत्ति- 1,44,69,362
- अचल संपत्ति- 5,09,00,950
- कुल संपत्ति-65370313( 6 करोड़ 53 लाख)
- देनदारी- कोई देवदारी नहीं
कैबिनेट मंत्री
सहकारिता मंत्री- उदयलाल आंजना
- चल संपत्ति- 55,89,86,373
- अचल संपत्ति- 51,97,60,000
- कुल संपत्ति-1,07,87,46,373 (107 करोड़)
- देनदारी -12,72,31,887 (12 करोड़ )
प्रमोद जैन भाया- खनन मंत्री
- चल संपत्ति- 9,86,13,117
- अचल संपत्ति-17,44,93,800
- कुल संपत्ति- 27,31,06,917( 27 करोड़)
- देनदारी- 7,71,96,819 (7 करोड़)
लालचंद कटारिया- कृषि मंत्री
- चल संपत्ति- 63,36,000
- अचल संपत्ति- 8,22,65,000
- कुल संपत्ति- 8,86,01,000( 8 करोड़ 86 लाख)
- देनदारी- 5,37,22,000( 5 करोड़ 37 लाख)
शांति धारीवाल- स्वायत्त शासन मंत्री
- चल संपत्ति -1,37,72,599
- अचल संपत्ति- 5,20,00,000
- कुल संपत्ति- 6,57,72,599 (6 करोड़ 70 लाख)
- देनदारी- कोई देनदारी नहीं
प्रताप सिंह खाचरियावास- परिवहन मंत्री
- चल संपत्ति -1,77,04,546
- अचल संपत्ति- 3,31,00,000
- कुल संपत्ति- 5,08,04,546 (5 करोड़)
- देनदारी -1,17,77,257 (एक करोड़ 17 लाख)
रघु शर्मा- स्वास्थ्य मंत्री
- चल संपत्ति- 85,80,183
- अचल संपत्ति- 2,14,49,656
- कुल संपत्ति- 3,00,29,839 (3 करोड़)
- देनदारी- 35,35,428 (35 लाख)
परसादी लाल मीणा- उद्योग मंत्री
- चल संपत्ति- 61,22,759
- अचल संपत्ति-1,65,00,000
- कुल संपत्ति- 2,26,22,759 (2 करोड़ 26 लाख)
- देनदारी- कोई देनदारी नहीं
बीडी कल्ला- ऊर्जा मंत्री
- चल संपत्ति-1,34,48,283
- अचल संपत्ति- 81,00,000
- कुल संपत्ति- 2,15,48,383 (2 करोड़ 15 लाख)
- देनदारी- 24,26,971 (24 लाख 26 हजार)
हरीश चौधरी- राजस्व मंत्री
- चल संपत्ति- 85,51,217
- अचल संपत्ति-1,10,94,009
- कुल संपत्ति-1,96,45,226 (एक करोड़ 96 लाख)
- देनदारी- 96,89,121 (96 लाख)
सालेह मोहम्मद- अल्पसंख्यक मामलात मंत्री
- चल संपत्ति- 48,69,886
- अचल संपत्ति- 61,00,000
- कुल संपत्ति-1,09,69,886 (एक करोड़)
- देनदारी- 39,86,765 (39 लाख)
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
गोविंद सिंह डोटासरा- शिक्षा मंत्री
- चल संपत्ति- 93,08,172
- अचल संपत्ति-1,11,00,000
- कुल संपत्ति- 2,04,08,172 (2 करोड़)
- देनदारी- 26,44,654 (26 लाख)
अशोक चांदना- खेल मंत्री
- चल संपत्ति-16,99,83,668
- अचल संपत्ति- 9,13,27,500
- कुल संपत्ति- 26,13,11,168 (26 करोड़)
- देनदारी- 21,41,92,200 (21 करोड़)
राजेंद्र यादव- सामान्य प्रशासनिक विभाग मंत्री
- चल संपत्ति- 12,93,84,115
- अचल संपत्ति- 31,09,14,000
- कुल संपत्ति- 44,02,98,115 (44 करोड़)
- देनदारी- 14,20,84,332 (14 करोड़ 20 लाख)
अर्जुन बामणिया- जनजाति मंत्री
- चल संपत्ति- 98,86,803
- अचल संपत्ति- 5,60,17,888
- कुल संपत्ति- 6,59,04,691 (6 करोड़ 59 लाख)
- देनदारी- 1,09,00,452 (एक करोड़)
टीकाराम जूली- श्रम मंत्री
- चल संपत्ति- 58,95,776
- अचल संपत्ति- 4,64,45,000
- कुल संपत्ति- 5,23,40,776 (5 करोड़ 23 लाख)
- देनदारी- 89,35,858 (89 लाख)
ममता भूपेश- महिला एवं बाल विकास मंत्री
- चल संपत्ति- 1,17,51,400
- अचल संपत्ति- 2,33,40,000
- कुल संपत्ति- 3,50,91,400 (3 करोड़ 50 लाख)
- देनदारी- 22,54,500 (22 लाख 54 हजार)
सुभाष गर्ग- तकनीकी शिक्षा मंत्री
- चल संपत्ति- 55,15,349
- अचल संपत्ति- 2,00,00,000
- कुल संपत्ति- 2,55,15,349 (2 करोड़ 55 लाख)
- देनदारी- 10,11,921 (10 लाख)
सुखराम बिश्नोई- वन मंत्री
- चल संपत्ति- 14,23,364
- अचल संपत्ति- 2,10,00,000
- कुल संपत्ति- 2,24,23,364 (2 करोड़)
- देनदारी- 8,02,500 (8 लाख)
भंवर सिंह भाटी- उच्च शिक्षा मंत्री
- चल संपत्ति- 55,28,315
- अचल संपत्ति-1,58,60,000
- कुल संपत्ति- 2,13,88,315 (2 करोड़ 13 लाख)
- देनदारी- 17,77,282 (17 लाख )
भजन लाल जाटव- गृह राज्य मंत्री
- चल संपत्ति- 63,75,703
- अचल संपत्ति-1,19,70,000
- कुल संपत्ति-1,83,45,703 (1 करोड़ 83 लाख)
- देनदारी- कोई देनदारी नहीं