जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच कई स्थानों पर लोगों ने बचाव और खुद को सैनिटाइज करने के लिए हाइपोक्लोराइट टनल लगवाई थी, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के बाद संबंधित जिलों के कलेक्टर ने हटाने के निर्देश दे दिए हैं. इन निर्देशों की सरकार से जुड़े परिसरों में ही पालना अब तक सुनिश्चित नहीं हो पाई.
राजस्थान विधानसभा परिसर और राजभवन परिसर में अब भी ये सैनिटाइजर टनल यथावत रूप से लगे हैं और कुछ कर्मचारी इसका उपयोग भी कर रहे हैं. जयपुर कलेक्टर डॉ. जोगाराम की ओर से आदेश जारी हुए 2 दिन से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इन्हीं सरकारी भवनों से अब तक इन्हें हटाने की कोई पहल नहीं हुई.
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वहीं कुछ प्राइवेट कॉलोनियों और ऑफिसों के बाहर से पूर्व में लगाई गई ये टनल हटा ली गई हैं, लेकिन राजभवन और राजस्थान विधानसभा परिषद में इन्हें हटाए जाने का काम होना बाकी है. राजस्थान विधानसभा में ये सैनिटाइजेशन टनल पश्चिमी गेट पोर्च के नजदीक लगी हुई हैं, जबकि राजस्थान विधानसभा में भी यह टनल प्रवेश द्वार के नजदीक लगाई गई हैं जहां से सभी कर्मचारी और अधिकारी इसमें से होकर गुजरते हैं.
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इस संबंध में जब राजभवन में तैनात अधिकारियों सैनिटाइजेशन टनल भवनों में लगी होने की बात तो कही. साथ यह भी कहा कि कलेक्टर के आदेश की जानकारी कुछ ही समय पहले हुई है और जल्द ही इन सैनिटाइजेशन टनल को इन परिसरों से हटावा लिया जाएगा. अब माना जा रहा है कि ये मामला सुर्खियों में आने के बाद जल्द ही इन सरकारी परिसरों में से टनल हटा ली जाएंगी.
ये है नुकसान-
दरअसल इस सैनिटाइजर टनल में हाइड्रोक्लोराइड केमिकल का छिड़काव होता है. ये केमिकल कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के काम तो आता ही है, लेकिन इस केमिकल का शरीर पर सीधा चुटका हो हानिकारक होता है. जिससे चर्म रोग सहित अन्य बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और डब्ल्यूएचओ ने भी इस प्रकार के सैनिटाइजर टनल को स्वास्थ्य के लिए घातक बताया है, जिसके बाद सभी जिलों के कलेक्टरों ने इस प्रकार की टनल हटाया जाने के आदेश दिए हैं.