ETV Bharat / city

'गहलोत सरकार यदि पहले ही एहतियातन कदम उठा लिए होते तो आज कोरोना संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड का रूप नहीं लेता' - Jaipur News

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गुरुवार को प्रदेश सरकार पर जमकर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार यदि पहले ही एहतियातन कदम उठा लिए होते तो आज कोरोना संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड का रूप नहीं लेता.

Rajendra Rathore News,  Jaipur News
राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
author img

By

Published : Apr 29, 2021, 10:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कोरोना का संक्रमण अब कम्यूनिटी स्प्रेड का रूप ले चुका है. यदि गहलोत सरकार ने एहतियात के तौर पर कुछ कदम शुरुआत में उठा लिए होते तो आज ये स्थिति नहीं होती. यह कहना है प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ का. गुरुवार को वर्चुअल रूप से पत्रकारों को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि अब प्रदेश सरकार को आगामी 31 मई तक प्लान बनाना चाहिए, जिसमें ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित सभी तरह की मेडिकल आवश्यकताओं को समाहित करना चाहिए और इसी प्लान के आधार पर काम होना चाहिए.

राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

पढ़ें- Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना के 17,269 पॉजिटिव केस, 158 की मौत, एक्टिव केस 169519

ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की रुके कालाबाजारी

राठौड़ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते ही इससे संंबंधित दवा, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके नकली इंजेक्शन भी बाजार में आ चुके हैं, ऐसे में गहलोत सरकार को इन पर अंकुश लगाना चाहिए. राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा की ऑक्सीजन और इंजेक्शन पर राजनीति नहीं होना चाहिए बल्कि सरकार इसकी उपलब्धता पर ध्यान दें और व्यवस्था करें.

सरकार की लापरवाही से निजी अस्पताल कर रहे मनमानी

राठौड़ ने प्रदेश के निजी अस्पतालों की ओर से मनमानी कर पीड़ितों से मनमानी वसूली करने का आरोप लगाया और इसके लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया. राठौड़ ने कहा कि 21 अप्रैल को प्रदेश सरकार ने महामारी एक्ट 2020 की धारा 4 के तहत 60 से 100 बेड के निजी अस्पतालों के सामान्य और आईसीयू के 40-40 प्रतिशत बेड अधिगृहित किए थे. इसी तरह 100 बेड से ज्यादा के अस्पतालों में सामान्य और आईसीयू के 50 प्रतिशत बेड का अधिग्रहण किया था, लेकिन नोडल अधिकारी मॉनिटरिंग के लिए नहीं लगाए गए और ना दरें तय की. जिसके चलते निजी अस्पतालों ने मनमानी कर रखी है. राठौड़ ने निजी चिकित्सालयों को ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कम करने को गलत बताया.

SMS अस्पताल का उपयोग कोविड-19 मरीजों के उपचार में हो

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने मांग की कि जयपुर के एसएमएस अस्पताल को कोविड सेंटर में तब्दील किया जाए और अन्य मरीजों का जिला और अन्य अस्पतालों में इलाज करवाया जाए.

राजनीति हो बंद, हम सरकार के साथ

राठौड़ ने प्रेस वार्ता में कहा कि हम कोविड संक्रमण में प्रदेश गहलोत सरकार के साथ हैं. राठौड़ के अनुसार इस मसले पर राजनीति बंद होना चाहिए. राठौड़ ने कहा मैं गहलोत सरकार की आलोचना नहीं कर रहा बल्कि उन्हें सचेत कर रहा हूं. प्रदेश भाजपा नेताओं ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह से बात करके राजस्थान में ऑक्सीजन और संबंधित इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग रखी है.

राठौड़ ने लगाया ये आरोप...

  • जब राजस्थान में हालात बेकाबू थे तो पंजाब को 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन क्यों दिए गए.
  • भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना और महात्मा गांधी आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का फ्री इलाज किया जाए.
  • मोदी सरकार ने पैसा दिया लेकिन ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगाए गए. यदि नोडल एजेंसी ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया तो इसकी शिकायत क्यों नहीं की गई.
  • डीएमएफटी फंड के बचे हुए 2 हजार करोड़ रुपए से 20 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें खरीदी जाएं.
  • राजस्थान की 36 सरकारी लैब में की जा रही आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट जल्द से जल्द मिले.

जयपुर. राजस्थान में कोरोना का संक्रमण अब कम्यूनिटी स्प्रेड का रूप ले चुका है. यदि गहलोत सरकार ने एहतियात के तौर पर कुछ कदम शुरुआत में उठा लिए होते तो आज ये स्थिति नहीं होती. यह कहना है प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ का. गुरुवार को वर्चुअल रूप से पत्रकारों को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि अब प्रदेश सरकार को आगामी 31 मई तक प्लान बनाना चाहिए, जिसमें ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित सभी तरह की मेडिकल आवश्यकताओं को समाहित करना चाहिए और इसी प्लान के आधार पर काम होना चाहिए.

राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

पढ़ें- Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना के 17,269 पॉजिटिव केस, 158 की मौत, एक्टिव केस 169519

ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की रुके कालाबाजारी

राठौड़ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते ही इससे संंबंधित दवा, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके नकली इंजेक्शन भी बाजार में आ चुके हैं, ऐसे में गहलोत सरकार को इन पर अंकुश लगाना चाहिए. राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा की ऑक्सीजन और इंजेक्शन पर राजनीति नहीं होना चाहिए बल्कि सरकार इसकी उपलब्धता पर ध्यान दें और व्यवस्था करें.

सरकार की लापरवाही से निजी अस्पताल कर रहे मनमानी

राठौड़ ने प्रदेश के निजी अस्पतालों की ओर से मनमानी कर पीड़ितों से मनमानी वसूली करने का आरोप लगाया और इसके लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया. राठौड़ ने कहा कि 21 अप्रैल को प्रदेश सरकार ने महामारी एक्ट 2020 की धारा 4 के तहत 60 से 100 बेड के निजी अस्पतालों के सामान्य और आईसीयू के 40-40 प्रतिशत बेड अधिगृहित किए थे. इसी तरह 100 बेड से ज्यादा के अस्पतालों में सामान्य और आईसीयू के 50 प्रतिशत बेड का अधिग्रहण किया था, लेकिन नोडल अधिकारी मॉनिटरिंग के लिए नहीं लगाए गए और ना दरें तय की. जिसके चलते निजी अस्पतालों ने मनमानी कर रखी है. राठौड़ ने निजी चिकित्सालयों को ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कम करने को गलत बताया.

SMS अस्पताल का उपयोग कोविड-19 मरीजों के उपचार में हो

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने मांग की कि जयपुर के एसएमएस अस्पताल को कोविड सेंटर में तब्दील किया जाए और अन्य मरीजों का जिला और अन्य अस्पतालों में इलाज करवाया जाए.

राजनीति हो बंद, हम सरकार के साथ

राठौड़ ने प्रेस वार्ता में कहा कि हम कोविड संक्रमण में प्रदेश गहलोत सरकार के साथ हैं. राठौड़ के अनुसार इस मसले पर राजनीति बंद होना चाहिए. राठौड़ ने कहा मैं गहलोत सरकार की आलोचना नहीं कर रहा बल्कि उन्हें सचेत कर रहा हूं. प्रदेश भाजपा नेताओं ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह से बात करके राजस्थान में ऑक्सीजन और संबंधित इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग रखी है.

राठौड़ ने लगाया ये आरोप...

  • जब राजस्थान में हालात बेकाबू थे तो पंजाब को 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन क्यों दिए गए.
  • भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना और महात्मा गांधी आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का फ्री इलाज किया जाए.
  • मोदी सरकार ने पैसा दिया लेकिन ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगाए गए. यदि नोडल एजेंसी ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया तो इसकी शिकायत क्यों नहीं की गई.
  • डीएमएफटी फंड के बचे हुए 2 हजार करोड़ रुपए से 20 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें खरीदी जाएं.
  • राजस्थान की 36 सरकारी लैब में की जा रही आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट जल्द से जल्द मिले.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.