जयपुर. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल कानून बन चुका है, लेकिन लोगों को इसका मत रखने का अधिकार है. हालांकि, अमित शाह ने कह दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून के मामले में हम पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है, फिर भी हमारा संवैधानिक अधिकार है कि विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाए. पीसीसी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने यह बात कही. इस दौरान पायलट ने एनआरसी पर भी सवाल उठाए.
सचिन पायलट ने कहा कि पहले भी इस कानून में कई बार संशोधन हुए हैं, लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ है जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं. प्रधानमंत्री कहते हैं कि एनआरसी लागू नहीं होगा, उनके मंत्री कहते है कि लागू होगा तो ऐसे में किसकी बात पर भरोसा किया जाए. उन्होंने कहा कि जो एनपीआर यूपी में लागू हुआ था और जो आज है उसमें जमीन आसमान का फर्क है.
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उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि बंगाल में एनआरसी लागू करना अच्छा अनुभव नहीं रहा. बीजेपी समर्थक सरकार भी अपने यहां एनआरसी लागू नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि दादा परदादा के प्रमाण पत्र मांगने से बेहतर होगा कि आज जो प्याज महंगे हो रहे हैं, रसोई गैस महंगी है, लोगों को बिजली -पानी की आवश्यकता है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, इन पर चर्चा की जाए.
एनआरसी पर सवाल उठाते हुए सचिन पायलट ने कहा कि जो अधिकारी कर्मचारी इसे लागू करेंगे, वे जनता का शोषण करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कैसे सुनिश्चित किया जाएगा कि इसे लागू करने में कोई पक्षपात नहीं होगा, बेईमानी नहीं होगी. पायलट ने कहा कि कई लोग गरीब हैं, पिछड़े हुए हैं वो कहां से प्रमाण पत्र लेकर आएंगे. उन्होंने कहा कि इससे फिर भ्रष्टाचार फैलेगा और लोग नकली दस्तावेज बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सत्ता और संगठन में बेहतर काम करने के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है.
वहीं, केंद्र सरकार की योजनाओं को राज्य में लागू नहीं करने और कोटा में बच्चों की मौत के मामले में उनके ओर से सवाल उठाने के सवाल पर पायलट ने कहा कि मैंने किसी विभाग या व्यक्ति के लिए नहीं कहा. लेकिन ऐसे मामलों में हमे संवेदनशीलता दिखानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे राज्य को केंद्र से मिलने वाला 11 हजार करोड़ रुपए भी नहीं मिले. हालांकि, केंद्र के पास कलेक्शन कम हुआ है लेकिन राज्यों को उनका हक मिलना चाहिए और उसमें कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए.