जयपुर. राजस्थान इन दिनों राजनीतिक पर्यटन का केंद्र बन चुका है. राजधानी जयपुर बीते 6 महीने से अलग-अलग राज्यों के कांग्रेस विधायकों के लिए राजनीतिक पर्यटन करने की पसंदीदा जगह बन गई है. चाहे महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक हो या मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक या फिर अब गुजरात के कांग्रेसी विधायक. तमाम विधायक अपने राज्यों के सियासी संकट से उबरने के लिए राजस्थान का ही सहारा ले रहे हैं.
हालांकि, यह कोई खास बात नहीं है कि प्रदेश में दूसरे राज्यों के कांग्रेस विधायक राजस्थान आए हों, लेकिन मंगलवार को खास बात यह हुई कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट इन विधायकों से मिलने रिसोर्ट में पहुंचे. इससे पहले महाराष्ट्र के विधायक भी जयपुर में सप्ताह भर रुके थे, तो वहीं मध्य प्रदेश के विधायक भी 4 दिनों तक राजस्थान में रहे थे लेकिन सचिन पायलट एक बार भी उन विधायकों से मिलने नहीं पहुंचे थे.
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार उन विधायकों के संपर्क में भी रहे और उनसे मिलने भी पहुंचे, लेकिन पायलट ने इससे दूरी बनाए रखी. मंगलवार को आखिर गुजरात के कांग्रेस विधायकों से मिलने सचिन पायलट पहुंच गए.
जानकारों की मानें तो इस दूरी के पीछे एक कारण यह भी था कि सत्ता से जुड़े लोग ही इस मामले में सक्रिय रहे. ऐसे में संगठन के लोगों ने इन कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी, तो वहीं संगठन के लोगों का यह भी कहना था कि उनको ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई और बाड़ेबंदी में संगठन को पूछा नहीं गया. लेकिन मंगलवार को जयपुर के शिव विलास में पहुंचकर सचिन पायलट ने नाराजगी की बातों को समाप्त कर दिया है.