जयपुर. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और पंचायती राज ग्रामीण विकास मंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को भाजपा के उन आरोपों को साफ तौर पर नकार दिया, जिसमें उन्होंने बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड नहीं बनने की बात कही थी. पायलट ने कहा, कि हमारा हेल्पलाइन नंबर है.
पायलट ने कहा कि पटवारी, बीडीओ, तहसीलदार ,सीईओ को विभाग की ओर से निर्देश दिया गया है कि जो भी श्रमिक बाहर से आए हैं, वह पहले से दुखी और परेशान हैं. ऐसे में उन्हें और पीड़ा ना हो, इसलिए उसका जॉब कार्ड आसानी से बन जाना चाहिए. अगर किसी बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिक के पास कोई प्रमाण पत्र नहीं होगा तो भी उसके सेल्फ अटेस्टेड पेपर के आधार पर उसका जॉब कार्ड बन जाएगा.
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पायलट ने कहा, कि आज की तारीख में प्रदेश में 36 लाख श्रमिक मनरेगा में काम कर रहे हैं जो 10 सालों में सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि मनरेगा के 37 हजार काम के लिए 1900 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. उन्होंने कहा कि जो बाहर से आ रहे हैं उनका जॉब कार्ड बनने में परेशानी नहीं हो, इसके लिए 14 दिन के क्वॉरेंटाइन के समय का इस्तेमाल जॉब कार्ड बनाने में और उससे संबंधित काम अलॉट करने में किया जाए. ताकि उसे काम के लिए इंतजार ना करना पड़े और उनका आगे समय खराब ना हो.
डिप्टी सीएम पायलट ने कहा, कि उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि मनरेगा में 100 दिन की जगह 200 दिन का काम दिया जाए और केंद्र सरकार मनरेगा के लिए और पैसा दे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय मनरेगा में 'चार काम एक गांव' नारा दिया गया है, जिससे उसे आसानी से दिहाड़ी मिल रही है.