जयपुर. कैबिनेट बैठक में मंत्रियों की बहस के मामले में उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी (Statement of Deputy Chief Whip Mahendra Chaudhary) ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मीटिंग में मंत्रियों ने सुझाव दिया था. क्षेत्रों में किसी तरह की भेदभाव की स्थिति नहीं है. सभी जगह बराबर काम हो रहे हैं. मंगलवार को विधानसभा पहुंचे उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने मीडिया से रूबरू होते हुए ये बात कही.
उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि विधानसभा और कैबिनेट मीटिंग में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होती है. कैबिनेट में मंत्री भी चर्चा के दौरान सुझाव दे सकते हैं. क्षेत्रों में किसी तरह की भेदभाव की स्थिति नहीं है. कोटा और जयपुर में बराबर काम हो रहे हैं. चौधरी ने कहा कि आज सामुदायिक विकास और ग्रामीण विकास पर चर्चा होगी. 70 से अधिक विधायक ग्रामीण क्षेत्र से जीत कर आए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए ये अहम विषय है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दिए गए बजट की प्रशंसा होगी.
उन्होंने कहा कि पानी बिजली पर सदन में चर्चा हो चुकी है, किसी विधायक की कोई मांग हुई तो उस पर भी चर्चा होगी. महेंद्र चौधरी ने कहा कि कुछ राजनीतिक नियुक्ति में कैबिनेट का दर्जा दिया गया है. कुछ को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया है. राज्य मंत्री बनाने पर राज्य मंत्री के बराबर ही वेतन और भत्ता दिया जाएगा. बता दें की हाल ही में हुई कैबिनेट की मीटिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से तीन मंत्री उलझ गए थे. विकास कार्यों को लेकर मंत्रियों ने भेदभाव के आरोप लगाए थे. कृषि भूमि पर कृषि गतिविधियों को छूट देने के प्रस्ताव पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मतभेद हो गया था.