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जयपुरः रीट भर्ती परीक्षा में विशेष शिक्षकों के पदों की उठी मांग - जयपुर की खबर

जयपुर में विशेष स्टूडेंट्स के लिए विशेष शिक्षकों का प्रावधान है, लेकिन इसे सरकार की उदासीनता कहें या फिर व्यवस्थागत कमी. प्रदेश में विशेष शिक्षकों के लगभग 13 हजार पद खाली हैं. ऐसे में रीट भर्ती परीक्षा निकलने के साथ ही एक बार फिर से विशेष शिक्षक के पदों को भरने की मांग उठी है.

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विशेष शिक्षकों के पदों को भरने की मांग
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Published : Feb 23, 2020, 11:13 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कक्षा 1 से लेकर 8 तक में एक लाख से अधिक विशेष स्टूडेंट्स अध्ययनरत है. वहीं अगर शिक्षकों की संख्या की बात करें तो शिक्षक महज दो हजार हैं. वहीं व्यख्यताओं के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

विशेष शिक्षकों के पदों को भरने की मांग

सरकार ने 31 हजार पदों पर रीट भर्ती परीक्षा की घोषणा की थी, लेकिन अबतक विशेष शिक्षकों की संख्या को निर्धारित नहीं किया. इसलिए शिक्षकों ने रीट में विशेष शिक्षकों की संख्या को निर्धारित करने की मांग उठाई है.

फिलहाल स्कूलों में विशेष स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए सामान्य शिक्षकों को लगाया हुआ है, जो नियमों के विरुद्ध है. बता दें, कि विशेष स्टूडेंट्स को वो ही शिक्षक पढ़ा सकता है, जो आरसीआई से रजिस्टर्ड हो.

पढ़ें. उधार की अर्थनीति पर टिके बजट में चूरू के लिए कुछ भी नहीं: राजेंद्र राठौड़

राजधानी जयपुर के पोद्दार मूक बधिर स्कूल की बात करें तो इस स्कूल में 800 से ज्यादा विशेष स्टूडेंट्स हैं और इनको पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या 50 है. इनमें से 12 शिक्षक सामान्य हैं और स्कूल में लगे प्रिंसिपल भी नॉर्म्स को पूरा नहीं करते हैं. हालांकि इस पर पिछले दिनों आरसीआई ने नोटिस दिया था और जवाब तलब भी किया है.

पढ़ें: यूथ कांग्रेस के चुनाव में रोड़ा बना सर्वर, नहीं हो रही ऑनलाइन वोटिंग

उधर, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा खुद मानते हैं, कि विशेष स्टूडेंट्स के लिए विशेष शिक्षक ही होना चाहिए. जिसके लिए वो प्रयास कर रहे हैं. यूं तो स्टूडेंट्स ने कई बार इस मामले को लेकर आंदोलन किए हैं, लेकिन इन विशेष बच्चों की आवाज बुलंद नहीं हो सकी और सरकार को ऐसे में सुनाई भी नहीं पड़ी. वहीं रीट भर्ती को देखते हुए स्टूडेंट्स ने जिम्मेदारों के माध्यम से एक बार फिर आवाज उठाई है.

जयपुर. प्रदेश में कक्षा 1 से लेकर 8 तक में एक लाख से अधिक विशेष स्टूडेंट्स अध्ययनरत है. वहीं अगर शिक्षकों की संख्या की बात करें तो शिक्षक महज दो हजार हैं. वहीं व्यख्यताओं के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

विशेष शिक्षकों के पदों को भरने की मांग

सरकार ने 31 हजार पदों पर रीट भर्ती परीक्षा की घोषणा की थी, लेकिन अबतक विशेष शिक्षकों की संख्या को निर्धारित नहीं किया. इसलिए शिक्षकों ने रीट में विशेष शिक्षकों की संख्या को निर्धारित करने की मांग उठाई है.

फिलहाल स्कूलों में विशेष स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए सामान्य शिक्षकों को लगाया हुआ है, जो नियमों के विरुद्ध है. बता दें, कि विशेष स्टूडेंट्स को वो ही शिक्षक पढ़ा सकता है, जो आरसीआई से रजिस्टर्ड हो.

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राजधानी जयपुर के पोद्दार मूक बधिर स्कूल की बात करें तो इस स्कूल में 800 से ज्यादा विशेष स्टूडेंट्स हैं और इनको पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या 50 है. इनमें से 12 शिक्षक सामान्य हैं और स्कूल में लगे प्रिंसिपल भी नॉर्म्स को पूरा नहीं करते हैं. हालांकि इस पर पिछले दिनों आरसीआई ने नोटिस दिया था और जवाब तलब भी किया है.

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उधर, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा खुद मानते हैं, कि विशेष स्टूडेंट्स के लिए विशेष शिक्षक ही होना चाहिए. जिसके लिए वो प्रयास कर रहे हैं. यूं तो स्टूडेंट्स ने कई बार इस मामले को लेकर आंदोलन किए हैं, लेकिन इन विशेष बच्चों की आवाज बुलंद नहीं हो सकी और सरकार को ऐसे में सुनाई भी नहीं पड़ी. वहीं रीट भर्ती को देखते हुए स्टूडेंट्स ने जिम्मेदारों के माध्यम से एक बार फिर आवाज उठाई है.

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