जयपुर. अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल रावणा राजपूत समाज से जुड़ी एक बड़ी मांग गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में उठाया गया. विधायक जबर सिंह सांखला और मदन प्रजापत ने नियम 295 के तहत सदन में राजस्व रिकॉर्ड और अन्य सरकारी दस्तावेजों में रावणा राजपूत जाति से जुड़े पद सूचक अन्य पदों जैसे वजीर दरोगा हजूरी आदि को हटाने की भी मांग की.
दोनों ही विधायकों ने इस मांग को प्रदेश के 50 लाख रावणा राजपूत समाज के लोगों की प्रमुख मांग बताया. पचपदरा से आने वाले विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि आज भी सरकार अनुसूचित जाति और अन्य को पिछड़ा मानते हुए कानूनी संरक्षण देती है लेकिन राजपूत रावणा समाज जाति के कई पद सूचक पदों को आज भी राजस्व रिकॉर्ड में उल्लेखित किया जाता है. ऐसे में चाहे राजस्व रिकॉर्ड हो या इसे समाज के लोगों के बनने वाले अन्य सरकारी दस्तावेज में इन तमाम पद सूचक शब्दों को हटाकर केवल रावणा राजपूत लिखा जाए.
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वहीं आसींद से विधायक जबर सिंह सांखला ने इसी मांग को उठाते हुए कहा कि जो अन्य पदनाम बोले जाते हैं, उन्हें राजस्व रिकार्ड और अन्य दस्तावेजों से विलोपित कर केवल रावणा राजपूत ही लिखा जाए. सांखला ने यह भी कहा कि वे स्वयं इस समाज से आते हैं.
पूर्व में भी समाज के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत सिंह सोडाला ने पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में यह मांग उठाई थी. तत्कालिक भाजपा सरकार ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया था लेकिन चुनावी आचार संहिता लगने के कारण वह पूरा नहीं हो पाया. ऐसे में सरकार समाज की इस मांग को पूरा करें.