नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट राजस्थान फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा के खिलाफ दर्ज FIR निरस्त करने की मांग पर आज सुनवाई करेगा. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद इस याचिका पर सुनवाई करेंगे.
बता दें कि पिछले 3 जून को कोर्ट ने OSD लोकेश शर्मा को राहत देते हुए उनके खिलाफ अगले आदेश तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था. लोकेश शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को निरस्त करने की मांग की है. दरअसल लोकेश शर्मा के खिलाफ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले 26 मार्च को फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली में FIR दर्ज कराई थी.
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ कांग्रेस नेताओं की बगावत के समय शेखावत का नाम आया था. केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री की ओर से दर्ज शिकायत में शिकायत में कहा गया कि 17 जुलाई 2020 को कई मीडिया चैनल पर एक टेलिफोनिक कन्वर्सेशन चलाया गया. यह MLA भंवर सिंह, संजय जैन और शिकायतकर्ता के बीच की बातचीत का बताया गया. यह कॉल अवैध तरीके से रिकॉर्ड की गई थी, जो उनकी निजता का हनन है.
एक तरफ जहां राजस्थान के मुख्य सचिव का दावा था कि उन्होंने इस टेलिफोनिक इंटरसेप्शन के लिए इजाजत नहीं दी. वहीं, मीडिया हाउस ने नोटिस के जवाब में बताया कि मुख्यमंत्री के OSD लोकेश शर्मा ने ही ऑडियो क्लिप उन्हें दी थी. राजनीति के तहत उनकी इस बातचीत का इस्तेमाल किया गया.
क्या है फोन टैपिंग विवाद : राजस्थान में भूचाल ला देने वाला फोन टैपिंग विवाद बीते साल सुर्खियों में रहा था. इस बीच सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट के चलते प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने 19 विधायकों को लेकर बगावत पर उतर आए थे. पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दोनों पद गंवाने पड़े थे. इस बगावत के बाद अगस्त 2020 के विधानसभा सत्र में कालीचरण सराफ के सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने फोन टैपिंग की बात स्वीकार की थी. इसके बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की थी.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस मामले को लेकर हमलावर हुए और बाद में उन्होंने निजता के हनन सहित कई आरोप लगाते हुए लेकर राज्य सरकार, सीएम के ओएसडी और पुलिस अफसरों के खिलाफ दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवाई थी. इस एफआईआर में उन्होंने विधानसभा में शांति धारीवाल के जवाब को आधार बनाया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऑडियो मुख्यमंत्री के ओएसडी ने वायरल किए थे.
क्या था ऑडियो में : दरअसल, इस ऑडियो में किसी संजय जैन नाम के शख्स की कथित कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच बातचीत रिकॉर्ड थी. इस बातचीत में कई बार कथित तौर पर गजेंद्र सिंह नाम का भी लिया गया था. इसी रिकॉर्डिंग को लेकर विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसीबी और एसओजी में सरकार गिराने की साजिश को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. बीती 26 जुलाी को इस मामले में मुख्य आरोपी संजय जैन ने अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट में वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया है. प्रकरण में सुनवाई के दौरान आरोपी संजय जैन अपने अधिवक्ता के साथ अदालत मेंं पेश हुआ.