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Exclusive: कृषि कानून वापस लेने का निर्णय स्वागतयोग्य, अब उपज खरीद गारंटी कानून भी बनाए मोदी सरकार : रामपाल जाट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. इसके बाद किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि अब मोदी सरकार किसानों की उपज खरीद गारंटी से जुड़ा कानून बनाएं.

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कृषि कानून वापस लेने का निर्णय स्वागतयोग्य
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Published : Nov 19, 2021, 1:41 PM IST

जयपुर. किसानों के लंबे संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया तो राजस्थान में इस किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान महापंचायत के संरक्षक और अध्यक्ष रामपाल जाट ने भी उसका स्वागत किया. हालांकि, जाट ने यह भी कहा है कि अब मोदी सरकार किसानों की उपज खरीद गारंटी से जुड़ा कानून बनाएं.

पढ़ें- PM मोदी ने किया तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान, CM गहलोत बोले- यह मोदी सरकार के अहंकार की हार

जून 2020 की स्थिति में पहुंचा किसान

ईटीवी भारत से खास बातचीत में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय संयोजक और किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से केंद्रीय कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद किसान वापस जून 2020 की स्थिति में पहुंच गया है. रामपाल जाट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो ऐलान किया है उस पर विश्वास करना चाहिए और अगले संसद सत्र में यह केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने का काम भी पूरा हो जाएगा. लेकिन किसानों की और भी कई मांगे हैं जिन पर केंद्र की मोदी सरकार को सहानुभूति पूर्वक निर्णय करना चाहिए.

कृषि कानून वापस लेने का निर्णय स्वागतयोग्य

किसान की उपज खरीद गारंटी का बने कानून

रामपाल जाट के अनुसार आज भी देश के किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण कई किसानों को आत्महत्या तक करना पड़ जाती है. रामपाल जाट ने केंद्र की मोदी सरकार से जल्द ही किसानों की उपज खरीद 11 से जुड़ा कानून बनाए जाने की मांग भी की है. जाट ने कहा खुद गुजरात के मुख्यमंत्री रहते समय नरेंद्र मोदी ने किसानों को इसका आश्वासन दिया था, जिस पर अब केंद्र की मोदी सरकार को अमल करना चाहिए. जाट ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर देश के कुछ किसानों की उपज की खरीद होती है जबकि अधिकतर किसानों को औने पौने दाम पर अपनी फसल बेचना पड़ती है स्थिति यह है कि कई किसानों को तो उसकी उपज का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता.

पढ़ें- Farm Law Repeal: सुनिए केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने क्या कहा!

किसानों का भी दबाव और आगामी चुनाव का भी

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयोजक रामपाल जाट के अनुसार आगामी कुछ महीने में पंजाब और गुजरात सहित कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का कारण हो या फिर किसानों के लगातार चल रहे आंदोलन का कारण हो, लेकिन प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) को आखिरकार किसानों की मांग के आगे झुकना ही पड़ा. ऐसे में चाहे राजनीतिक कारण हो या कोई अन्य किसानों की मांग पूरी हुई इससे ही किसान खुश है.

अब हाईवे और टोल नाकों से किसानों का आंदोलन करना चाहिए खत्म

वहीं, रामपाल जाट से जब पूछा गया कि किसान नेता राकेश टिकैत संसद में जब तक कानून वापस नहीं होता तब तक आंदोलन से पीछे हटने के मूड में नहीं है तो रामपाल जाट ने कहा कि हर किसान नेता का अलग-अलग सोचना हो सकता है, लेकिन अब जब प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया है तो अगले संसद सत्र में इसे पूरा भी करेंगे ऐसे में अब आंदोलनरत किसानों की मांग स्वत: ही पूरी हो गई है. आंदोलन की भी कोई आवश्यकता नहीं रह जाती है.

जयपुर. किसानों के लंबे संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया तो राजस्थान में इस किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान महापंचायत के संरक्षक और अध्यक्ष रामपाल जाट ने भी उसका स्वागत किया. हालांकि, जाट ने यह भी कहा है कि अब मोदी सरकार किसानों की उपज खरीद गारंटी से जुड़ा कानून बनाएं.

पढ़ें- PM मोदी ने किया तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान, CM गहलोत बोले- यह मोदी सरकार के अहंकार की हार

जून 2020 की स्थिति में पहुंचा किसान

ईटीवी भारत से खास बातचीत में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय संयोजक और किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से केंद्रीय कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद किसान वापस जून 2020 की स्थिति में पहुंच गया है. रामपाल जाट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो ऐलान किया है उस पर विश्वास करना चाहिए और अगले संसद सत्र में यह केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने का काम भी पूरा हो जाएगा. लेकिन किसानों की और भी कई मांगे हैं जिन पर केंद्र की मोदी सरकार को सहानुभूति पूर्वक निर्णय करना चाहिए.

कृषि कानून वापस लेने का निर्णय स्वागतयोग्य

किसान की उपज खरीद गारंटी का बने कानून

रामपाल जाट के अनुसार आज भी देश के किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण कई किसानों को आत्महत्या तक करना पड़ जाती है. रामपाल जाट ने केंद्र की मोदी सरकार से जल्द ही किसानों की उपज खरीद 11 से जुड़ा कानून बनाए जाने की मांग भी की है. जाट ने कहा खुद गुजरात के मुख्यमंत्री रहते समय नरेंद्र मोदी ने किसानों को इसका आश्वासन दिया था, जिस पर अब केंद्र की मोदी सरकार को अमल करना चाहिए. जाट ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर देश के कुछ किसानों की उपज की खरीद होती है जबकि अधिकतर किसानों को औने पौने दाम पर अपनी फसल बेचना पड़ती है स्थिति यह है कि कई किसानों को तो उसकी उपज का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता.

पढ़ें- Farm Law Repeal: सुनिए केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने क्या कहा!

किसानों का भी दबाव और आगामी चुनाव का भी

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयोजक रामपाल जाट के अनुसार आगामी कुछ महीने में पंजाब और गुजरात सहित कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का कारण हो या फिर किसानों के लगातार चल रहे आंदोलन का कारण हो, लेकिन प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) को आखिरकार किसानों की मांग के आगे झुकना ही पड़ा. ऐसे में चाहे राजनीतिक कारण हो या कोई अन्य किसानों की मांग पूरी हुई इससे ही किसान खुश है.

अब हाईवे और टोल नाकों से किसानों का आंदोलन करना चाहिए खत्म

वहीं, रामपाल जाट से जब पूछा गया कि किसान नेता राकेश टिकैत संसद में जब तक कानून वापस नहीं होता तब तक आंदोलन से पीछे हटने के मूड में नहीं है तो रामपाल जाट ने कहा कि हर किसान नेता का अलग-अलग सोचना हो सकता है, लेकिन अब जब प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया है तो अगले संसद सत्र में इसे पूरा भी करेंगे ऐसे में अब आंदोलनरत किसानों की मांग स्वत: ही पूरी हो गई है. आंदोलन की भी कोई आवश्यकता नहीं रह जाती है.

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