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कोरोना संकट के बीच गहलोत सरकार ने किसानों, उद्योग और आम उपभोक्ताओं को दी बड़ी राहत...

कोरोना महामारी के संकट और लॉक डाउन को देखते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार ने जनता के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैै. इस निर्णय से प्रदेश भर में उपभोक्ताओं को पानी और बिजली बिलों में राहत मिलेगी. वहीं किसानों, उद्योग, आम लोगों को कोरोनो के मार से उभरने में सहयोग मिलेगा.

बिजली बिल पर फैसला,  Gehlot government big decision, decision on water and electricity bill
लॉक डाउन को देखते हुए गहलोत सरकार के बड़े फैसले
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Published : Apr 2, 2020, 11:28 PM IST

Updated : Apr 3, 2020, 12:52 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण आए संकट से किसानों, उद्योगों और आमजन को संबल प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं. औद्योगिक प्रतिष्ठानों, किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत और पानी के बिलों का भुगतान स्थगित करने, कृषि गतिविधियों के लिए किसानों को सहायता प्रदान करने जैसे कई फैसले लेकर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को बड़ी राहत दी है.

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निर्णय इस प्रकार हैं...
विद्युत विभाग

  • राज्य सरकार ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों के विद्युत कनेक्शन के मार्च और अप्रैल माह के उपभोग के बिल जो अप्रैल और मई में जारी होंगे, उनमें फिक्स्ड चार्ज (स्थाई शुल्क) को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक स्थगित (डेफर) किया है. इससे लघु, मध्यम और बड़ी औद्योगिक इकाइयों के करीब 1 लाख 68 हजार उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी.
  • इसी प्रकार राजकीय प्रतिष्ठान और लॉकडाउन से मुक्त प्रतिष्ठानों को छोड़कर अन्य सभी अघरेलू (व्यावसायिक यथा-पर्यटन से संबंधित प्रतिष्ठान, शोरूम, दुकान, होटल, वर्किंग हॉस्टल आदि) के करीब 11 लाख कनेक्शनों के मार्च और अप्रैल माह के विद्युत बिलों के फिक्स्ड चार्ज को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक डेफर किया गया है.
  • राज्य सरकार ने कोरोना से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में किसानों को संबल देने के लिए कृषि उपभोक्ताओं के मार्च में जारी बिल, अप्रैल और मई में जारी होने वाले बिलों का भुगतान भी 31 मई, 2020 तक स्थगित किया है. इससे प्रदेश के करीब 13 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.
  • राज्य सरकार ने ऐसे कृषि और घरेलू कनेक्शन जो बकाया राशि के कारण 31 मार्च, 2019 से पहले काटे गए थे, उनके लिए एमनेस्टी योजना की अवधि भी 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी है. इससे किसानों को करीब 45 करोड़ रूपए की छूट का लाभ मिल सकेगा और उनके काटे गए कनेक्शन फिर चालू हो सकेंगे.
  • कोरोना संकट के कारण घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों के भुगतान में आ रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने 150 यूनिट प्रतिमाह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के मार्च और अप्रैल माह के बिलों का भुगतान स्थगित करने का निर्णय किया है. इन बिलों का भुगतान उपभोक्ता मई माह में जारी होने वाले बिलों की राशि के साथ कर सकेंगे। इससे प्रदेश के करीब एक करोड 5 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
  • कृषि और घरेलू श्रेणियों के सभी उपभोक्ता 31 मई, 2020 तक बिलों का भुगतान करेंगें तो उन्हें आगामी बिल में भुगतान की गई राशि की 5 प्रतिशत छूट दी जाएगी.
  • सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को यह राहत देने के लिए राज्य सरकार करीब 650 करोड़ रूपए डिस्कॉम्स को उपलब्ध करवाएगी.

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कृषि एवं सहकारिता विभाग

  • राज्य सरकार किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगले एक माह में 700 करोड़ रूपए के प्रीमियम का भुगतान और करेगी, ताकि खरीफ-2019 तक के पूर्ण राज्यांश प्रीमियम का भुगतान हो सके और किसानों को लंबित क्लेम का भुगतान हो सके. पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में 2034 करोड़ रूपए का भुगतान कर चुकी है.
  • किसानों को कोरोना संकट में राहत देने के लिए अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 5 लाख किसानों को 5 किलोग्राम की दर से निशुल्क संकर मक्का बीज के मिनिकिट वितरित किए जाएंगे. इस पर करीब 25 करोड़ रूपए का व्यय होगा.
  • राज्य के प्रमुख बाजरा उत्पादक जिलों के 10 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को 0.4 हैक्टेयर क्षेत्र तक के लिए प्रति कृषक 1 किलो 500 ग्राम के संकर बाजरा बीज के मिनिकिट निशुल्क वितरित किए जाएंगे। इस पर करीब 30 करोड़ रूपए का व्यय होगा.
  • आर्थिक रूप से कमजोर लघु और सीमांत किसानों को कृषि कार्यों में आ रही कठिनाई को देखते हुए इन किसानों को कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों से समन्वय कर फसल कटाई, थ्रेसिंग एवं अन्य कृषि गतिविधियों के लिए निशुल्क टैक्टर और कृषि यंत्र किराए पर उपलब्ध करवाए जाएंगे.
  • प्रदेश में 16 अप्रैल से प्रारम्भ होने वाले खरीफ फसली ऋण के तहत किसानों को 25 प्रतिशत ऋण बढ़ाकर दिया जाएगा. इस प्रकार खरीफ 2020 में करीब 8 हजार करोड़ रूपए का ऋण वितरित होगा. बढ़ी हुई राशि का लाभ प्रदेश के करीब 20 लाख किसानों को मिलेगा.

ये पढ़ेंः EXCLUSIVE: लॉकडाउन में कैसे रहे तनावमुक्त, ETV Bharat पर जानें डॉक्टर मनस्वी से

जलदाय विभाग

  • राज्य के समस्त आम उपभोक्ताओं को पेयजल बिलों के भुगतान से राहत प्रदान करते हुए मार्च माह और अप्रैल माह के बिलों का भुगतान स्थगित किया गया है. इनका भुगतान उपभोक्ता जून माह में कर सकेंगे. इस निर्णय से करीब 100 करोड़ रूपए का राजस्व संग्रहण स्थगित होगा.

बैठक में ऊर्जा और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता नरेशपाल गंगवार, प्रमुख शासन सचिव आयोजना अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा, प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी राजेश यादव, शासन सचिव आपदा प्रबंधन सिद्धार्थ महाजन, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण आए संकट से किसानों, उद्योगों और आमजन को संबल प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं. औद्योगिक प्रतिष्ठानों, किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत और पानी के बिलों का भुगतान स्थगित करने, कृषि गतिविधियों के लिए किसानों को सहायता प्रदान करने जैसे कई फैसले लेकर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को बड़ी राहत दी है.

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निर्णय इस प्रकार हैं...
विद्युत विभाग

  • राज्य सरकार ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों के विद्युत कनेक्शन के मार्च और अप्रैल माह के उपभोग के बिल जो अप्रैल और मई में जारी होंगे, उनमें फिक्स्ड चार्ज (स्थाई शुल्क) को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक स्थगित (डेफर) किया है. इससे लघु, मध्यम और बड़ी औद्योगिक इकाइयों के करीब 1 लाख 68 हजार उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी.
  • इसी प्रकार राजकीय प्रतिष्ठान और लॉकडाउन से मुक्त प्रतिष्ठानों को छोड़कर अन्य सभी अघरेलू (व्यावसायिक यथा-पर्यटन से संबंधित प्रतिष्ठान, शोरूम, दुकान, होटल, वर्किंग हॉस्टल आदि) के करीब 11 लाख कनेक्शनों के मार्च और अप्रैल माह के विद्युत बिलों के फिक्स्ड चार्ज को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक डेफर किया गया है.
  • राज्य सरकार ने कोरोना से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में किसानों को संबल देने के लिए कृषि उपभोक्ताओं के मार्च में जारी बिल, अप्रैल और मई में जारी होने वाले बिलों का भुगतान भी 31 मई, 2020 तक स्थगित किया है. इससे प्रदेश के करीब 13 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.
  • राज्य सरकार ने ऐसे कृषि और घरेलू कनेक्शन जो बकाया राशि के कारण 31 मार्च, 2019 से पहले काटे गए थे, उनके लिए एमनेस्टी योजना की अवधि भी 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी है. इससे किसानों को करीब 45 करोड़ रूपए की छूट का लाभ मिल सकेगा और उनके काटे गए कनेक्शन फिर चालू हो सकेंगे.
  • कोरोना संकट के कारण घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों के भुगतान में आ रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने 150 यूनिट प्रतिमाह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के मार्च और अप्रैल माह के बिलों का भुगतान स्थगित करने का निर्णय किया है. इन बिलों का भुगतान उपभोक्ता मई माह में जारी होने वाले बिलों की राशि के साथ कर सकेंगे। इससे प्रदेश के करीब एक करोड 5 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
  • कृषि और घरेलू श्रेणियों के सभी उपभोक्ता 31 मई, 2020 तक बिलों का भुगतान करेंगें तो उन्हें आगामी बिल में भुगतान की गई राशि की 5 प्रतिशत छूट दी जाएगी.
  • सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को यह राहत देने के लिए राज्य सरकार करीब 650 करोड़ रूपए डिस्कॉम्स को उपलब्ध करवाएगी.

ये पढ़ेंः COVID-19 UPDATE: राजस्थान के 3 और जिलों में कोरोना की दस्तक, एक ही दिन में 13 केस आए सामने


कृषि एवं सहकारिता विभाग

  • राज्य सरकार किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगले एक माह में 700 करोड़ रूपए के प्रीमियम का भुगतान और करेगी, ताकि खरीफ-2019 तक के पूर्ण राज्यांश प्रीमियम का भुगतान हो सके और किसानों को लंबित क्लेम का भुगतान हो सके. पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में 2034 करोड़ रूपए का भुगतान कर चुकी है.
  • किसानों को कोरोना संकट में राहत देने के लिए अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 5 लाख किसानों को 5 किलोग्राम की दर से निशुल्क संकर मक्का बीज के मिनिकिट वितरित किए जाएंगे. इस पर करीब 25 करोड़ रूपए का व्यय होगा.
  • राज्य के प्रमुख बाजरा उत्पादक जिलों के 10 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को 0.4 हैक्टेयर क्षेत्र तक के लिए प्रति कृषक 1 किलो 500 ग्राम के संकर बाजरा बीज के मिनिकिट निशुल्क वितरित किए जाएंगे। इस पर करीब 30 करोड़ रूपए का व्यय होगा.
  • आर्थिक रूप से कमजोर लघु और सीमांत किसानों को कृषि कार्यों में आ रही कठिनाई को देखते हुए इन किसानों को कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों से समन्वय कर फसल कटाई, थ्रेसिंग एवं अन्य कृषि गतिविधियों के लिए निशुल्क टैक्टर और कृषि यंत्र किराए पर उपलब्ध करवाए जाएंगे.
  • प्रदेश में 16 अप्रैल से प्रारम्भ होने वाले खरीफ फसली ऋण के तहत किसानों को 25 प्रतिशत ऋण बढ़ाकर दिया जाएगा. इस प्रकार खरीफ 2020 में करीब 8 हजार करोड़ रूपए का ऋण वितरित होगा. बढ़ी हुई राशि का लाभ प्रदेश के करीब 20 लाख किसानों को मिलेगा.

ये पढ़ेंः EXCLUSIVE: लॉकडाउन में कैसे रहे तनावमुक्त, ETV Bharat पर जानें डॉक्टर मनस्वी से

जलदाय विभाग

  • राज्य के समस्त आम उपभोक्ताओं को पेयजल बिलों के भुगतान से राहत प्रदान करते हुए मार्च माह और अप्रैल माह के बिलों का भुगतान स्थगित किया गया है. इनका भुगतान उपभोक्ता जून माह में कर सकेंगे. इस निर्णय से करीब 100 करोड़ रूपए का राजस्व संग्रहण स्थगित होगा.

बैठक में ऊर्जा और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता नरेशपाल गंगवार, प्रमुख शासन सचिव आयोजना अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा, प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी राजेश यादव, शासन सचिव आपदा प्रबंधन सिद्धार्थ महाजन, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें.

Last Updated : Apr 3, 2020, 12:52 AM IST
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