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EXCLUSIVE: लॉकडाउन में कैसे रहे तनावमुक्त, ETV Bharat पर जानें डॉक्टर मनस्वी से - How to be free from stress and depression

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है. ऐसे में लोग अपने घरों में रहने को मजबूर है. लिहाजा हर समय घर में रहने से कोरोना से तो बचा जा सकता है, लेकिन व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार हो सकता है. जिससे बचने के लिए क्या करना चाहिए, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

तनावमुक्त रहने के टिप्स, Tips to stay relaxed
मनोचिकित्सक डॉ. मनस्वी
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Published : Apr 2, 2020, 8:30 PM IST

जयपुर. दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. भारत में इसके बचाव के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है. वहीं अब तक कोरोना वायरस के लिए किसी भी प्रकार की दवा सामने नहीं आई है. जिसके बाद इसका एकमात्र उपाय है भीड़ से दूर रहना और अपना सुरक्षा खुद करना. जिसके तहत लोग अब घरों में रहने को मजबूर है और कोरोना से बचाव के लिए खुद को घरों में रहकर सुरक्षित कर रहे है.

तनावमुक्त रहने के लिए डॉ. मनस्वी ने दिए टिप्स

हालांकि घर में रहने के बाद कोरोना से तो बचा जा सकता है, लेकिन व्यक्ति मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस करता है या यूं कहे की मानसिक तनाव में भी आ जाता है. इस समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने लॉकडाउन में घर में रहकर तनावमुक्त रहने के गुर डॉक्टर मनस्वी से जानें.

कोरोना वायरस से संबंधित भविष्य के प्रति अनिश्चितता और सही या गलत खबरें सामाजिक दूरियां, अलगाव की स्थिति, लोगों में डर, पैनिक और तनाव की स्थिति उत्पन्न कर रही हैं. डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाकर हमें स्वयं और लोगों को स्वस्थ रहने का संकल्प तो करना ही है, साथ ही अपनी मानसिक शांति का ध्यान रखना भी आवश्यक है.

पढ़ें- पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने भोपालगढ़ पंचायत समिति को लिया गोद, कहा- किसी को सोने नहीं दूंगा भूखा

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, लोगों से मिलना बात करना सामाजिक समारोह में जाना उसे मानसिक खुशी प्रदान करता है. ऐसे में आज के दौर में जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखना और अलगाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

यह कई लोगों के लिए तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न करता है. नौकरी छूटना, आय में कमी व्यापार में घाटा, घरेलू तनाव, अनिश्चितता की स्थिति लोगों में निराशा, गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, उलझन और चिंता विकार को जन्म दे रही है. अधिक समय टीवी स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर व्यतीत करने से उन्हें खतरा भी बना हुआ है.

इस प्वाइंट्स के जरिए तनाव और अवसाद से बचा जा सकता है

  • स्थिति के बारे में संपूर्ण जानकारी रखें परंतु यदि यह आपको बार-बार तनाव देता है और खबरें सुनकर आप में घबराहट के लक्षण दिखाई देते हैं तो थोड़ी देर बाद टीवी बंद करें और छोटा सा
    ब्रेक लें.
  • सूर्य की किरणें हमें नई ऊर्जा देती है अतः सुबह की पहली चाय धूप में लें ताकि नकारात्मक ऊर्जा कम हो और आपके अंदर स्फूर्ति और उमंग का संचार हो.
  • ध्यान योग आपके मन को शांत करता है एवं घबराहट से उत्पन्न लक्षण जैसे सांस तेज चलना तेज धड़कन का होना पसीना आदि को भी कम करता है.
  • परिवार के साथ समय बिताने का यह अच्छा अवसर है साथ ही केरम, लूडो जैसे खेल या बच्चों के साथ गाना गाकर या डांस कर तनाव को कम कर सकते है.

पढ़ें- कोरोना पर जयपुर के गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट, जागरूकता का अभाव दिखाई दे रहा साफ

  • संगीत हमारे मन को आनंदित करता है अतः घर में अच्छे मनपसंद गाने चलाएं एवं गुनगुनाते हुए तनाव मुक्त रहें.
  • स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ भोजन पूर्ण नींद एवं व्यायाम हमारे शरीर एवं मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है और तनाव को भी कम करता है.
  • फोन का प्रयोग संतुलित रूप से करें बेहतर है आप सपरिवार टीवी पर कोई मूवी या कार्यक्रम को देखें.
  • प्रियजनों एवं मित्र गणों को फोन कर हालचाल पूछे उन्हें भी मानसिक संबल प्रदान करें एवं बात करके स्वयं भी खुश एवं तनावमुक्त रहें.

जयपुर. दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. भारत में इसके बचाव के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है. वहीं अब तक कोरोना वायरस के लिए किसी भी प्रकार की दवा सामने नहीं आई है. जिसके बाद इसका एकमात्र उपाय है भीड़ से दूर रहना और अपना सुरक्षा खुद करना. जिसके तहत लोग अब घरों में रहने को मजबूर है और कोरोना से बचाव के लिए खुद को घरों में रहकर सुरक्षित कर रहे है.

तनावमुक्त रहने के लिए डॉ. मनस्वी ने दिए टिप्स

हालांकि घर में रहने के बाद कोरोना से तो बचा जा सकता है, लेकिन व्यक्ति मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस करता है या यूं कहे की मानसिक तनाव में भी आ जाता है. इस समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने लॉकडाउन में घर में रहकर तनावमुक्त रहने के गुर डॉक्टर मनस्वी से जानें.

कोरोना वायरस से संबंधित भविष्य के प्रति अनिश्चितता और सही या गलत खबरें सामाजिक दूरियां, अलगाव की स्थिति, लोगों में डर, पैनिक और तनाव की स्थिति उत्पन्न कर रही हैं. डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाकर हमें स्वयं और लोगों को स्वस्थ रहने का संकल्प तो करना ही है, साथ ही अपनी मानसिक शांति का ध्यान रखना भी आवश्यक है.

पढ़ें- पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने भोपालगढ़ पंचायत समिति को लिया गोद, कहा- किसी को सोने नहीं दूंगा भूखा

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, लोगों से मिलना बात करना सामाजिक समारोह में जाना उसे मानसिक खुशी प्रदान करता है. ऐसे में आज के दौर में जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखना और अलगाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

यह कई लोगों के लिए तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न करता है. नौकरी छूटना, आय में कमी व्यापार में घाटा, घरेलू तनाव, अनिश्चितता की स्थिति लोगों में निराशा, गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, उलझन और चिंता विकार को जन्म दे रही है. अधिक समय टीवी स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर व्यतीत करने से उन्हें खतरा भी बना हुआ है.

इस प्वाइंट्स के जरिए तनाव और अवसाद से बचा जा सकता है

  • स्थिति के बारे में संपूर्ण जानकारी रखें परंतु यदि यह आपको बार-बार तनाव देता है और खबरें सुनकर आप में घबराहट के लक्षण दिखाई देते हैं तो थोड़ी देर बाद टीवी बंद करें और छोटा सा
    ब्रेक लें.
  • सूर्य की किरणें हमें नई ऊर्जा देती है अतः सुबह की पहली चाय धूप में लें ताकि नकारात्मक ऊर्जा कम हो और आपके अंदर स्फूर्ति और उमंग का संचार हो.
  • ध्यान योग आपके मन को शांत करता है एवं घबराहट से उत्पन्न लक्षण जैसे सांस तेज चलना तेज धड़कन का होना पसीना आदि को भी कम करता है.
  • परिवार के साथ समय बिताने का यह अच्छा अवसर है साथ ही केरम, लूडो जैसे खेल या बच्चों के साथ गाना गाकर या डांस कर तनाव को कम कर सकते है.

पढ़ें- कोरोना पर जयपुर के गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट, जागरूकता का अभाव दिखाई दे रहा साफ

  • संगीत हमारे मन को आनंदित करता है अतः घर में अच्छे मनपसंद गाने चलाएं एवं गुनगुनाते हुए तनाव मुक्त रहें.
  • स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ भोजन पूर्ण नींद एवं व्यायाम हमारे शरीर एवं मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है और तनाव को भी कम करता है.
  • फोन का प्रयोग संतुलित रूप से करें बेहतर है आप सपरिवार टीवी पर कोई मूवी या कार्यक्रम को देखें.
  • प्रियजनों एवं मित्र गणों को फोन कर हालचाल पूछे उन्हें भी मानसिक संबल प्रदान करें एवं बात करके स्वयं भी खुश एवं तनावमुक्त रहें.
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