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इलाज में लापरवाही से हुई मौत, अस्पताल और डॉक्टर पर 50 लाख रुपए का हर्जाना

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Published : Jan 8, 2020, 9:03 PM IST

इलाज में लापरवाही से मरीज की मौत के मामले पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाते हुए जयपुर के भंडारी अस्पताल और चिकित्सक डॉ. केएम भंडारी पर 50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने 9 फीसदी ब्याज भी देने को कहा है.

State consumer commission, डॉ. केएम भंडारी पर 50 लाख का हर्जाना
Death due to negligence in treatment

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने इलाज में लापरवाही के चलते मरीज की मौत के मामले में भंडारी अस्पताल और डॉ. केएम भंडारी पर पचास लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने हर्जाना राशि पर परिवाद दायर करने की तिथि से नौ फीसदी ब्याज भी देने को कहा है. आयोग ने यह आदेश अशोक जैन के परिवाद पर दिए.

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परिवाद में कहा गया कि उसकी 18 साल की बेटी सोनल को अपेडिक्स के इलाज के लिए 15 मार्च 2014 को भंडारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं अगले दिन उसका ऑपरेशन किया गया. इस दौरान लापरवाही से उसकी दायीं धमनी कट गई और काफी खून बह गया. अस्पताल में खून का इंतजाम नहीं होने के कारण परिवादी ब्लड बैंक से खून लेकर अस्पताल आए. इस बीच मरीज कोमा में चली गई.

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वहीं चिकित्सकों ने गलत जानकारी देते हुए मरीज को आईसीयू में रखा. इसके बाद 23 मार्च 2014 की रात वेन्टीलेटर पर उसकी मौत हो गई. परिवाद में कहा गया कि चिकित्सकों ने इलाज के दौरान गंभीर लापरवाही बरती, जिसके चलते उसकी बेटी की मौत हो गई. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने अस्पताल प्रशासन और डॉ. केएम भंडारी पर 50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने इलाज में लापरवाही के चलते मरीज की मौत के मामले में भंडारी अस्पताल और डॉ. केएम भंडारी पर पचास लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने हर्जाना राशि पर परिवाद दायर करने की तिथि से नौ फीसदी ब्याज भी देने को कहा है. आयोग ने यह आदेश अशोक जैन के परिवाद पर दिए.

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परिवाद में कहा गया कि उसकी 18 साल की बेटी सोनल को अपेडिक्स के इलाज के लिए 15 मार्च 2014 को भंडारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं अगले दिन उसका ऑपरेशन किया गया. इस दौरान लापरवाही से उसकी दायीं धमनी कट गई और काफी खून बह गया. अस्पताल में खून का इंतजाम नहीं होने के कारण परिवादी ब्लड बैंक से खून लेकर अस्पताल आए. इस बीच मरीज कोमा में चली गई.

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वहीं चिकित्सकों ने गलत जानकारी देते हुए मरीज को आईसीयू में रखा. इसके बाद 23 मार्च 2014 की रात वेन्टीलेटर पर उसकी मौत हो गई. परिवाद में कहा गया कि चिकित्सकों ने इलाज के दौरान गंभीर लापरवाही बरती, जिसके चलते उसकी बेटी की मौत हो गई. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने अस्पताल प्रशासन और डॉ. केएम भंडारी पर 50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

Intro:जयपुर। राज्य उपभोक्ता आयोग ने इलाज में लापरवाही के चलते मरीज की मौत के मामले में भंडारी अस्पताल और डॉ. केएम भंडारी पर पचास लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही आयोग ने हर्जाना राशि पर परिवाद दायर करने की तिथि से नौ फीसदी ब्याज भी देने को कहा है। आयोग ने यह आदेश अशोक जैन के परिवाद पर दिए।Body:परिवाद में कहा गया कि उसकी 18 साल की बेटी सोनल को अपेडिक्स के इलाज के लिए 15 मार्च 2014 को भंडारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं अगले दिन उसका ऑपरेशन किया गया। इस दौरान लापरवाही से उसकी दायीं धमनी कट गई और काफी खून बह गया। अस्पताल में खून का इंतजाम नहीं होने के कारण परिवादी ब्लड बैंक से खून लेकर अस्पताल आए। इस बीच मरीज कोमा में चली गई। वहीं चिकित्सकों ने गलत जानकारी देते हुए मरीज को आईसीयू में रखा। इसके बाद 23 मार्च 2014 की रात वेन्टीलेटर पर उसकी मौत हो गई। परिवाद में कहा गया कि चिकित्सकों ने इलाज के दौरान गंभीर लापरवाही बरती, जिसके चलते उसकी बेटी की मौत हो गई। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने अस्पताल प्रशासन और डॉ. केएम भंडारी पर 50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। Conclusion:
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