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दांडी यात्रा संयोजक शमशेर खां भालू बैठे आमरण अनशन पर, कहा- सरकार की ओर से मांगे नहीं मानने तक जारी रहेगा अनशन

सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों का 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना जारी है. मामले में सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने से पैरा टीचर्स का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

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Published : Oct 21, 2021, 5:18 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 2:45 PM IST

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दांडी यात्रा संयोजक शमशेर खां भालू बैठे आमरण अनशन पर

जयपुर. अपनी मांगों को लेकर 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैरा टीचर्स और शिक्षाकर्मी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. लेकिन सरकार की ओर से सुनवाई नहीं होने के कारण अब इन्होंने आमरण अनशन के जरिए अपनी बात मनवाने का फैसला किया है. ऐसे में अब शहीद स्मारक पर दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान ने भी अमान सिंह के साथ आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

राजस्थान मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था. अब सरकार का ध्यान अपनी ओर दिलाने के लिए संघर्ष समिति की ओर से दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान और अमान सिंह ने भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

दांडी यात्रा संयोजक शमशेर खां भालू बैठे आमरण अनशन पर

पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान की धीमीगति से सीएम गहलोत नाराज, दीवाली के बाद सभी कलेक्टरों की जयपुर में लेंगे क्लास

शमशेर भालू खान ने मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों को नियमित करने को लेकर दांडी यात्रा शुरू की थी. सरकार की मध्यस्थता के बाद सरकार ने 30 सितंबर 2021 तक की सभी को नियुक्ति आदेश देने का समझौता किया था, लेकिन 30 सितंबर के बाद भी किसी भी कैडर को नियमित नहीं किया गया और न ही उनका मानदेय बढ़ाया गया. इसके बाद शमशेर भालू खान ने फिर से अपनी दांडी यात्रा शुरू की थी. डूंगरपुर कलेक्टर ने रतनपुर बॉडर पर दांडी यात्रा को रुकवा कर सरकार से वार्ता का आश्वासन दिया. इसके बावजूद भी सरकार ने अभी तक इनसे कोई वार्ता नहीं की है. इसी बात को लेकर संघर्ष समिति में आक्रोश व्याप्त है. अब आमरण अनशन के जरिए सरकार से अपनी बात मनवाने का फैसला किया है.

पढ़ें. लो-फ्लोर बस बंद: ऑटो चालक और मिनी बस चालक वसूल रहे मनमाना किराया, लोगों को हो रही परेशानी

आपको बता दें कि राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लंबे समय से खुद को नियमित करने और मानदेय बढ़ाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. कई बार उनकी वार्ता भी हुई लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया. इनका कहना है कि कम मानदेय में इनका घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है. शमशेर भालू खान ने कहा कि एक नवंबर से मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों के परिजन भी इस आंदोलन में शामिल होंगे और सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे. खान ने यह भी कहा कि हमारा दिल्ली जाने का भी कार्यक्रम है और एक अलग तरीके से ही दिल्ली जाएंगे जिसकी जानकारी बाद में दी जाएगी.

जयपुर. अपनी मांगों को लेकर 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैरा टीचर्स और शिक्षाकर्मी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. लेकिन सरकार की ओर से सुनवाई नहीं होने के कारण अब इन्होंने आमरण अनशन के जरिए अपनी बात मनवाने का फैसला किया है. ऐसे में अब शहीद स्मारक पर दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान ने भी अमान सिंह के साथ आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

राजस्थान मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था. अब सरकार का ध्यान अपनी ओर दिलाने के लिए संघर्ष समिति की ओर से दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान और अमान सिंह ने भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

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शमशेर भालू खान ने मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों को नियमित करने को लेकर दांडी यात्रा शुरू की थी. सरकार की मध्यस्थता के बाद सरकार ने 30 सितंबर 2021 तक की सभी को नियुक्ति आदेश देने का समझौता किया था, लेकिन 30 सितंबर के बाद भी किसी भी कैडर को नियमित नहीं किया गया और न ही उनका मानदेय बढ़ाया गया. इसके बाद शमशेर भालू खान ने फिर से अपनी दांडी यात्रा शुरू की थी. डूंगरपुर कलेक्टर ने रतनपुर बॉडर पर दांडी यात्रा को रुकवा कर सरकार से वार्ता का आश्वासन दिया. इसके बावजूद भी सरकार ने अभी तक इनसे कोई वार्ता नहीं की है. इसी बात को लेकर संघर्ष समिति में आक्रोश व्याप्त है. अब आमरण अनशन के जरिए सरकार से अपनी बात मनवाने का फैसला किया है.

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आपको बता दें कि राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लंबे समय से खुद को नियमित करने और मानदेय बढ़ाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. कई बार उनकी वार्ता भी हुई लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया. इनका कहना है कि कम मानदेय में इनका घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है. शमशेर भालू खान ने कहा कि एक नवंबर से मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों के परिजन भी इस आंदोलन में शामिल होंगे और सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे. खान ने यह भी कहा कि हमारा दिल्ली जाने का भी कार्यक्रम है और एक अलग तरीके से ही दिल्ली जाएंगे जिसकी जानकारी बाद में दी जाएगी.

Last Updated : Oct 22, 2021, 2:45 PM IST
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