जयपुर. इसी साल फरवरी में जयपुर के परकोटे को यूनेस्को महानिदेशक ने विश्व विरासत का सर्टिफिकेट दिया. विश्व विरासत में शामिल होने के लिए शहर की तीनों चौपड़ प्रमुख बिंदुओं में शामिल थीं, लेकिन मेट्रो के काम के चलते पहले छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ के स्वरूप को बिगाड़ दिया गया. वहीं, इसका स्वरूप बिगाड़ने की रही सही कसर यहां हो रहे स्थाई निर्माण पूरी कर रहे हैं.
दरअसल, छोटी चौपड़ से गणगौरी बाजार की ओर जाने वाले रास्ते की शुरुआत में ही एक पक्की प्याऊ का निर्माण कराया जा रहा है. बरामदे के पिलर के सहारे इसका निर्माण कार्य चल रहा है. इस स्थाई निर्माण से हेरिटेज को नुकसान पहुंच रहा है. हालांकि, निगम प्रशासन हो या मेट्रो प्रशासन सभी इसके निर्माण से अनजान बने हुए हैं.
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उधर क्षेत्रीय बीजेपी कार्यकर्ता ने कांग्रेस सरकार पर विरासत को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले विकास के नाम पर यहां बरसों पुरानी तीन प्याऊ को तुड़वा दिया और अब प्याऊ के नाम पर पक्का निर्माण कर हेरिटेज को नुकसान पहुंचा रही है. वहीं, व्यापारियों ने बताया कि प्याऊ के निर्माण से बाजार में आने वाले ग्राहकों और पर्यटकों को गर्मी के दिनों में राहत मिलेगी, लेकिन ये प्याऊ हेरिटेज नियमों के अंतर्गत बनाई जानी चाहिए.
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बताया जा रहा है कि प्याऊ क्षेत्रीय निवर्तमान पार्षद की देखरेख में भामाशाह की मदद से बनाई जा रही है. गर्मी के दिनों में प्याऊ निर्माण कहने को तो पुण्य कार्य है, लेकिन छोटी चौपड़ पर किए गए इस स्थाई निर्माण से कहीं ना कहीं हेरिटेज को नुकसान पहुंचेगा.