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विपक्ष के बयान पर दलित संगठनों ने जताई नाराजगी, कहा- अपने कार्यकाल को भी याद कर ले - अलवर

थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बयान पर कई दलित सामाजिक संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई है. विपक्ष की ओर से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में की जा रही बयानबाजी, विरोध-प्रदर्शन और धरने प्रदर्शन से संगठनों में आक्रोश है.

अलवर थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले में वसुंधरा राजे के बयान पर प्रेस कांफ्रेस कर दलित संगठनों ने जताई नाराजगी.
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Published : May 10, 2019, 4:05 PM IST

जयपुर. अलवर के थानागाजी में पति को बंधक बनाकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री राजे द्वारा दिए गए बयान पर प्रदेश में दलित सामाजिक संगठन ने कड़ी नाराजगी जताई है. आधा दर्जन से ज्यादा दलित सामाजिक संगठनों का कहना है कि दुष्कर्म मामले में विपक्ष द्वारा दुष्कर्म के मामले पर की जा रही बयानबाजी, विरोध-प्रदर्शन और धरने प्रदर्शन केवल राजनीति है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा के कार्याकाल में डांगावास, डेल्टा मेघवाल जैसी बड़ी घटनाएं हुई जिसमें खुद उनकी पार्टी के नेता शामिल थे बावजूद उसके उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

अलवर जिले के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म मामले में वसुंधरा राजे के बयान पर प्रेस कांफ्रेस कर दलित संगठनों ने जताई नाराजगी.

यहां तक कि आरोपियों को सजा तक नहीं मिली है. दलित सामाजिक संगठनों ने पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना द्वारा पीड़ित परिवार को दबाने और धमकने के मामले पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए भड़ाना का नारको टेस्ट कराने की मांग की. दलित संगठनों ने कहा कि भाजपा सरकार में मंत्री रहे हेमसिंह भड़ाना पीड़ित परिवार पर लगातार दबाव डाल रहे है कि वह पैसे लेकर समझौता कर ले.

अब जब मामला उजागर हो गया तो हेमसिंह भड़ाना अपने आरोप को खारिज कर रहे है लेकिन उनका नारको टेस्ट होना चाहिए. दलित सामाजिक संगठनों ने अपराधियों को जल्द कोर्ट में ट्रायल कर उन्हें सजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए संभागीय आयुक्त कमेटी बना दी है लेकिन अब जरूरत है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में हो जिससे आरोपियों को जल्द व कड़ी सजा मिल सके.

ताकि कोई भी इस तरह के जघन्य अपराध करने की ना सोचे. सामाजिक संगठनों ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी दुर्भाग्यपूर्ण थी. ऐसे दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. प्रेस कांफ्रेंस में दलित आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी मीणा संघ, मीणा महासभा, बलाई महासभा, बैरवा महासभा के प्रतिनिधि मौजूद थे.

जयपुर. अलवर के थानागाजी में पति को बंधक बनाकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री राजे द्वारा दिए गए बयान पर प्रदेश में दलित सामाजिक संगठन ने कड़ी नाराजगी जताई है. आधा दर्जन से ज्यादा दलित सामाजिक संगठनों का कहना है कि दुष्कर्म मामले में विपक्ष द्वारा दुष्कर्म के मामले पर की जा रही बयानबाजी, विरोध-प्रदर्शन और धरने प्रदर्शन केवल राजनीति है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा के कार्याकाल में डांगावास, डेल्टा मेघवाल जैसी बड़ी घटनाएं हुई जिसमें खुद उनकी पार्टी के नेता शामिल थे बावजूद उसके उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

अलवर जिले के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म मामले में वसुंधरा राजे के बयान पर प्रेस कांफ्रेस कर दलित संगठनों ने जताई नाराजगी.

यहां तक कि आरोपियों को सजा तक नहीं मिली है. दलित सामाजिक संगठनों ने पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना द्वारा पीड़ित परिवार को दबाने और धमकने के मामले पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए भड़ाना का नारको टेस्ट कराने की मांग की. दलित संगठनों ने कहा कि भाजपा सरकार में मंत्री रहे हेमसिंह भड़ाना पीड़ित परिवार पर लगातार दबाव डाल रहे है कि वह पैसे लेकर समझौता कर ले.

अब जब मामला उजागर हो गया तो हेमसिंह भड़ाना अपने आरोप को खारिज कर रहे है लेकिन उनका नारको टेस्ट होना चाहिए. दलित सामाजिक संगठनों ने अपराधियों को जल्द कोर्ट में ट्रायल कर उन्हें सजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए संभागीय आयुक्त कमेटी बना दी है लेकिन अब जरूरत है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में हो जिससे आरोपियों को जल्द व कड़ी सजा मिल सके.

ताकि कोई भी इस तरह के जघन्य अपराध करने की ना सोचे. सामाजिक संगठनों ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी दुर्भाग्यपूर्ण थी. ऐसे दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. प्रेस कांफ्रेंस में दलित आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी मीणा संघ, मीणा महासभा, बलाई महासभा, बैरवा महासभा के प्रतिनिधि मौजूद थे.

Intro:
थानागाजी दुष्कर्म पर विपक्ष की राजनीति दुर्भाग्य पूर्ण - पूर्व मुख्य मंत्री दुष्कर्म पर राजनीति करने से पहले अपने कार्यकाल को करे याद - दलित सामाजिक संगठन

एंकर:- अगर के थानागाजी में पति को बंधक बनाकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान के बाद प्रदेश में दलित सामाजिक संगठन ने कड़ी नाराजगी जताई है , आधादर्जन से दलित सामाजिक संगठनों ने महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में विपक्ष द्वारा दुष्कर्म के मामले पर की जा रही बयानबाजी , विरोध प्रदर्शन और धरने प्रदर्शन पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि महिला के साथ हुई सामाजिक दुष्कर्म पर विपक्ष राजनीति कर रही है , जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे किस आसन में डांगावास , डेल्टा मेघवाल जैसी बड़ी घटनाएं हुई जिसमें खुद उनकी पार्टी के नेता शामिल थे बावजूद उसके उन पर कोई कार्रवाई नहीं करी गई , यहां तक कि आरोपियों को सजा तक नहीं मिली है , अब वह विपक्ष महिला दुष्कर्म पर राजस्थान को अपराजिस्तान किस मुंह से बता रही है , दलित सामाजिक संगठनों ने पूर्व मंत्री हेम सिंह भडाणा द्वारा पीड़ित परिवार को दबाने और धमकने के मामले पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए बड़ौदा का नारको टेस्ट कराने की मांग की , दलित संगठनों ने कहा कि भाजपा के पूर्व एमएलए हेमसिंह बडाना परिवार पर लगातार दबाव बना रहे हैं पैसों के जरिए मामले को दबाव बनाने की और समझौता करने का प्रलोभन दे रहे हैं , अब जब मामला उजागर हो गया तो हेमसिंह भड़ाना अपने आरोप को खारिज कर रहे लेकिन उनका नारकोटिक्स होना चाहिए ताकि यह साफ हो सके की उन्होंने किस तरह से पीड़ित परिवार को डराने धमकाने और प्रलोभन देने का काम किया , दलित सामाजिक संगठनों ने अपराधियों जल्द से कोर्ट में ट्रायल कर उन्हें सजा देने की मांग करें उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है , सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए संभागीय आयुक्त कमेटी बना दी है लेकिन अब जरूरत है कि इन सभी आरोपियों को पास्ट ट्रेक कोर्ट से सजा मिले इन सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि कोई भी इस तरह के जघन्य अपराध करने कि सोचा भी नहीं साथी दिल सामाजिक संगठनों ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी दुर्भाग्यपूर्ण थी ऐसे दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए , इसमें दलित आदिवासी विकास परिषद , आदिवासी मीणा संघ , मीणा महासभा , बलाई महासभा , बैरवा महासभा के प्रतिनिधियों ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए आरोप लगाए

बाइट:- श्रवण कुमार - अध्यक्ष दलित आदिवासी विकास परिषद


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