जयपुर. अलवर के थानागाजी में पति को बंधक बनाकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री राजे द्वारा दिए गए बयान पर प्रदेश में दलित सामाजिक संगठन ने कड़ी नाराजगी जताई है. आधा दर्जन से ज्यादा दलित सामाजिक संगठनों का कहना है कि दुष्कर्म मामले में विपक्ष द्वारा दुष्कर्म के मामले पर की जा रही बयानबाजी, विरोध-प्रदर्शन और धरने प्रदर्शन केवल राजनीति है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा के कार्याकाल में डांगावास, डेल्टा मेघवाल जैसी बड़ी घटनाएं हुई जिसमें खुद उनकी पार्टी के नेता शामिल थे बावजूद उसके उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
यहां तक कि आरोपियों को सजा तक नहीं मिली है. दलित सामाजिक संगठनों ने पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना द्वारा पीड़ित परिवार को दबाने और धमकने के मामले पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए भड़ाना का नारको टेस्ट कराने की मांग की. दलित संगठनों ने कहा कि भाजपा सरकार में मंत्री रहे हेमसिंह भड़ाना पीड़ित परिवार पर लगातार दबाव डाल रहे है कि वह पैसे लेकर समझौता कर ले.
अब जब मामला उजागर हो गया तो हेमसिंह भड़ाना अपने आरोप को खारिज कर रहे है लेकिन उनका नारको टेस्ट होना चाहिए. दलित सामाजिक संगठनों ने अपराधियों को जल्द कोर्ट में ट्रायल कर उन्हें सजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए संभागीय आयुक्त कमेटी बना दी है लेकिन अब जरूरत है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में हो जिससे आरोपियों को जल्द व कड़ी सजा मिल सके.
ताकि कोई भी इस तरह के जघन्य अपराध करने की ना सोचे. सामाजिक संगठनों ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी दुर्भाग्यपूर्ण थी. ऐसे दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. प्रेस कांफ्रेंस में दलित आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी मीणा संघ, मीणा महासभा, बलाई महासभा, बैरवा महासभा के प्रतिनिधि मौजूद थे.