जयपुर. कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) का नया सीजन शुरू होने जा रहा है और उससे पहले ही साइबर ठग केबीसी लॉटरी के नाम पर लोगों को अपना शिकार बनाने में जुट गए हैं. पिछले 1 सप्ताह से साइबर ठग लोगों को अलग-अलग नंबर से 25 लाख रुपए की लॉटरी जीतने का व्हाट्सएप मैसेज कर रहे (Fake Whatsapp message of winning KBC lottery) हैं. मैसेज में दिए हुए एक नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करने और जीती हुई राशि को प्राप्त करने का झांसा दिया जा रहा है. जिन नंबरों से साइबर ठग लोगों को लॉटरी जीतने का मैसेज भेज रहे हैं, उन नंबर्स की डीपी पर केबीसी या एसबीआई बैंक की फोटो लगा रखी है. जिसे देखकर कई लोग ठगों के जाल में फंस जाते हैं.
ऐसे बनाया जा रहा ठगी का शिकार: केबीसी लॉटरी के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए ठग व्हाट्सएप नंबर पर एक वीडियो मैसेज भेजते हैं. जिसमें यह कहा जाता है कि केबीसी की ओर से रेंडम नंबर सलेक्ट करके लॉटरी निकाली गई है, जिसमें यूजर का नंबर सलेक्ट हुआ है. इसी कारण उन्हें 25 लाख रुपए की लॉटरी लगी है. मैसेज में लिखा होता है कि लॉटरी की राशि मुंबई के एसबीआई बैंक में जमा करा दी गई है, जिसे प्राप्त करने के लिए मैसेज में दिए गए नंबर को अपने मोबाइल में सेव करके उस पर व्हाट्सएप कॉल कर राशि को प्राप्त करने की जानकारी हासिल करें. मैसेज में दिया हुआ नंबर बैंक मैनेजर का बताया जाता है जिस पर सिर्फ व्हाट्सएप कॉल करने के लिए ही कहा जाता है.
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साथ ही मैसेज के साथ एक फोटो भेजी जाती है जिसमें लॉटरी का नंबर और विभिन्न कंपनियों के लोगो लगे होते हैं. ठगों के झांसे में आकर जैसे ही कोई भी व्यक्ति मैसेज में दिए हुए नंबर पर व्हाट्सएप कॉल कर लॉटरी की राशि प्राप्त करने के लिए जानकारी हासिल करता है, तो उसे एक लिंक भेज कर उसमें बैंक की जानकारी एंटर करने के लिए कहा जाता है. जैसे ही वह व्यक्ति अपने बैंक की तमाम जानकारी मुहैया करवाता है, उसके खाते से मोटी राशि निकाल ली जाती है.
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बरतें यह सावधानी: एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा का कहना है कि साइबर ठग विभिन्न तरह की स्कीम और टेलीविजन पर आने वाले विभिन्न तरह के कार्यक्रमों के नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल कर लोगों को लॉटरी के नाम पर ठगी का शिकार बनाते हैं. लालच में आकर लोग ठगों के जाल में फंस जाते हैं और फिर ठगी का शिकार हो जाते हैं. लांबा ने कहा कि किसी भी अनजान नंबर से आने वाले मैसेज, कॉल और लिंक पर ध्यान नहीं देना चाहिए और भूल कर भी रिप्लाई नहीं करना चाहिए. इस तरह की ठगी से बचाव का एकमात्र उपाय लोगों की सतर्कता है.
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तुरंत करें पुलिस को शिकायत: लांबा का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति फाइनेंसियल फ्रॉड का शिकार होता है, तो उसे बिना वक्त गंवाए पुलिस को तुरंत शिकायत करनी चाहिए. यदि किसी को साइबर पोर्टल का नंबर याद नहीं रहता है, तो वह पुलिस कंट्रोल रूम फोन नंबर 100 डॉयल कर अपनी शिकायत बताए. उसकी कॉल को साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया जाता है और साइबर सेल पीड़ित की पूरी मदद करती है. ठगी का शिकार होने के बाद जितना जल्द पुलिस को शिकायत की जाती है, उतना ही जल्द ठगी गई राशि को फ्रिज करवा कर वापस पीड़ित को दिलवाने की संभावना बढ़ जाती है. ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित को तुरंत पुलिस और बैंक से संपर्क करना चाहिए. पुलिस व बैंक की ओर से बताई जाने वाली गाइडलाइन को फॉलो करना चाहिए.