जयपुर. साइबर ठग कोविड-19 और कोरोना जैसे मिलते-जुलते नामों की वेबसाइट के डोमेन रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं, जो कि बदनीयती और साइबर ठगी के लिए बनाई गई है. इन वेबसाइट पर कोरोना वायरस के बारे में अधिक से अधिक जानकारी पाने की ललक से आमजन को फिशिंग का शिकार बन रहे हैं. ये ठग लोगों की गोपनीय जानकारी चुरा रहे हैं. ऐसे में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट, एसओजी और एटीएस राजस्थान ने एक एडवाइजरी जारी कर आमजन से आग्रह किया है कि, जब तक वेबसाइट के बारे में सही जानकारी नहीं है, उसको ओपन नहीं करें.
कोरोना वायरस के चलते इस महामारी में उपयोग आने वाले मेडिकल सामग्री मास्क, सैनिटाइजर, मेडिकल ग्लव्ज जैसे सामान बेचने के नाम पर ऑनलाइन वेबसाइटों पर धोखाधड़ी हो रही है, जिनसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. ये साइबर अपराधी कोरोना वायरस से बचने के उपाय बताने के नाम पर मोबाइल और कंप्यूटर के जरिए मॉलवेयर के लिंक, ऐप, SMS भेजे जा रहे हैं. जिनको ओपन करने से मोबाइल और कंप्यूटर की गोपनीय जानकारी चुराई जा रही है. ऐसे लिंक, ऐप और एसएमएस को ओपन नहीं करें.
ये पढ़ेंः लॉक डाउन: जयपुर में दुकानों और मंडियों में अभी भी जनता की भीड़ उमड़ रही
बता दें कि, इसके अलावा ठग कोरोना वायरस ऐप जैसे स्पाई मैक्स, कोरोना लाइव 1.1 इकाई का उपयोग कर रहे हैं. कोरोना वायरस पीड़ितों के नाम से चैरिटी में फंड देने, पैसा जमा करवाने के भी साइबर मैसेज भेजे रहे है. साथ ही वेबसाइट पर लुभावने प्रलोभन वाले लिंक एप और विज्ञापन भी आ रहें है, जिन्हें भूलकर भी नहीं खोलना है.
ईटीवी भारत की अपील
ऐसी परिस्थिति में ईटीवी भारत अपने दर्शकों और पाठकों से अपील करता है कि कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर झूठी अफवाहों के बहकावे में आकर अपना धैर्य नहीं खोए. साथ ही साइबर ठगों के झांसे में आने से बचें. इस संवेदनशील समय में सही जानकारी प्रेषित करें. वहीं लॉकडाउन में घर में रहे और सुरक्षित रहे. सरकार और डॉक्टर की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करें.