ETV Bharat / city

हेल्पलाइन 155260 : साइबर ठगी हुई है तो ध्यान दें..इस हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं

डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि राजस्थान में साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट के गठन के बाद साइबर ठगी के शिकार लोगों को उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है. साइबर ठगी के बाद व्यक्ति पुलिस थानों के चक्कर लगाता था. इस हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद तुरंत एक्शन होता है.

साइबर ठगी में हेल्पलाइन 155260
साइबर ठगी में हेल्पलाइन 155260
author img

By

Published : Sep 17, 2021, 7:58 PM IST

Updated : Sep 17, 2021, 11:03 PM IST

जयपुर. लगातार बढ़ रहे साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड के मामलों को देखते हुए राजस्थान में 1 अप्रैल 2021 से साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रिवेंशन यूनिट का गठन कर हेल्पलाइन 155260 की शुरुआत की गई. यह हेल्पलाइन राजस्थान के लिए वरदान साबित हो रही है.

हेल्पलाइन 155260 पर शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों को ठगी गई रकम वापस मिलने की उम्मीद कायम होने लगी है. इसकी वजह ये है कि पुलिस ने अब तक करीब 3 करोड़ की राशि को ठगों से रिकवर कर लिया है. हेल्पलाइन 155260 का संचालन जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अभय कमांड सेंटर में किया जा रहा है.

राजस्थान में साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट का गठन

शिकायत पर तुरंत अकाउंट फ्रीज कराती है टीम

यहां प्रदेशभर से पुलिस को साइबर ठगी की शिकायतें प्राप्त होती हैं. शिकायत मिलते ही पुलिस टीम तुरंत एक्शन लेती है. साइबर ठगी के बाद यह टीम बैंकों से समन्वय कर ठग के अकाउंट को फ्रीज करवा देती है.

डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि राजस्थान में साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट के गठन के बाद साइबर ठगी के शिकार लोगों को उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है. साइबर ठगी के बाद व्यक्ति पुलिस थानों के चक्कर लगाता था, शिकायत दर्ज कराता था. तब तक साइबर ठग उस राशि को एक खाते से अनेक खातों में ट्रांसफर कर लेता था. पुलिस जब तक एक्शन ले, तब तक देर हो चुकी होती थी.

पढ़ें- 'इस्माइल' प्लीज : गांव का पहला ग्रेजुएट इस्माइल पहुंचा यूथ पार्लियामेंट...वनस्पति से बिजली बनाने पर कर रहा रिसर्च

हेल्पलाइन पर शिकायत, थाने में अपने आप FIR

ऐसे में पीड़ित से ठगी गई राशि का वापस मिल पाना असंभव सी बात हो गई थी. इस स्थिति से निपटने के लिए ही राजस्थान में हेल्पलाइन 155260 की शुरुआत की गई. अब ठगी का शिकार व्यक्ति तुरंत हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा सकता है. शिकायत मिलते ही यह टीम उस अकाउंट को फ्रीज करवा देती है, जिसमें ठग ने ठगी की राशि ट्रांसफर की है.

खाते में ट्रांसफर हुई राशि को बैंक से समन्वय स्थापित कर फ्रीज करवाता है. जिस खाते से राशि का ट्रांसफर हुआ है उसे भी फ्रीज करवाया जाता है. कोई पीड़ित व्यक्ति जब हेलपलाइन 155260 पर शिकायत दर्ज कराता है, तो संबंधित थाने में एफआईआर भी अपने आप दर्ज हो जाती है. लिहाजा पीड़ित को पुलिस थाने जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती.

सिम कार्ड और आईएमईआई नंबर भी ब्लॉक करवा रही पुलिस

डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि साइबर ठगों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अब जयपुर पुलिस डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम के साथ समन्वय कर ठगों के सिम कार्ड और उनके मोबाइल के आईएमईआई नंबर ब्लॉक कराने का काम भी कर रही है. ठगी के प्रकरणों में साइबर ठग की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे सिम कार्ड को चिन्हित कर उन्हें ब्लॉक करवाया जा रहा है.

साथ ही ठगों के मोबाइल के आईएमईआई नंबर को ब्लॉक करा कर उन्हें आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है. जयपुर पुलिस अब तक ठगों के 200 सिम कार्ड और 250 आईएमइआई नंबर ब्लॉक करवा चुकी है.

जयपुर. लगातार बढ़ रहे साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड के मामलों को देखते हुए राजस्थान में 1 अप्रैल 2021 से साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रिवेंशन यूनिट का गठन कर हेल्पलाइन 155260 की शुरुआत की गई. यह हेल्पलाइन राजस्थान के लिए वरदान साबित हो रही है.

हेल्पलाइन 155260 पर शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों को ठगी गई रकम वापस मिलने की उम्मीद कायम होने लगी है. इसकी वजह ये है कि पुलिस ने अब तक करीब 3 करोड़ की राशि को ठगों से रिकवर कर लिया है. हेल्पलाइन 155260 का संचालन जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अभय कमांड सेंटर में किया जा रहा है.

राजस्थान में साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट का गठन

शिकायत पर तुरंत अकाउंट फ्रीज कराती है टीम

यहां प्रदेशभर से पुलिस को साइबर ठगी की शिकायतें प्राप्त होती हैं. शिकायत मिलते ही पुलिस टीम तुरंत एक्शन लेती है. साइबर ठगी के बाद यह टीम बैंकों से समन्वय कर ठग के अकाउंट को फ्रीज करवा देती है.

डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि राजस्थान में साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट के गठन के बाद साइबर ठगी के शिकार लोगों को उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है. साइबर ठगी के बाद व्यक्ति पुलिस थानों के चक्कर लगाता था, शिकायत दर्ज कराता था. तब तक साइबर ठग उस राशि को एक खाते से अनेक खातों में ट्रांसफर कर लेता था. पुलिस जब तक एक्शन ले, तब तक देर हो चुकी होती थी.

पढ़ें- 'इस्माइल' प्लीज : गांव का पहला ग्रेजुएट इस्माइल पहुंचा यूथ पार्लियामेंट...वनस्पति से बिजली बनाने पर कर रहा रिसर्च

हेल्पलाइन पर शिकायत, थाने में अपने आप FIR

ऐसे में पीड़ित से ठगी गई राशि का वापस मिल पाना असंभव सी बात हो गई थी. इस स्थिति से निपटने के लिए ही राजस्थान में हेल्पलाइन 155260 की शुरुआत की गई. अब ठगी का शिकार व्यक्ति तुरंत हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा सकता है. शिकायत मिलते ही यह टीम उस अकाउंट को फ्रीज करवा देती है, जिसमें ठग ने ठगी की राशि ट्रांसफर की है.

खाते में ट्रांसफर हुई राशि को बैंक से समन्वय स्थापित कर फ्रीज करवाता है. जिस खाते से राशि का ट्रांसफर हुआ है उसे भी फ्रीज करवाया जाता है. कोई पीड़ित व्यक्ति जब हेलपलाइन 155260 पर शिकायत दर्ज कराता है, तो संबंधित थाने में एफआईआर भी अपने आप दर्ज हो जाती है. लिहाजा पीड़ित को पुलिस थाने जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती.

सिम कार्ड और आईएमईआई नंबर भी ब्लॉक करवा रही पुलिस

डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि साइबर ठगों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अब जयपुर पुलिस डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम के साथ समन्वय कर ठगों के सिम कार्ड और उनके मोबाइल के आईएमईआई नंबर ब्लॉक कराने का काम भी कर रही है. ठगी के प्रकरणों में साइबर ठग की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे सिम कार्ड को चिन्हित कर उन्हें ब्लॉक करवाया जा रहा है.

साथ ही ठगों के मोबाइल के आईएमईआई नंबर को ब्लॉक करा कर उन्हें आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है. जयपुर पुलिस अब तक ठगों के 200 सिम कार्ड और 250 आईएमइआई नंबर ब्लॉक करवा चुकी है.

Last Updated : Sep 17, 2021, 11:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.