अजमेर : एशिया की सबसे बड़ी पशुओं की मंडी पुष्कर में लगी हुई है. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में लगभग 8 हजार पशु पहुंचे हैं. इस बीच मेले का आकर्षण बढ़ाने और पशु पालकों का उत्साहवर्धन करने के लिए भी पर्यटन विभाग और पशुपालन विभाग की संयुक्त प्रयास से किए गए हैं. सोमवार को पुष्कर के मेला मैदान में खूबसूरत सफेद घोड़ों ने घुंघुरू पहनकर ढोल की थाप जमकर नाच किया. घोड़ों के डांस को देखकर देसी-विदेशी पर्यटक भी दंग रह गए.
पुष्कर पशु मेले में पर्यटन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालकों के लिए भी प्रतियोगिताएं आयोजित की गई. पशुओं की प्रतियोगिताएं देसी-विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती हैं. सोमवार को पुष्कर के मेला मैदान में घुंघरू पहने खूबसूरत सफेद घोड़ों ने ढोल की थाप पर शानदार नृत्य किया. इस दौरान घोड़े और उसके मालिक के बीच शानदार सामंजस्य नजर आया. मालिक के निर्देश पर घोड़ा अलग-अलग मुद्राओं में नृत्य करता दिखा. घोड़े को नाचते हुए देख मेला ग्राउंड में मौजूद हर कोई आश्चर्यचकित हो गया. दरअसल, कई विदेशी और देसी सैलानियों के लिए घोड़े को नाचते हुए देखना उनका पहला अनुभव था.
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सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतियोगिता समिति के सचिव डॉ कुलदीप अग्रवाल ने बताया कि घोड़े के नृत्य की प्रतियोगिता में 15 प्रतिभागियों ने भाग लिया. इनमें एक प्रतिभागी अनुपस्थित रहा. प्रथम स्थान पर टोंक के मालपुरा निवासी इस्माइल खान का घोड़ा रहा. दूसरे स्थान पर पुष्कर के चावंडिया गांव के निवासी अजय सिंह और तीसरे स्थान पर जोधपुर के शाहरुख खान के घोड़े रहे. उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की है कि पुष्कर पशु मेला देसी, विदेशी पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए भरता है. मेले में आयोजित प्रतियोगिताओं में सभी प्रतिभागी मेहनत के साथ भाग लेते हैं, लेकिन इनमें प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान पर कुछ ही रहते हैं. उन्होंने अपील की कि यह हम सब का मेला है इसमें पशुपालकों को पर्यटन और पशुपालन विभाग का सहयोग करना चाहिए. बता दें कि रविवार को ऊंटों के डांस और सोमवार को हुए घोड़े के डांस के परिणाम को लेकर कुछ पशुपालकों ने आपत्ति जताते हुए विरोध जताया था.