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जोधपुर क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव के खिलाफ गबन का मामला दर्ज - EMBEZZLEMENT IN THE JCA

जोधपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव सुखदेव सिंह देवल के खिलाफ करीब 16 लाख रुपये के गबन का मामला दर्ज कराया गया है.

पूर्व सचिव के खिलाफ गबन का मामला दर्ज
शास्त्री नगर पुलिस थाना (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 9, 2025, 5:17 PM IST

जोधपुर : जिला क्रिकेट एसोसिएशन में हुए वित्तीय घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. एसोसिएशन के पूर्व सचिव सुखदेव सिंह देवल के खिलाफ करीब 16 लाख रुपये के गबन का मामला दर्ज कराया गया है. जिला क्रिकेट एसोसिएशन में लंबे समय से आंतरिक विवाद चल रहा था. हाल ही में एसोसिएशन को भंग कर एक एडहॉक कमेटी बनाई गई थी, जिसका संयोजक अरिष्ट सिंघवी को नियुक्त किया गया. जांच के दौरान पता चला कि पूर्व सचिव सुखदेव सिंह देवल ने पूर्व संयुक्त सचिव श्रवण प्रजापत के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितताएं कीं.

कैसे हुआ गबन ? : थानाधिकारी जुल्फिकार ने बताया कि गबन का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. संयोजक अरिष्ट सिंघवी ने बताया कि एसोसिएशन के संविधान के मुताबिक, बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष में से किसी दो पदाधिकारियों के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं. साथ ही, 25,000 रुपये से अधिक की राशि निकालने के लिए अनुमोदन जरूरी होता है, लेकिन सुखदेव सिंह देवल ने इन नियमों की अनदेखी करते हुए, बिना किसी पूर्व सूचना के, अपने और श्रवण प्रजापत के हस्ताक्षर से बैंक से 16,42,712 रुपये निकाल लिए. इस निकासी की कोई स्वीकृति भी नहीं ली गई.

इसे भी पढ़ें- पूर्व रणजी खिलाड़ियों को पेंशन देने की तैयारी में RCA, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को भी किया जाएगा सम्मानित

जांच में हुआ खुलासा : जब एसोसिएशन के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच कराई गई, तो सहकारी संस्था के रजिस्ट्रार कार्यालय ने गबन की पुष्टि कर दी. इसके बाद संयोजक अरिष्ट सिंघवी ने शास्त्री नगर पुलिस थाने में सुखदेव सिंह देवल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. मई 2024 में एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी का चुनाव हुआ था, जिसमें वरुण धनाडिया को अध्यक्ष बनाया गया. नई कार्यकारिणी ने 20 जून से अपना कामकाज शुरू किया, लेकिन पिछले दो महीनों में सचिव और अन्य पदाधिकारियों के बीच मतभेद बढ़ते गए, जिसके चलते यह वित्तीय अनियमितता सामने आई.

पुलिस ने गबन का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो पूर्व सचिव और अन्य दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस घटनाक्रम के बाद एसोसिएशन में एक बार फिर प्रशासनिक संकट गहरा गया है. इस घोटाले के उजागर होने से जोधपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं, और अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाता है.

जोधपुर : जिला क्रिकेट एसोसिएशन में हुए वित्तीय घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. एसोसिएशन के पूर्व सचिव सुखदेव सिंह देवल के खिलाफ करीब 16 लाख रुपये के गबन का मामला दर्ज कराया गया है. जिला क्रिकेट एसोसिएशन में लंबे समय से आंतरिक विवाद चल रहा था. हाल ही में एसोसिएशन को भंग कर एक एडहॉक कमेटी बनाई गई थी, जिसका संयोजक अरिष्ट सिंघवी को नियुक्त किया गया. जांच के दौरान पता चला कि पूर्व सचिव सुखदेव सिंह देवल ने पूर्व संयुक्त सचिव श्रवण प्रजापत के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितताएं कीं.

कैसे हुआ गबन ? : थानाधिकारी जुल्फिकार ने बताया कि गबन का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. संयोजक अरिष्ट सिंघवी ने बताया कि एसोसिएशन के संविधान के मुताबिक, बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष में से किसी दो पदाधिकारियों के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं. साथ ही, 25,000 रुपये से अधिक की राशि निकालने के लिए अनुमोदन जरूरी होता है, लेकिन सुखदेव सिंह देवल ने इन नियमों की अनदेखी करते हुए, बिना किसी पूर्व सूचना के, अपने और श्रवण प्रजापत के हस्ताक्षर से बैंक से 16,42,712 रुपये निकाल लिए. इस निकासी की कोई स्वीकृति भी नहीं ली गई.

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जांच में हुआ खुलासा : जब एसोसिएशन के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच कराई गई, तो सहकारी संस्था के रजिस्ट्रार कार्यालय ने गबन की पुष्टि कर दी. इसके बाद संयोजक अरिष्ट सिंघवी ने शास्त्री नगर पुलिस थाने में सुखदेव सिंह देवल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. मई 2024 में एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी का चुनाव हुआ था, जिसमें वरुण धनाडिया को अध्यक्ष बनाया गया. नई कार्यकारिणी ने 20 जून से अपना कामकाज शुरू किया, लेकिन पिछले दो महीनों में सचिव और अन्य पदाधिकारियों के बीच मतभेद बढ़ते गए, जिसके चलते यह वित्तीय अनियमितता सामने आई.

पुलिस ने गबन का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो पूर्व सचिव और अन्य दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस घटनाक्रम के बाद एसोसिएशन में एक बार फिर प्रशासनिक संकट गहरा गया है. इस घोटाले के उजागर होने से जोधपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं, और अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाता है.

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