जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के लिए इस कार्यकाल में सबसे ज्यादा विवादों में रही रीट परीक्षा फिर से होने जा रही है. परीक्षा में किसी तरह की कोई खामी नहीं रहे, इसे लेकर सख्ती से काम किया जा रहा है. मुख्य सचिव उषा शर्मा ने भी आज शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों और परीक्षा को लेकर बनाई गई नोडल एजेंसी के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए. सीएस ने साफ कहा कि परीक्षा समय पर निष्पक्षता के साथ संपन्न हो.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो : दरअसल, सीएस उषा शर्मा ने 23-24 जुलाई को होने वाली रीट परीक्षा की तैयारियों को लेकर समीक्षा (Review Meeting of REET exam 2022 preparations) की. सीएस ने निर्देश दिए कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों.
उन्होंने परीक्षा केंद्रों पर कड़ी व्यवस्था करने के निर्देश दिए. साथ ही पेपर लीक को लेकर विशेष एहतियात बरती जाए. सीएस ने कहा कि बड़े स्तर पर होने वाली इस परीक्षा में किसी तरह की कोई खामी नहीं हो. अगर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के स्तर पर कोई भी लापरवाही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई होगी.
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यह दिए निर्देश -
- स्ट्रांग रूम की चेकिंग बढ़ाई जाए.
- स्ट्रांग रूम से पेपर किसी भी जरिए से बाहर नहीं निकलने दे.
- संग्रहण केंद्रों पर विशेष एतिहात बरती जाए.
- त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था और अन्य सुरक्षा व्यवस्था का रोडमैप बनाकर अमल में लाएं.
- परीक्षा के लिए आवागमन के विशेष साधनों का इंतजाम किया जाए.
23 और 24 जुलाई को होगी रीट परीक्षा: रीट परीक्षा की तारीख पहले ही जारी कर दी गई है. रीट परीक्षा इस बार 23 और 24 जुलाई को आयोजित की जायेगी. हालांकि इस बार भी परीक्षा की नोडल एजेंसी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर को ही बनाया है. अध्यापक लेवल-1 और लेवल-2 के कुल 62,000 पदों पर भर्ती की जानी है. इनमें से अध्यापक लेवल-1 के 15000 और लेवल-2 के 31500 अर्थात कुल 46500 नए पदों के लिए यह भर्ती होगी.
रीट लेवल-2 हुई थी रद्द: प्रदेश में रीट पेपर लीक मामले को लेकर लगातार विवाद खड़ा हो रहा था. यहां तक कि विधानसभा में भी इस मामले की गूंज सुनाई दी थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक 2 दिन पहले यानी कि 7 फरवरी को फरवरी को रीट लेवल-2 की परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की थी. इसके साथ सीएम गहलोत ने 30 हजारों शिक्षकों के पदों के लिए भर्ती करने की भी घोषणा की थी.
रीट को लेकर आया राजनीति उबाल: प्रदेश में रीट परीक्षा-2021 के आयोजन को लेकर पहले तो प्रदेश की गहलोत सरकार ने खूब वाहवाही ली, लेकिन परीक्षा के कुछ दिन बाद ही नकल और पेपर लीक के मामले सामने आने से यह सबसे बड़ी परीक्षा विवादों में घिर गई थी. इस मामले में बड़े स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज भी गिरी. बीजेपी ने इस मसले को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी रीट केस की जांच सीबीआई से करवाने की मांग पर अड़ी हुई है.
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बैठक में यह रहे मौजूद : बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल, प्रमुख सचिव अपर्णा अरोड़ा व अन्य अधिकारी मौजूद रहे. इसके साथ परीक्षा की नोडल एजेंसी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के सदस्य वीसी के जरिये जुड़े.