जयपुर. कोरोना के समय खराब माली हालत से जूझ रहे पर्यटन उद्योग को उभारने की दिशा में सीएस निरंजन आर्य ने होटल, बार, रेस्तरां संचालकों और टूर ऑपरेटर्स की बैठक ली. करीब डेढ़ घंटे की हुई बैठक में सीएस, प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता, यूडीएच प्रमुख सचिव भास्कर सावंत सहित अन्य अधिकारियों ने होटल एसोसिएशन से जुड़े मुद्दों को सुना और जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया.
आज की इस बैठक के बाद होटल संचालक सरकार के प्रयासों से संतुष्ट नजर आए और उन्होंने कहा कि एक-एक मुद्दे को लेकर अधिकारियों ने गंभीरता दिखाई है और खुद सीएस ने 3 माह में सारे मुद्दे सुलझाने के और अगली बैठक में यह मुद्दा वापस नहीं आने के निर्देश दिए हैं. बैठक में यूडीएच प्रमुख सचिव भास्कर सावंत, प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता सहित पर्यटन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.
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ये उठे बैठक में प्रमुख मुद्दे
- बैठक में नाइट कर्फ्यू की सीमा शाम 7 बजे के बजाय रात 11 बजे से शुरू करने की मांग
- पर्यटन को 1989 में उद्योग घोषित किया गया, लेकिन इसके लाभ नहीं मिले
- उद्योग को देय बिजली, पानी, लैंड कन्वर्जन में रियायत देने की मांग
- आरटीडीसी जैसे बार लाइसेंस फीस को 1 साल के लिए माफ करने की मांग
- लक्जरी कोच और कार्स का टैक्स साल या 2 साल के लिए माफ करने की मांग
- ट्रांसपोर्ट में यथासंभव ज्यादा रियायत देने की मांग
- इवेंट्स और फिल्मसिटी जैसे प्रोजेक्ट्स में लाइसेंस फीस को माफ किया जाए या इसमें कटौती की जाए
- संचालकों ने कहा-15% बिजनेस रह गया, 50-60 हजार करोड़ का नुकसान हो गया पर्यटन उद्योग को इससे उबारने के लिए अलग पैकेज की मांग
- बार रेस्तरां को शाम 7 बजे के बाद बन्द करने के बजाय रात 11 बजे तक दी जाए छूट
- कर्मियों के लिए पास बना दिए जाएं, जिससे हो सके पहचान
- बिजली के लिए लगता है फिक्स चार्जेज, इसमें भी रियायत की मांग
- राजस्थान में 30% रोजगार सृजन होटल उद्योग से होता है, जीडीपी की 22% राशि टूरिज्म से आती है इस सेक्टर का सर्वाइवल बहुत जरूरी है.
- सीएस और अन्य अधिकारी टूरिज्म सेक्टर के लिए काफी पॉजीटिव, काफी वक्त हमारे इश्यूज को लेकर बिताया और हर बिंदु पर उन्होंने अलग नोट्स लिए और समस्या का समाधान 3 माह में करने के निर्देश दिए.
- सीएस ने कहा कि 3 माह बाद अगली बैठक में ये मुद्दे वापस नहीं आने चाहिए
- आबकारी और वित्त विभाग के अन्य अधिकारी भी इस पर सहमत थे. वार्ता चलती रहती है, सरकार ने काफी मदद की है
- 15% बिजनेस रह गया होटल उद्योग का, 50-60 हजार करोड़ का नुकसान हो गया पर्यटन उद्योग को इससे उबारने के लिए अलग पैकेज की मांग.