अजमेर. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल संख्या एक में तैनात जवान ने ड्यूटी के दौरान कंट्रोल रूम में फांसी लगा आत्महत्या कर ली. मृतक जवान ने सुसाइड नोट में मौत के कारणों का खुलासा किया है, लेकिन पुलिस और सीआरपीएफ प्रबंधन इसे छिपाने का प्रयास कर रहा है.
अजमेर के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल संख्या 1 में तैनात मालाखेड़ा निवासी राजेंद्र सिंह चौधरी सोमवार सुबह कंट्रोल रूम के कमरे में ही फांसी के फंदे से झूलता मिला. इससे ग्रुप केंद्र में सनसनी फैल गई. सूचना मिलते ही प्रशिक्षु आरपीएस मनीष शर्मा व अलवर गेट थाने का जाप्ता मौके पर पहुंचा. पुलिस ने जांच कर शव को फंदे से उतर आया और जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. सूचना पर परिजन भी अजमेर पहुंचे और पुलिस से पूरी जानकारी ली.
पढ़ें- वेब सीरीज 'आश्रम' के निर्माता प्रकाश झा और अभिनेता बॉबी देओल को जोधपुर महानगर अदालत ने भेजा नोटिस
इस संबंध में जब सीआरपीएफ के डीआईजी अजय मिश्रा से बातचीत की गई तो उन्होंने भी अपने स्तर पर जांच करवाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया. वहीं, अलवर गेट के थानाधिकारी व प्रशिक्षु आरपीएस मनीष शर्मा ने बताया कि मौके से सुसाइड नोट मिला है और मृतक राजेंद्र मानसिक अवसाद में बताया जा रहा था. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.
खबर लिखे जाने तक मृतक के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका और उसके परिजन भी मोर्चरी नहीं पहुंचे थे. पुलिस भी खुलकर इस मामले में बोलने से कतरा रही है.