जयपुर. राजस्थान पुलिस हार्डकोर अपराधियों को पकड़ने के लिए दावे तो बड़े-बड़े करती है, लेकिन टेक्निक औऱ संसाधनों के मामले में पिछड़ी हुई नजर आ रही है। प्रदेश के ऐसे सैकड़ों बड़े अपराधी हैं, जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर इन अपराधियों के फोटो तक उपलब्ध नहीं हैं। पुलिस आमजन से भी बदमाशों की जानकारी देने की अपील वेबसाइट के माध्यम से कर रही है, लेकिन बदमाशों की फोटो नहीं होने के चलते (Rajasthan hardcore criminals photo) बदमाशों की पहचान करना बेहद मुश्किल है. राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की वेबसाइट लगातार अपडेट होती रहती है, लेकिन हार्डकोर बदमाशों की फोटो राजस्थान पुलिस नहीं जुटा पा रही है.
बदमाशों पर इनाम लाखों में, लेकिन फोटो एक की भी नहीं : जब ईटीवी भारत ने इस पूरे प्रकरण की पड़ताल की और राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर जाकर लाखों रुपए के इनामी बदमाशों की जानकारी देखी तो पाया कि ऐसे हार्डकोर बदमाश जिन पर राजस्थान पुलिस ने लाखों रुपए का इनाम घोषित किया है, उनकी फोटो तक पुलिस के पास मौजूद नहीं है.
राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की वेबसाइट पर जिन हार्डकोर इनामी बदमाशों की जानकारी पुलिस की तरफ से साझा की गई है, उसमें विष्णु बिश्नोई पर 5 लाख, कंवरपाल सिंह पर 1 लाख और राजेश उर्फ राजू फौजी पर 1 लाख रुपए का इनाम घोषित है. वहीं, इन तीनों हार्डकोर बदमाशों की फोटो वेबसाइट पर मौजूद नहीं है. इसी तरह से लिस्ट में शामिल 50 हजार से लेकर 25 हजार रुपए के इनामी बदमाशों की फोटो भी पुलिस के पास मौजूद नहीं हैं.
हुलिया बदलकर फरारी काट रहे बदमाश : पुलिस के पिछले विशेष अभियान में कई ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है, जो पिछले कई वर्षों से अपना हुलिया बदलकर छोटे गांव या कस्बों में फरारी काट रहे थे. ऐसे ही एक शातिर बदमाश देशबंधु जाट पिछले 27 वर्षों से एक आश्रम में साधु का भेष बनाकर हरियाणा के भिवाड़ी क्षेत्र में फरारी काट रहा था, जिसे अनेक प्रयासों के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया.
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इसी प्रकार से मुकेश खटीक नाम का एक बदमाश 20 साल से अपना नाम और हुलिया बदलकर आगरा में एक पेट्रोल पंप पर काम कर रहा था. इसी प्रकार से पिछले 9 सालों से फरार चल रही एक शातिर महिला मोना देवी को यूपी के एक गांव से गिरफ्तार किया गया, जो अपना नाम, स्थान व मोबाइल नंबर बदलकर फरारी काट रही थी.