नई दिल्ली/ जयपुर. जुलाई 2020 में राजस्थान से सांसद एवं कैबिनेट मंत्री गजेंद्र शेखावत की बातचीत का एक ऑडियो लीक होने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज कर ली है. मंत्री द्वारा दी गई शिकायत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसके साथ ही गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों एवं पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं. क्राइम ब्रांच का कहना है कि फिलहाल, पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.
आपराधिक साजिश के तहत कॉल की गई टैप
क्राइम ब्रांच द्वारा गुरुवार को दर्ज की गई FIR में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत खुद शिकायतकर्ता हैं. उन्होंने शिकायत में बताया है कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा एवं अन्य ने आपराधिक साजिश के तहत उनके कॉल को टैप किया था. इसमें राज्य सरकार के गृह मंत्रालय एवं पुलिस अधिकारियों ने भी साथ दिया. इतना ही नहीं मीडिया में, इसे लीक करने में भी ओएसडी का हाथ रहा है.
मीडिया में चलाया गया था टैप ऑडियो
शिकायत में कहा गया है कि 17 जुलाई 2020 को कई मीडिया चैनल पर एक टेलिफोनिक कन्वर्सेशन चलाया गया. यह एमएलए भंवर सिंह, संजय जैन और शिकायतकर्ता के बीच की बातचीत का बताया गया. यह कॉल अवैध तरीके से रिकॉर्ड की गई थी, जो उनकी निजता का हनन है.
एक तरफ जहां राजस्थान के मुख्य सचिव का दावा था कि उन्होंने इस टेलिफोनिक इंटरसेप्शन के लिए इजाजत नहीं दी. वहीं, मीडिया हाउस ने नोटिस के जवाब में बताया कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने ही ऑडियो क्लिप उन्हें दी थी. राजनीति के तहत उनकी इस बातचीत का इस्तेमाल किया गया.
FIR दर्ज कर जांच शुरू
क्राइम ब्रांच ने बीते 25 मार्च को उनकी शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है. इसमें इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 26, आईटी एक्ट की धारा 72/ 72ए और आईपीसी की धारा 409/120 शामिल की गई है.
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मुख्य आरोपी लोकेश शर्मा को बनाया गया है, जिसके खिलाफ मंत्री ने शिकायत दी है. पूरे मामले को लेकर जल्द ही, उनसे पूछताछ की जाएगी और इसके बाद ही पूरे मामले में उनकी भूमिका स्पष्ट होगी. बता दें कि मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तुगलक रोड थाने में FIR दर्ज कराई है. इसकी गंभीरता को देखते हुए इस शिकायत को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था.