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एसीपी सौरभ तिवाड़ी को राहत नहीं, कोर्ट ने खारिज की रिवीजन अर्जी - Rajasthan Latest News

जयपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम 1 महानगर द्वितीय ने एसीपी आमेर सौरभ तिवाड़ी की ओर से दायर रिवीजन अर्जी को खारिज कर दिया है.

Additional Sessions Court No.-1 Mahanagar II,  ACP Saurabh Tiwar
कोर्ट ने खारिज की रिवीजन अर्जी
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Published : Jul 22, 2021, 6:35 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 8:44 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय ने संपत्ति विवाद में भाइयों के बीच हुए झगडे में एक पक्ष की ओर से दबाव बनाने के मामले में एसीपी आमेर सौरभ तिवाड़ी की ओर से पेश रिवीजन अर्जी को खारिज कर दिया है.

रिवीजन में निचली अदालत के गत 9 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत अदालत ने सौरभ तिवाड़ी के खिलाफ माणक चौक थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. रिवीजन अर्जी में कहा गया कि प्रार्थी ने अपनी पदीय शक्तियों के अधीन कार्य किया है. ऐसे में बिना अभियोजन स्वीकृति निचली अदालत एफआईआर दर्ज करने का आदेश नहीं दे सकती.

पढ़ेंः जयपुर ग्रटर नगर निगम आयुक्त से मारपीट के आरोपी पार्षदों को जमानत

जिसका विरोध करते हुए निचली अदालत में परिवादी रही गोमती देवी के अधिवक्ता संदीप लुहाडिया ने कहा कि भाइयों के बीच मारपीट की क्रास एफआईआर की जांच आरोपी एसीपी के पास थी. बतौर जांच अधिकारी एसीपी परिवादी के एक पुत्र और उसके परिजनों को बार-बार ऑफिस बुलाकर परेशान कर रहा था और दूसरे भाई के पक्ष में रजिस्ट्री करवाने का दबाव डाल रहा था. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी एसीपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश को रद्द करने से इनकार करते हुए निगरानी अर्जी को खारिज कर दिया है.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय ने संपत्ति विवाद में भाइयों के बीच हुए झगडे में एक पक्ष की ओर से दबाव बनाने के मामले में एसीपी आमेर सौरभ तिवाड़ी की ओर से पेश रिवीजन अर्जी को खारिज कर दिया है.

रिवीजन में निचली अदालत के गत 9 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत अदालत ने सौरभ तिवाड़ी के खिलाफ माणक चौक थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. रिवीजन अर्जी में कहा गया कि प्रार्थी ने अपनी पदीय शक्तियों के अधीन कार्य किया है. ऐसे में बिना अभियोजन स्वीकृति निचली अदालत एफआईआर दर्ज करने का आदेश नहीं दे सकती.

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जिसका विरोध करते हुए निचली अदालत में परिवादी रही गोमती देवी के अधिवक्ता संदीप लुहाडिया ने कहा कि भाइयों के बीच मारपीट की क्रास एफआईआर की जांच आरोपी एसीपी के पास थी. बतौर जांच अधिकारी एसीपी परिवादी के एक पुत्र और उसके परिजनों को बार-बार ऑफिस बुलाकर परेशान कर रहा था और दूसरे भाई के पक्ष में रजिस्ट्री करवाने का दबाव डाल रहा था. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी एसीपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश को रद्द करने से इनकार करते हुए निगरानी अर्जी को खारिज कर दिया है.

Last Updated : Jul 22, 2021, 8:44 PM IST
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