जयपुर. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट स्थित एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत ने राजस्थान सरकार में मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी को दुष्कर्म मामले में मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने से इनकार कर दिया (Court denied to cancel bail of Rohit Joshi) है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दायर अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने रोहित जोशी के खिलाफ ऐसे ठोस साक्ष्य पेश नहीं किए हैं, जिससे साबित हो कि उसने अग्रिम जमानत का दुरुपयोग किया हो.
दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि आरोपी रोहित प्रभावशाली है और वह पीड़िता को धमका रहा है. आरोपी का संबंध हार्डकोर अपराधियों से भी है. इसलिए पीड़िता की सुरक्षा कारणों से रोहित को दी गई अग्रिम जमानत को रद्द किया जाए. वहीं आरोपी की ओर से कहा गया कि वह जांच में सहयोग कर रहा है. उसने अग्रिम जमानत का दुरुपयोग नहीं किया है. इसके अलावा राजस्थान हाईकोर्ट ने पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दे रखे हैं.
गौरतलब है कि रोहित जोशी के खिलाफ पीड़ित युवती ने मई माह में दिल्ली पुलिस को रिपोर्ट दी थी. इसमें कहा था कि रोहित ने शादी का झांसा देकर जनवरी 2021 से अप्रैल 2022 तक उसका शारीरिक शोषण किया है. एफआईआर में कहा कि रोहित मंत्री का बेटा है और उसे राजस्थान पुलिस पर भरोसा नहीं है, इसलिए मामले की रिपोर्ट दिल्ली में दर्ज करवाई है. मामले में दिल्ली पुलिस अनुसंधान कर रही है.