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बिजली खरीद में नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार, हर आरोप का ऊर्जा मंत्री ने दिया जवाब और किया भाजपा से ये सवाल... - gulab chand dataria

प्रदेश में बिजली संकट और खरीद को लेकर लगाए जा रहे भाजपा के आरोपों को ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि बिजली खरीद में किसी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ. बिजली कंपनियों की मौजूदा खराब हालत के लिए भी ऊर्जा मंत्री ने पिछली भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया. विधानसभा में मंगलवार को ऊर्जा मंत्री ने सरकार की ओर से जब यह जवाब दिया तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के साथ उनकी नोकझोंक भी हुई.

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बिजली खरीद में नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार
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Published : Sep 14, 2021, 7:25 PM IST

जयपुर. ऊर्जा मंत्री ने सोमवार को शून्यकाल में बिजली संकट, खरीद और लगातार बढ़ रहे बिजली के बिल के आरोपों पर मंगलवार को अपना जवाब देने की बात कही थी और जब सदन में जवाब दिया तो पिछली भाजपा सरकार पर भी कई सवाल खड़े कर दिए.

ऊर्जा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस ने कृषि कनेक्शन पर बिजली की दर नहीं बढ़ाए जाने का वादा किया था और आज भी उस पर कायम है. साथ ही कृषि कनेक्शन पर 1 हजार रुपये मासिक और सालाना 12 हजार रुपये का अनुदान भी सरकार दे रही है. मंत्री कल्ला ने कहा कि राजस्थान में अधिकतर उत्पादन इकाई कोयले पर निर्भर है और कोयला केंद्र सरकार के अधीन आता है. ऐसे में जब इसकी आपूर्ति कम होती है तो बिजली उत्पादन पर इसका असर पड़ता है.

भ्रष्टाचार के आरोप पर मंत्री कल्ला का जवाब...

विनियामक आयोग डिस्कॉम की मौजूदा हालत के अनुसार तय करता है दर : ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली की दर विनियामक आयोग बिजली वितरण कंपनियों की मौजूदा आर्थिक हालात को देखकर ही तय करने के निर्देश देता है. जिस प्रकार के हालात अभी डिस्कॉम के हैं उसके आधार पर ही बिजली की दर भी तय हुई है. कल्ला ने बिजली के बिल में लगाए जा रहे विभिन्न शुल्कों को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी. ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि हमने पवन ऊर्जा के जरिए 2 से 3 प्रति यूनिट तक की भी सस्ती बिजली की खरीद भी की है.

पढ़ें : विधानसभा में पास हुआ राजस्थान माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2021, प्रधानमंत्री को शिकायत की बात आई तो बदले विपक्ष के स्वर

पिछली भाजपा सरकार पर लगाए यह आरोप, नेता प्रतिपक्ष से कहा- दीजिए इसका जवाब : सदन में अपने जवाब में ऊर्जा मंत्री ने पिछली भाजपा सरकार पर भी बिजली के क्षेत्र में कुप्रबंधन का आरोप लगाया. मंत्री ने कहा कि भाजपा के नेता उदय योजना का जिक्र करके डिस्कॉम को घाटे से उबारने का श्रेय लेते हैं, लेकिन राजस्थान और डिस्कॉम को उदय योजना से कोई लाभ नहीं मिला. क्योंकि केंद्र ने जो मदद की उस पर 10860 करोड़ का ब्याज की वसूली भी डिस्कॉम से करने का निर्णय पिछली भाजपा सरकार ने लिया.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने 31 मार्च 2019 को 79854 करोड़ का घाटा छोड़ा : ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय डिस्कॉम ने उत्पादन निगम से बिजली तो ली, लेकिन उसकी एवज में भुगतान नहीं किया. 5 साल में उत्पादन निगम को राजस्थान डिस्कॉम से 56046 करोड़ का बिल राशि लेनी थी, जिसके भुगतान में 40413 करोड़ ही दिए गए और इस दौरान डिस्कॉम ने 22000 करोड़ का कैपिटल व्यय किया जो अनावश्यक था. इसका जवाब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को देना चाहिए.

पढ़ें : राज्य सरकार ने फिर बढ़ाई कर्मचारी-अधिकारियों के तबादलों की तारीख, 30 सितंबर तक हो सकेंगे तबादले

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आपके कार्यकाल के दौरान बिजली कंपनियों ने अनावश्यक ऋण लिया, जिसके ब्याज चुकाने में ही अब इन कंपनियों की हालत खराब हो रही है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अडानी ग्रुप से मुकदमा हारने का एक बड़ा कारण खराब पैरवी करना रहा जो पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल का एक बड़ा फेलियर है. क्योंकि तब भी बीजेपी सरकार ने 1600 करोड़ से ज्यादा का भुगतान अडानी ग्रुप को कर दिया, लेकिन भुगतान में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई, इसका जवाब भी नेता प्रतिपक्ष को देना चाहिए.

सारा भुगतान उपभोक्ताओं को ही करना है क्या, आप लूट रहे हो उसका क्या : वहीं, मंत्री के जवाब पर सदन में मौजूद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी भड़के. कटारिया ने कहा कि अधिकारियों ने जैसा लिखकर दे दिया मंत्री ने वैसा ही पढ़ दिया. कटारिया ने यह भी कहा कि क्या सारा भुगतान उपभोक्ताओं को ही करना है. डिस्कॉम और बिजली कंपनियों के अधिकारियों की कोई गलती नहीं है. कटारिया ने कहा कि मंत्री जी अपने विभाग की नाकामी में क्या सुधार करेंगे, इस बारे में भी कहें. आज जब बिजली का बिल देखते हैं तो करंट लगता है. इसलिए अपने विभाग की नाकामी को पिछली सरकार पर डालकर आप बच नहीं सकते.

जयपुर. ऊर्जा मंत्री ने सोमवार को शून्यकाल में बिजली संकट, खरीद और लगातार बढ़ रहे बिजली के बिल के आरोपों पर मंगलवार को अपना जवाब देने की बात कही थी और जब सदन में जवाब दिया तो पिछली भाजपा सरकार पर भी कई सवाल खड़े कर दिए.

ऊर्जा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस ने कृषि कनेक्शन पर बिजली की दर नहीं बढ़ाए जाने का वादा किया था और आज भी उस पर कायम है. साथ ही कृषि कनेक्शन पर 1 हजार रुपये मासिक और सालाना 12 हजार रुपये का अनुदान भी सरकार दे रही है. मंत्री कल्ला ने कहा कि राजस्थान में अधिकतर उत्पादन इकाई कोयले पर निर्भर है और कोयला केंद्र सरकार के अधीन आता है. ऐसे में जब इसकी आपूर्ति कम होती है तो बिजली उत्पादन पर इसका असर पड़ता है.

भ्रष्टाचार के आरोप पर मंत्री कल्ला का जवाब...

विनियामक आयोग डिस्कॉम की मौजूदा हालत के अनुसार तय करता है दर : ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली की दर विनियामक आयोग बिजली वितरण कंपनियों की मौजूदा आर्थिक हालात को देखकर ही तय करने के निर्देश देता है. जिस प्रकार के हालात अभी डिस्कॉम के हैं उसके आधार पर ही बिजली की दर भी तय हुई है. कल्ला ने बिजली के बिल में लगाए जा रहे विभिन्न शुल्कों को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी. ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि हमने पवन ऊर्जा के जरिए 2 से 3 प्रति यूनिट तक की भी सस्ती बिजली की खरीद भी की है.

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पिछली भाजपा सरकार पर लगाए यह आरोप, नेता प्रतिपक्ष से कहा- दीजिए इसका जवाब : सदन में अपने जवाब में ऊर्जा मंत्री ने पिछली भाजपा सरकार पर भी बिजली के क्षेत्र में कुप्रबंधन का आरोप लगाया. मंत्री ने कहा कि भाजपा के नेता उदय योजना का जिक्र करके डिस्कॉम को घाटे से उबारने का श्रेय लेते हैं, लेकिन राजस्थान और डिस्कॉम को उदय योजना से कोई लाभ नहीं मिला. क्योंकि केंद्र ने जो मदद की उस पर 10860 करोड़ का ब्याज की वसूली भी डिस्कॉम से करने का निर्णय पिछली भाजपा सरकार ने लिया.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने 31 मार्च 2019 को 79854 करोड़ का घाटा छोड़ा : ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय डिस्कॉम ने उत्पादन निगम से बिजली तो ली, लेकिन उसकी एवज में भुगतान नहीं किया. 5 साल में उत्पादन निगम को राजस्थान डिस्कॉम से 56046 करोड़ का बिल राशि लेनी थी, जिसके भुगतान में 40413 करोड़ ही दिए गए और इस दौरान डिस्कॉम ने 22000 करोड़ का कैपिटल व्यय किया जो अनावश्यक था. इसका जवाब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को देना चाहिए.

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ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आपके कार्यकाल के दौरान बिजली कंपनियों ने अनावश्यक ऋण लिया, जिसके ब्याज चुकाने में ही अब इन कंपनियों की हालत खराब हो रही है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अडानी ग्रुप से मुकदमा हारने का एक बड़ा कारण खराब पैरवी करना रहा जो पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल का एक बड़ा फेलियर है. क्योंकि तब भी बीजेपी सरकार ने 1600 करोड़ से ज्यादा का भुगतान अडानी ग्रुप को कर दिया, लेकिन भुगतान में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई, इसका जवाब भी नेता प्रतिपक्ष को देना चाहिए.

सारा भुगतान उपभोक्ताओं को ही करना है क्या, आप लूट रहे हो उसका क्या : वहीं, मंत्री के जवाब पर सदन में मौजूद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी भड़के. कटारिया ने कहा कि अधिकारियों ने जैसा लिखकर दे दिया मंत्री ने वैसा ही पढ़ दिया. कटारिया ने यह भी कहा कि क्या सारा भुगतान उपभोक्ताओं को ही करना है. डिस्कॉम और बिजली कंपनियों के अधिकारियों की कोई गलती नहीं है. कटारिया ने कहा कि मंत्री जी अपने विभाग की नाकामी में क्या सुधार करेंगे, इस बारे में भी कहें. आज जब बिजली का बिल देखते हैं तो करंट लगता है. इसलिए अपने विभाग की नाकामी को पिछली सरकार पर डालकर आप बच नहीं सकते.

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