जयपुर. ग्रेटर नगर निगम प्रशासन की ओर से राजधानी के घरों में पल रहे डॉग्स का रजिस्ट्रेशन कराने की पहल की गई है. हालांकि इसे लेकर शहर वासियों में जागरूकता काफी कम है. निगम को शहर 50 हजार पालतू डॉग्स होने का अनुमान है. लेकिन निगम की ओर से लगाए गए दो दिवसीय शिविर के बावजूद भी अब तक अब तक महज 745 पालतू डॉग्स रजिस्टर्ड हुए हैं.
बिना रजिस्ट्रेशन पालतू कुत्ते के काटने से किसी की मौत हो जाती है. तो गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हो सकता है. शहर वासियों को इससे निजात दिलाने के लिए ग्रेटर नगर निगम प्रशासन ने 13 और 14 फरवरी को पालतू डॉग्स के निशुल्क रेबीज टीकाकरण और पंजीकरण शिविर का आयोजन कराया. दो दिवसीय इस शिविर जिम्मेदारी नगर निगम पशु प्रबंधन शाखा के साथ प्रोटेक्शन ऑफ एनिमल एंड वेलफेयर सोसाइटी को सौंपी गई.
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जिसके माध्यम से जन प्रचार और व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया गया. इस शिविर के पहले दिन 155 जबकि दूसरे दिन 240 डॉग्स का रजिस्ट्रेशन किया गया. ये आंकड़ा बहुत कम है. लेकिन निगम प्रशासन बीते 6 महीनों में हुए 350 रजिस्ट्रेशन की तुलना में इसे एक अच्छी पहल बता रहा है. हालांकि निगम का एक अनुमान है कि शहर में तकरीबन 50 हज़ार पालतू डॉग हैं. लेकिन इसकी तुलना में इस शिविर के बाद भी अब तक महज 745 डॉग्स ही रजिस्टर्ड हुए हैं.
आपको बता दें कि इस रजिस्ट्रेशन में डॉग की लंबाई, उम्र, नस्ल, नर या मादा सहित उसके मालिक की जानकारी मेंशन की जाती है. रजिस्ट्रेशन के अलावा निगम का एक मकसद रेबीज टीकाकरण भी है.