जयपुर. कोरोना के बारे में आम धारणा है कि इससे बुजुर्गों-बच्चों को ज्यादा खतरा है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो वायरस की चपेट में आने या बचे रहने के लिए उम्र की सीमा मायने नहीं रखती. कोरोना पीड़ितों के रहन-सहन, सामाजिक स्तर, किस वर्ग के लोगों में ज्यादा संक्रमण हुआ, संक्रमण का कारण क्या रहा, किस उम्र के लोगों को ठीक होने में कितना समय लगा आदि बिंदुओं पर शोध शुरू हो चुका है. जिनके ब्लड सैंपल लिए गए हैं, उनसे भी बातचीत कर अध्ययन किया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि युवा यह न सोचें कि उनका प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है तो संक्रमण नहीं होगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेताया है कि युवाओं को सचेत रहना ज्यादा जरूरी है.
कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों की उम्र को लेकर हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इस वायरस से संक्रमितों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की ही है. यह रिपोर्ट इसलिए भी देश को युवाओं को सचेत रहने की ओर इशारा करता है कि महिलाएं और बुजुर्ग अपेक्षाकृत कम ही संक्रमित हुए हैं.
राजस्थान में करीब 22, 212 पॉजिटिव मरीजों को लेकर एक रिसर्च डाटा तैयार किया गया है. यह डाटा महिलाओं और पुरूषों के उम्र के आधार पर तैयार किया गया है. इस रिसर्च में एक चौकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि कोरोना बच्चों, बुजुर्गों से अधिक संख्या में युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है. अब तक के सबसे ज्यादा केस 21 से 40 साल के लोगों में ही देखने को मिल रहे हैं. इस शोध में यह भी पता चला है कि महिलाओं की तुलना में पुरूषों में कोरोना के ज्यादा मामले हैं.
रिसर्च से यह पता लगता है कि 21 से 30 साल के उम्र के करीब 27.9 प्रतिशत और 31 से 40 साल के 21.6% मरीज सबसे अधिक संक्रमित हो रहे हैं. वही इन आंकड़ों से यह भी निकल कर सामने आया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष सबसे अधिक संक्रमित हो रहे हैं. यानी जो युवा वर्ग हैं, उन्हें सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. ऐसा माना जाता है कि युवाओं की इम्यूनिटी अन्य उम्र के लोगों की बजाय काफी मजबूत होती है, लेकिन इसके बाद भी रिसर्च में यह निकला है कि युवाओं को यह वायरस अधिक संक्रमित कर रहा है.
युवाओं को अधिक खतरा...
विभाग की ओर से जो रिसर्च किया गया है, उसके अनुसार युवा वर्ग घर से अधिक बाहर निकल रहा है, क्योंकि अधिकतर लोग नौकरी पेशा हैं. जिन्हें अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान बाहर निकलना पड़ रहा है. वहीं, प्राइवेट और सरकारी कार्यालय भी खुल चुके हैं. प्रदेश में 60 साल से अधिक व्यक्ति को घर से नहीं निकलने की हिदायत सरकार द्वारा दी गई है. ऐसे में इस उम्र के लोग घर पर रहकर यानी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, जो संक्रमण से बचे हुए हैं. वहीं, बच्चों का स्कूल बंद है, जिसकी वजह से वे भी सुरक्षित है.
अब तक 228 हेल्थ वर्कर पॉजिटिव...
आमजन के अलावा कोरोना हेल्थ वर्कर्स को भी लगातार अपनी चपेट में ले रहा है. आंकड़ों के मुताबिक सवाई मानसिंह अस्पताल में अभी तक करीब 70 चिकित्सक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और अन्य सभी हेल्थ वर्कर के आंकड़ों की बात की जाए तो अभी तक 228 हेल्थ वर्कर प्रदेश में संक्रमित पाए गए हैं. वहीं, हाल ही में जेल डीजी बीएल सोनी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और इसी के साथ अब तक प्रदेश में पुलिस के तकरीबन 110 जवान कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ कोरोना संक्रमण फैलने के तीन रास्ते हो सकते हैं...
- सिम्प्टोमैटिक: वो लोग जिनमें कोरोना के लक्षण देखने को मिले और फिर उन्होंने दूसरों को इसे फैलाया. ये लोग लक्षण दिखने के पहले तीन दिन में लोगों को कोरोना फैला सकते हैं.
- प्री सिम्प्टोमैटिक: वायरस के संक्रणम फैलाने और लक्षण दिखने के बीच भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है. इसकी समय सीमा 14 दिन की होती है, जो इस वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड भी है. इनमें सीधे तौर पर कोरोना के लक्षण नहीं दिखते, लेकिन हल्का बुख़ार, बदन दर्द जैसे लक्षण शुरुआती दिनों में दिखते हैं.
- एसिम्प्टोमैटिक: जिनमें किसी तरह के लक्षण नहीं होते, लेकिन वो कोरोना पॉजिटिव होते हैं और संक्रमण फैला सकते हैं.
मौत का आंकड़ा अलग...
अगर मौत से जुड़े आंकड़ों की बात की जाए तो प्रदेश में अभी तक 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की सबसे अधिक मौत दर्ज की गई है. चिकित्सा विभाग की ओर से 518 मौत को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है. जिसमें यह खुलासा हुआ है कि 60 वर्ष से अधिक की आयु के 231 लोगों ने कोरोना से अपनी जान गवाई है. आंकड़ों से साफ है कि एक तरफ तो यह वायरस युवाओं को सबसे ज्यादा संक्रमित कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ सबसे ज्यादा मौतें बुजुर्गों की हो रही है.
पूर्व ग्रसित (co-morbid) बीमारियों से मौत का आंकड़ा...
प्रदेश में 360 ऐसे कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई है जो पूर्व में किसी बीमारी से ग्रसित थे. आंकड़ों की बात करें तो इसमें सबसे अधिक मरीज ह्रदय रोग और डायबिटीज से पीड़ित थे. इस रिसर्च से यह साफ है कि युवाओं को अन्य उम्र के लोगों की तुलना में अधिक सचेत रहने की जरूरत है.
राजस्थान में कोरोना...
राजस्थान में अब तक कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 31 हजार 599 पहुंच चुकी है. वहीं, मौत का आंकड़ा भी 581 तक पहुंच गया है, जबकि प्रदेश में अब 8129 कोरोना केस एक्टिव हैं.