जयपुर. जयपुर के दोनों नगर निगमों की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते साल जिस नगर निगम ने 3 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 177 करोड रुपए का राजस्व वसूल किया था, उसका आधा भी वर्तमान वित्तीय वर्ष में दोनों निगम की झोली में नहीं आया. देखिये ये खास रिपोर्ट...
नगर निगम प्रशासन ने प्राइवेट फर्म के साथ नगरीय विकास कर की वसूली करनी शुरू की, वह भी अब तक फेल साबित हुई है. ऐसे में दोनों नगर निगम राजस्व बढ़ाने के लिए पुराने बकायेदारों को टटोलने के साथ नए ट्रेड नियमों, पार्किंग साइट और होर्डिंग साइट पर काम कर रहे हैं.
प्रदेश में फैले कोरोना का असर जयपुर के दोनों नगर निगम की वित्तीय स्थिति भी पड़ा. हालांकि आर्थिक तंगी से जूझ रहे जयपुर नगर निगम प्रशासन अब अपने रेवेन्यू सोर्स बढ़ाने में जुटा हुआ है. पहले राजस्व अधिकारियों पर निर्भर न रहते हुए दोनों निगमों में नगरीय विकास कर और होर्डिंग टैक्स की वसूली का काम प्राइवेट फर्म से कराना शुरू किया गया.
अब 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर स्वयं के राजस्व के स्रोत बढ़ाने के लिए पीजी हॉस्टल, कोचिंग सेंटर, निजी अस्पताल, तंबाकू उत्पाद बेचने वाले और ट्रेड लाइसेंस के 5 नियम बनाकर राज्य सरकार को गजट नोटिफिकेशन और अप्रूवल के लिए भेजा गया है. इसके अलावा नई होर्डिंग साइट और पार्किंग साइट को भी चिन्हित किया जा रहा है.
हेरिटेज नगर निगम के रेवेन्यू उपायुक्त दिलीप शर्मा की माने तो 60:40 का अनुपात राजस्व के मामले में आकलन किया गया था. लेकिन हेरिटेज नगर निगम को राजस्व के 40% स्रोत नहीं मिले हैं. हालांकि यूडी टैक्स का 40 फ़ीसदी टारगेट लिया है. कोशिश की जा रही है कि मार्च तक 16 करोड़ रुपए की रिकवरी की जाए. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान जो शेष अवधि बची है, उसमें करीब सवा 2 करोड़ होर्डिंग टैक्स से मिलने की संभावना है.
जबकि मैरिज गार्डन से करीब 30 लाख, डेयरी बूथ से 40 लाख, पार्किंग से 50 लाख राजस्व मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि नगर निगम के राजस्व पर कोविड-19 का असर तो पड़ा है. कोरोना काल में होर्डिंग साइड में छूट दी गई, मैरिज गार्डन में छूट की फाइलें सरकार के स्तर पर चल रही हैं. पार्किंग में 100 दिन की एक्स्ट्रा छूट दी गई.
ऐसे में रिवेन्यू लॉस तो हुआ है. हालांकि अब ट्रेड लाइसेंस के नए बायलॉज, 15 नई पार्किंग और पुरानी पार्किंग को रिन्यू करने, होर्डिंग के लिए 100 नई साइट डवलप करने की तैयारी की जा रही है.
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उधर, ग्रेटर नगर निगम के रेवेन्यू उपायुक्त नवीन भारद्वाज ने भी कहा कि कोरोना काल में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की इनकम पर असर पड़ा है. हालांकि अब इसे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. हर जोन में होर्डिंग साइट बढ़ाने की प्लानिंग चल रही है. वर्तमान में 916 होर्डिंग साइट को बढ़ाकर, एक हज़ार तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इसके अलावा प्रत्येक जोन में 10 पार्किंग एरिया स्पेस चिन्हित किए जा रहे हैं. जिनका ई ऑक्शन किया जाएगा. यूडी टैक्स का काम कर रही स्पैरो कंपनी को सर्वे और वसूली के काम को गति देने के निर्देश दिए गए हैं. डिमांड नोटिस देने के बाद भी टैक्स जमा नहीं कराने वालों पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा मोबाइल टावर और इंटरनेट के प्रकरणों को शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं.
जबकि डेयरी बूथ को चिह्निकरण करने का काम चल रहा है. वहीं विवाह स्थलों द्वारा पंजीकरण शुल्क और यूडी टैक्स जमा नहीं कराए जाने पर सीलिंग की कार्रवाई जारी है. बहरहाल, इसे कोरोना का साइड इफेक्ट ही कहेंगे कि इस साल शहरी सरकार को राजस्व का टोटा पड़ा.
नगर निगम के आय का मुख्य स्रोत यूडी टैक्स और होर्डिंग से होने वाली वसूली में भी इस साल निगम पिछड़ गया. हालांकि अब परिस्थितियां सामान्य होने के बाद निगम की खाली पड़ी तिजोरी भरने की कवायद तेज की गई है.