जयपुर. राजस्थान में लगातार संक्रमण के आंकड़े (Corona cases are increasing in Rajasthan) बढ़ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते इन आंकड़ों के बीच जब ईटीवी भारत ने पर्यटक और व्यापारियों से तीसरी लहर के पीछे कारण को जाना तो उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के बाद जो सरकार के स्तर पर लापरवाही बरती गई, उसकी वजह से तीसरी लहर खतरा बना है.
राजस्थान में कोरोना संक्रमण के आंकड़े 3 हजार से अधिक पहुंच गए हैं, जबकि जयपुर में यह आंकड़ा 1500 के पार पहुंच गया है. लगातार बढ़ रहे इन आंकड़ों पर जयपुर घूमने आए पर्यटकों का कहना है कि दूसरी लहर में जिस तरीके से कोरोना का खतरा बना और उसके बाद सरकार ने सख्ती की तो दूसरी लहर पर काबू पाने में कामयाब हुए. लेकिन, उसके बाद सरकार के स्तर पर जिस तरीके से छूट के दायरे तेजी से बढ़ाए गए और जो लापरवाही (negligence of people in jaipur) बढ़ती गई उसका कारण है कि हम तीसरी लहर की चपेट में आ गए हैं.
पर्यटकों ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि जब अन्य देशों में तीसरी लहर का खतरा था तो सख्तियों को बरकरार रखते. कोरोना प्रोटोकॉल की पालना कराते तो इस तरह से संक्रमण नहीं फैलता. जयपुर के लोगों का कहना है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना गाइडलाइन की सख्ती से पालना करवाई जाए. लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए जागरूक किया जाए. कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि कोरोना संक्रमण की रोकथाम हो सके.
दूसरी लहर के बाद लोग हो गए थे लापरवाह
टूरिस्ट गाइड में स्थानीय निवासी महेश कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद लोग लापरवाह हो गए थे. जयपुर में कोरोना संक्रमण बढ़ने की बड़ी वजह है कि बड़े-बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम और बड़ी सभाएं आयोजित हुई है. राजधानी जयपुर में देश के विभिन्न राज्यों से लोग घूमने आते हैं. पिछले दिनों जयपुर में ही काफी भीड़ रही है. दूसरी जगह से आने वाले लोग भी गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे थे. सख्ती नहीं होने की वजह से लापरवाही देखने को मिल रही थी. सरकार और प्रशासन को सख्ती बरतनी चाहिए.
सरकार से सख्ती की मांग
उन्होंने कहा कि अगर तीसरा लॉकडाउन लगता है तो स्थितियां काफी बिगड़ जाएगी. पर्यटन व्यवसाय पर ज्यादा असर पड़ेगा. कोरोना संक्रमण बढ़ने से पर्यटन भी प्रभावित हो रहा है. पर्यटन व्यवसाय पर करीब 70 प्रतिशत असर पड़ा है. कई प्रदेशों में वीकेंड लॉकडाउन लगाया गया है. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए पर्यटकों में भी भय का माहौल बनता है, जिसकी वजह से पर्यटक भी आने से कतराते हैं. कोरोना संक्रमण बढ़ने से पर्यटन व्यवसाय 30 प्रतिशत पर आ गया है. सरकार और प्रशासन को भी कोरोना गाइडलाइन की सख्ती से पालना करवानी चाहिए.
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जयपुर के स्थानीय लोगों की मानें तो प्रशासन और लोगों की लापरवाही से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ गया है. पिछले दिनों हुए राजनीतिक कार्यक्रमों से भी असर पड़ा है. वैक्सीन के लिए भी लोगों ने गंभीरता नहीं दिखाई. कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए सरकार और प्रशासन को भी सख्ती दिखानी पड़ेगी. लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. सभी को वैक्सीनेशन की पूरी डोज लेनी चाहिए.
चिकित्सा विभाग नहीं कर पाया रोकथाम
चौड़ा रास्ता व्यापार मंडल के महासचिव विवेक भारद्वाज ने बताया कि चिकित्सा विभाग समय पर कोरोना की रोकथाम नहीं कर पाया. शुरुआती दौर में जब कोरोना केस बढ़ने लगे तो उस वक्त प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. जब 10 से 15 कोरोना केस आने लगे थे उसी समय सतर्कता बरती जाती तो आज इतने केस नहीं बढ़ते. समय पर सैंपलिंग का दायरा बढ़ाया जाता तो आज इतने कोरोना केस नहीं बढ़ते. सरकार और प्रशासन को सैंपलिंग बढ़ानी चाहिए.
व्यापार हुआ डाउन
विवेह ने कहा कि अभी भी कोरोना पर काबू पाने का वक्त है. अगर ज्यादा बढ़ गया तो लॉकडाउन की परेशानियां बढ़ सकती है. लोगों को मास्क का उपयोग करना चाहिए और भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से लोगों को बचना चाहिए. कोरोना संक्रमण बढ़ने से व्यापार भी 70 फीसदी डाउन हो गया है. कोरोना के डर की वजह से भी लोग खरीददारी के लिए बाजारों में नहीं आ रहे हैं, जिसका फायदा ऑनलाइन बिजनेस को मिल रहा है. लोग वापस ऑनलाइन खरीददारी में ज्यादा रूचि ले रहे हैं. सरकार को चाहिए कि ऐसी सख्त व्यवस्थाएं बनाई जाए जिससे कोविड गाइडलाइन की पालना हो ताकि बढ़ते कोरोना संक्रमण की रोकथाम हो सके.
व्यापारियों के मुताबिक लोगों ने सोचा कि कोरोना चला गया और लापरवाही बरतना शुरू कर दी. बड़े कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नहीं पहनने की वजह से कोरोना फैल गया. कोरोना संक्रमण बढ़ने से व्यापार पर भी काफी असर पड़ा है.