जयपुर. प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान जमकर पतंग उड़ाई जा रही है. पुलिस प्रशासन को आशंका है कि पतंगबाजी का ये शौक जयपुर में कोरोना का जहर और ना घोल दे. इसको देखते हुए राजधानी में पतंग उड़ाने पर रोक लगाकर ड्रोन से निगरानी रखने की बात की जा रही है. हालांकि जयपुर के पतंगबाज अभी भी लापरवाह बने हुए हैं. यही वजह है कि शाम होने के साथ ही शहरवासी छतों पर और उनकी पतंगे आसमान में होती हैं.
कोरोना को हराने के लिए हर जगह सफाई और सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. लेकिन जयपुर वासियों की एक भूल या यूं कहा जाए एक शौक कोरोना की इस जंग में उन पर भारी पड़ सकती है. लॉकडाउन के पहले दिन से ही राजधानी के आसमान पर सैकड़ों पतंगे नजर आ रहीं हैं. सूरज की तपिश कम होने के साथ ही शहरवासी घर की छतों पर आ जाते हैं. उसके बाद वो काटा का शोर शुरू हो जाता है. खास करके राजधानी के परकोटा क्षेत्र में ये नजारा आसानी से देखा जा सकता हैं. लेकिन परकोटा वहीं क्षेत्र है जहां से प्रदेश के सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं.
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चूंकि कोरोना वायरस किसी भी वस्तु से फैल सकता है, आसमान में उड़ती पतंग भी संक्रमण फैला सकती है. इस बात से सभी भलीभांति परिचित हैं. बावजूद इसके इसे शहरवासियों की लापरवाही ही कहेंगे कि उनके जहन से पतंगबाजी का खुमार नहीं उतर रहा. इस संबंध में परकोटे में रहने वाले डॉक्टर अनिल शर्मा ने भी बताया कि पतंग, मांझा और सद्दा को सैनिटाइज नहीं किया जा सकता. ऐसे में पतंग के तंग बांधने से लेकर उसे उड़ाने के दौरान कई बार उसे छुआ जाता है.
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जब कोई संक्रमित व्यक्ति पतंग उड़ाकर पेंच लड़ाता है, तो कटी हुई पतंग किसी की भी छत पर जा सकती है. जिससे वायरस दूसरों तक पहुंचने का डर रहता है. ऐसे में ये पतंगबाजी संक्रमण फैला सकती है. हालांकि अब तक ऐसे मामले चिन्हित नहीं हुए हैं. बता दें कि जयपुर पुलिस ने लोगों से पतंगबाजी नहीं करने की अपील भी की है. इसके बाद ड्रोन कैमरे से पहचान कर पतंग उड़ाने वालों पर कार्रवाई की भी बात की जा रही है.