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किसान कर्ज माफी के बोझ तले दबा सहकारिता विभाग

प्रदेश की गहलोत सरकार इस बार सहकारिता विभाग के जरिए किसानों को दिए जाने वाले फसली ऋण वितरण में पिछड़ गई है. विभाग इस साल 16 हजार करोड़ का फसली ऋण रबी और खरीफ की फसल के लिए किसानों को देने का दम भर रही थी, लेकिन 7 हजार 950 करोड़ रुपए का ही फसली ऋण वितरण हो पाया. पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट...

राजस्थान किसान कर्जमाफी न्यूज, Jaipur News
किसान कर्ज माफी के बोझ तले दबा सहकारिता विभाग
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Published : Jan 31, 2020, 4:53 PM IST

जयपुर. किसानों के जरिए सत्ता में आने वाली प्रदेश की गहलोत सरकार इस बार सहकारिता विभाग के जरिए किसानों को दिए जाने वाले फसली ऋण वितरण में पिछड़ गई है. विभाग इस साल 16 हजार करोड़ का फसली ऋण रबी और खरीफ की फसल के लिए किसानों को देने का दम भर रहा था, लेकिन इसकी एवज में 7 हजार 950 करोड़ रुपए का ही फसली ऋण वितरण हो पाया. अब विपक्ष के रूप में भाजपा इसे ही मुद्दा बना रही है.

किसान कर्ज माफी के बोझ तले दबा सहकारिता विभाग

भाजपा के प्रदेश मंत्री मुकेश दाधीच के अनुसार गहलोत सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. यही कारण है कि किसानों से कर्ज माफी का जो वादा किया, वह भी पूरा नहीं हुआ और फसली ऋण वितरण का जो लक्ष्य विभाग ने तय किया, उसको हासिल करने में भी सहकारिता विभाग नाकाम रहा.

पढ़ें- Special: जिस वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाना चाहते हैं PM मोदी, उसे ही बजट के बारे में कुछ नहीं पता

दरअसल, खरीफ की फसल के लिए जून तक सहकारिता विभाग को 10 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण करना था, लेकिन इस दौरान 19 लाख 2 हजार किसानों को महज 4 हजार 580 करोड़ का ही फसली ऋण वितरण किया गया. वहीं, सितंबर महीने तक किए जाने वाले रबी की फसल के फसली ऋण के वितरण के लिए भी इस साल 6 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन तय अवधि में सहकारिता विभाग 11 लाख 70 हजार किसानों को महज 3 हजार 370 करोड़ रुपए का ही फसली ऋण वितरण कर पाई.

इसी तरह इस साल सरकार ने किसानों के ऋण की सीलिंग 1 लाख तय की थी, लेकिन खरीफ और रबी के फसली ऋण में किसानों का अधिकतम 44 हजार तक का ही ऋण मिल पाया. बताया जा रहा है कि प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी योजना के तहत एक बड़ी राशि किसानों को दे दी गई, जिसके कारण इस साल किसानों के फसली ऋण का जो लक्ष्य तय किया गया विभाग उसे आधा प्राप्त नहीं कर पाया.

जयपुर. किसानों के जरिए सत्ता में आने वाली प्रदेश की गहलोत सरकार इस बार सहकारिता विभाग के जरिए किसानों को दिए जाने वाले फसली ऋण वितरण में पिछड़ गई है. विभाग इस साल 16 हजार करोड़ का फसली ऋण रबी और खरीफ की फसल के लिए किसानों को देने का दम भर रहा था, लेकिन इसकी एवज में 7 हजार 950 करोड़ रुपए का ही फसली ऋण वितरण हो पाया. अब विपक्ष के रूप में भाजपा इसे ही मुद्दा बना रही है.

किसान कर्ज माफी के बोझ तले दबा सहकारिता विभाग

भाजपा के प्रदेश मंत्री मुकेश दाधीच के अनुसार गहलोत सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. यही कारण है कि किसानों से कर्ज माफी का जो वादा किया, वह भी पूरा नहीं हुआ और फसली ऋण वितरण का जो लक्ष्य विभाग ने तय किया, उसको हासिल करने में भी सहकारिता विभाग नाकाम रहा.

पढ़ें- Special: जिस वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाना चाहते हैं PM मोदी, उसे ही बजट के बारे में कुछ नहीं पता

दरअसल, खरीफ की फसल के लिए जून तक सहकारिता विभाग को 10 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण करना था, लेकिन इस दौरान 19 लाख 2 हजार किसानों को महज 4 हजार 580 करोड़ का ही फसली ऋण वितरण किया गया. वहीं, सितंबर महीने तक किए जाने वाले रबी की फसल के फसली ऋण के वितरण के लिए भी इस साल 6 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन तय अवधि में सहकारिता विभाग 11 लाख 70 हजार किसानों को महज 3 हजार 370 करोड़ रुपए का ही फसली ऋण वितरण कर पाई.

इसी तरह इस साल सरकार ने किसानों के ऋण की सीलिंग 1 लाख तय की थी, लेकिन खरीफ और रबी के फसली ऋण में किसानों का अधिकतम 44 हजार तक का ही ऋण मिल पाया. बताया जा रहा है कि प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी योजना के तहत एक बड़ी राशि किसानों को दे दी गई, जिसके कारण इस साल किसानों के फसली ऋण का जो लक्ष्य तय किया गया विभाग उसे आधा प्राप्त नहीं कर पाया.

Intro:Special story
फसली ऋण वितरण में पिछड़ा सहकारिता विभाग
किसान कर्ज माफी के बोझ तले दबा सहकारिता विभाग, 16 हजार करोड़ के विरुद्ध 7950 करोड़ का ही हुआ ऋण वितरण

जयपुर (इंट्रो)
किसानों के जरिए सत्ता में आने वाली प्रदेश गहलोत सरकार इस बार सहकारिता विभाग के जरिए किसानों को दिए जाने वाले फसली ऋण वितरण में पिछड़ गई है। विभाग इस साल 16 हजार करोड़ का फसली ऋण रबी और खरीफ की फसल के लिए किसानों को देने का दम भर रहा था लेकिन इसकी एवज में 7950 करोड रुपए का ही फसली ऋण वितरण हो पाया। अब विपक्ष के रूप में भाजपा इसे ही मुद्दा बना रही है। भाजपा के प्रदेश मंत्री मुकेश दाधीच के अनुसार गहलोत सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। यही कारण है कि किसानों से कर्ज माफी का जो वादा किया वह भी पूरा नहीं हुआ और फसली ऋण वितरण का जो लक्ष्य विभाग ने तय किया, उसको हासिल करने में भी सहकारिता विभाग नाकाम रहा।

दरअसल खरीफ की फसल के लिए जून तक सहकारिता विभाग को 10,000 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण करना था लेकिन इस दौरान 19 लाख 2 हजार किसानों को महज 4580 करोड़ का ही फसली ऋण वितरण किया गया। वही सितंबर तक किए जाने वाले रबी की फसल के फसली ऋण के वितरण के लिए भी इस साल 6000 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था लेकिन तय अवधि में सहकारिता विभाग 11 लाख 70 हजार किसानों को महज 3370 करोड़ रुपए का ही फसली ऋण वितरण कर पाई। इसी तरह इस साल सरकार ने किसानों के ऋण की सीलिंग 1 लाख तय की थी लेकिन खरीफ और रबी के फसली ऋण में किसानों का अधिकतम 44000 तक का ही ऋण मिल पाया। बताया जा रहा है कि प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी योजना के तहत एक बड़ी राशि किसानों को दे दी गई जिसके चलते इस साल किसानों के फसली ऋण का जो लक्ष्य तय किया गया विभाग उसे आधा प्राप्त नहीं कर पाया।

बाईट- मुकेश दाधीच, प्रदेश मंत्री, भाजपा

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Body:बाईट- मुकेश दाधीच, प्रदेश मंत्री, भाजपा

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